अजय मिश्रा के घर पर पुलिस ने लगाया दूसरा नोटिस, कल सुबह 11 बजे पेश होने को कहा

0
242

द लीडर | उत्तर प्रदेश पुलिस ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा के आवास पर दूसरा नोटिस लगाया है। इस नोटिस में अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में 9 अक्टूबर को सुबह 11 बजे पेश होने के लिए कहा है। बता दें, आशीष मिश्रा को क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार यानि आज सुबह बयान दर्ज कराने के लिए अपने ऑफिस बुलाया था, लेकिन वह नहीं पहुंचे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आशीष मिश्रा नेपाल भाग गए हैं। हालांकि, परिजनों का दावा है कि वह लखीमपुर खीरी में ही हैं।


यह भी पढ़े –बेलगावी हत्याकांड में 10 लोग गिरफ्तार : हिंदू लड़की के माता-पिता ने दी थी मुस्लिम युवक को मारने के लिए सुपारी, पढ़ें पूरी खबर


शुक्रवार को नहीं हुए पेश

इससे पहले पुलिस केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को पुलिस ने एक दिन पहले ही नोटिस जारी किया था। यह नोटिस मंत्री के आवास के गेट में चिपकाया गया था जिसमें लिखा था कि 8 अक्टूबर को सुबह 10 बजे उन्हें लखीमपुर खीरी पुलिस लाइन में समन किया गया है।

मंत्री के बेटे आशीष की नेपाल भागने की आशंका

लखीमपुर बवाल का मुख्य आरोपी गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र का बेटा आशीष मिश्र मोनू नेपाल भाग गया है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि आशीष मिश्र मोनू की आखिरी लोकेशन नेपाल में मिली है। हालांकि उनका गांव भी नेपाल बॉर्डर पर है। बनवीरपुर से नेपाल बॉर्डर 8-10 किलोमीटर की दूरी पर ही है।

आशीष मिश्रा पर ये हैं आरोप

फिलहाल क्राइम ब्रांच के दफ्तर में उनका इंतजार हो रहा है। आशीष मिश्रा के घर के बाहर भी सन्नाटा है। वह घर पर मौजूद नहीं हैं। आशीष मिश्रा के खिलाफ दर्ज एफआईआर में दावा किया गया है कि आशीष मिश्रा ने किसानों पर गोलियां चलाई थीं और वह किसानों को कुचलने वाली कार में भी मौजूद थे।


यह भी पढ़े –UP : आला हजरत दरगाह पर पहुंचे उलमा, उर्स में बवाल मामले पर शाम को मीटिंग


आशीष की तबीयत ठीक नहीं: अजय मिश्र

केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र ने कहा है कि उनका बेटा आशीष मिश्र आज यूपी पुलिस के सामने पेश नहीं होगा क्योंकि वह अस्वस्थ है। मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया जा रहा है। लखीमपुर हिंसा में मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्र को आज सुबह 10 बजे क्राइम ब्रांच के सामने पेश होना था, लेकिन वह पेश नहीं हुआ।

आशीष के खिलाफ इन धाराओं में केस

आशीष मिश्रा के खिलाफ बहराइच जिले निवासी जगजीत सिंह ने एफआईआर दर्ज कराई थी। आशीष मिश्रा के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 148, 149 (दंगों से संबंधित), 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना), 338 (किसी शख्स को चोट पहुंचाना जिससे उसकी जान को खतरा हो), 304-ए (लापरवाही से मौत), 302 (हत्या) और 120 बी (आपराधिक साजिश रचना) के तहत केस दर्ज हुआ है।

उम्मीद है कि प्रभावित परिवारों को न्याय मिलेगा: अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए दो किसानों के परिवारों से मिलने के लिए बहराइच जा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना का संज्ञान लिया है, अब उम्मीद है कि प्रभावित परिवारों को न्याय मिलेगा। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को इस्तीफा दे देना चाहिए।


यह भी पढ़े –उत्तराखंड चुनाव : गढ़वाल क्षेत्र में AAP को बड़ा झटका, विनोद कप्रवाण ने एक बार फिर थामा भाजपा का दामन


कोई पद या दबाव आरोपी के काम नहीं आएगा: डिप्टी सीएम

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को कहा कि लखीमपुर की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी जांच की जा रही है। दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। हम राज्य के लोगों को यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि किसी भी कीमत पर दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और कोई पद या दबाव आरोपी के काम नहीं आएगा। इससे पहले यूपी के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि जांच के बाद दोषी साबित होने वालों के खिलाफ सरकार प्रासंगिक कार्रवाई करेगी।

सरकार घटना की तह में जा रही है – योगी आदित्यनाथ

वहीं लखीमपुर की हिंसा के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सरकार घटना की तह में जा रही है। लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। जिसके खिलाफ सबूत मिलेंगे उसे छोड़ेंगे नहीं। किसी के दबाव में कार्रवाई भी नहीं करेंगे। योगी ने ये भी कहा कि जो लोग लखीमपुर आए थे, वो कोई सद्भावना के लिए नहीं आए थे। योगी के मुताबिक़ कुछ चेहरे ऐसे भी शामिल थे, जो उपद्रव और हिंसा में शामिल हो सकते हैं।

कोर्ट ने कहा – सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं

चीफ जस्टिस ने पीठ की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि कोर्ट सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है। कोर्ट ने कहा कि डीजीपी से कहा जाए कि घटनाक्रम के सबूत नष्ट ना हों, इसका ख्याल रखा जाए। कोर्ट ने यूपी सरकार से यह भी पूछा कि कौन सी एजेंसी जांच करेगी? यानी किसी और एजेंसी को जांच देने का भी संकेत दिया।

कोर्ट में यूपी सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट भी दाखिल की। इसमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट का जिक्र किया गया। यह भी बताया गया कि घटनास्थल से दो खाली कारतूस मिले हैं। इसके अलावा SIT के गठन की बात कही। कोर्ट ने इसपर भी फटकार लगाई कि SIT में सिर्फ ‘स्थानीय पुलिस अधिकारियों’ को रखा गया है।

क्या हुआ था लखीमपुर में 

बता दें कि 3 अक्टूबर (रविवार) को शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर थार महिंद्रा गाड़ी चढ़ाने के आरोप किसानों ने लगाए हैं। इस हादसे में चार किसानों की मौत हो गई थी। इसके बाद भड़की हिंसा में चार और लोगों समेत कुल आठ लोगों की मौत लखीमपुर खीरी कांड में हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले गिरफ्तारियों समेत पुलिस एक्शन पर यूपी सरकार से आज स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।


 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here