द लीडर | इस साल के प्रतिष्ठित नोबेल शांति पुरस्कार का एलान शुक्रवार को कर दिया है। फिलीपीन की पत्रकार मारिया रसा (Maria Ressa) और रूसी पत्रकार दमित्री मुरातोव (Dmitry Muratov) को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए उनके संघर्ष को लेकर 2021 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है। विजेताओं की घोषणा शुक्रवार को नॉर्वेजियन नोबेल समिति के अध्यक्ष बेरिट रीस-एंडरसन ने की।
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The Norwegian Nobel Committee has decided to award the 2021 Nobel Peace Prize to Maria Ressa and Dmitry Muratov for their efforts to safeguard freedom of expression, which is a precondition for democracy and lasting peace.#NobelPrize #NobelPeacePrize pic.twitter.com/KHeGG9YOTT— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 8, 2021
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मारिया रेसा के बारे में
मारिया रेसा ने 2012 में एक डिजिटल मीडिया कंपनी Rappler की सह-स्थापना की थी। नोबेल पुरस्कार समिति का मानना है कि उनकी कंपनी स्वतंत्र और तथ्य-आधारित पत्रकारिता करती है। वो सत्ता के दुरुपयोग, झूठ और युद्ध के प्रचार से बचाने का काम भी करती है।
नोबेल पुरस्कार समिति ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सूचना की स्वतंत्रता लोकतंत्र और युद्ध और संघर्ष से सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण अपेक्षाएं हैं। समिति ने कहा कि मारिया रेसा और दिमित्री मुराटोव को 2021 के नोबेल शांति पुरस्कार देना का मतलब है कि मौलिक अधिकारों की रक्षा और बचाव के महत्व सामने लाना है।
दिमित्री मुराटोव के बारे में
ये भी प्रोफेशनल जर्नलिस्ट हैं। इन्होंने लंबे समय तक रूस में तमाम चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बीच अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर अपनी आवाज उठाई है। ये 1993 में स्वतंत्र समाचार पत्र नोवाजा गजेटा के संस्थापकों में से एक थे। यह पत्र ऐसे तथ्यों को जाहिर करता रहा, जो लोगों के हित में थे, लेकिन दूसरे मीडिया उठाने से डरते थे।
इस पत्र के शुरू होने से अब तक इसके 6 जर्नलिस्ट मारे जा चुके हैं। हालांकि तमाम धमकियों के बावजूद दिमित्री नहीं झुके। इस अखबार के प्रधान संपादक दिमित्री मुराटोव ने हमेशा पत्रकारिता की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी।
मारिया रेस्सा को मानहानि के कथित मामले में 6 साल की सजा
मारिया रसा फिलीपीन्स के राष्ट्रपति की आलोचक हैं और उन्हें पहले भी कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने हाल ही में एक फैसले में छह साल कैद की सजा सुनाई गई थी। इस फैसले को देश में प्रेस की स्वतंत्रता को बड़ा झटका माना गया था। मनीला की अदालत ने ऑनलाइन समाचार साइट रैपलर इंक की मारिया रसा और पूर्व रिपोर्टर रेनाल्डो सैंटोस जूनियर को एक अमीर कारोबारी की मानहानि का दोषी पाया।
पुतिन सरकार के भ्रष्टाचार की पोल खोल चुके हैं दमित्री मुरातोव
दमित्री मुरातोव रूस में अभिव्यक्ति की आजादी की आवाज को बुलंद किए हुए हैं। वह रूसी अखबार नोवाया गजेटा के संपादक हैं। माना जाता है कि पुतिन के शासन काल में केवल उनका ही अखबार ऐसा है जो सरकार के खिलाफ आवाज उठाता रहा है। इस अखबार ने पुतिन सरकार में भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के उल्लंघन के कई मामलों का खुलासा किया है।
बीते साल किसको मिला था यह पुरस्कार
पिछले साल यह पुरस्कार विश्व खाद्य कार्यक्रम को दिया गया था, जिसकी स्थापना 1961 में विश्व भर में भूख से निपटने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ड्वाइट आइजनहावर के निर्देश पर किया गया था। रोम से काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की इस एजेंसी को वैश्विक स्तर पर भूख से लड़ने और खाद्य सुरक्षा के प्रयासों के लिए यह पुरस्कार दिया गया। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के तहत एक स्वर्ण पदक और एक करोड़ स्वीडिश क्रोनर (11.4 लाख डॉलर से अधिक राशि) दिये जाते हैं।
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10 दिसबंर को मिलेगा नोबेल
इस साल यह पुरस्कार किसे मिलेगा, इसे लेकर कई तरह के अनुमान लगाए गए थे। नोबेल कमेटी की तरफ से इस बात का कोई संकेत नहीं दिया गया था कि किस व्यक्ति या समूह को इस सम्मान से नवाजा जाएगा। पिछले एक दशक में इस पुरस्कार से कई राजनयिक, डॉक्टर और राष्ट्रपति सम्मानित हो चुके हैं।
नोबेल शांति पुरस्कार 2021 के उम्मीदवारों में बेलारूस की निर्वासित विपक्षी नेता स्वेतलाना तिखनोस्काया और रूसी विपक्षी नेता अलेक्सी नवलनी भी शामिल हैं। तिखनोस्काया ने 2020 में बेलारूस में शांतिपूर्ण विरोध का नेतृत्व किया, वह सट्टेबाजों की पसंदीदा हैं। शांति के साथ ही बाकी नोबेल पुरस्कार हर साल 10 दिसंबर को प्रदान किए जाते हैं।
क्या है नोबेल पुरस्कार
नोबेल फाउंडेशन ने स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की याद में वर्ष 1901 में Nobel Prize (नोबेल पुरस्कार) शुरू किया था। यह शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा पुरस्कार माना जाता है। इसमें प्रशस्ति-पत्र के साथ 10 लाख डॉलर की राशि दी जाती है।
4 अक्टूबर से नोबेल विजेताओं की घोषणा शुरू
इस साल नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की शुरुआत 4 अक्टूबर को ‘चिकित्सा के लिए नोबेल पुरस्कार’ के साथ हुई। 5 अक्टूबर को भौतिकी, 6 अक्टूबर को रसायन शास्त्र और 7 अक्टूबर को साहित्य का नोबेल दिया गया। 11 अक्टूबर को अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार की घोषणा होगी।