द लीडर : मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मारने) की बढ़ती घटनाओं के बीच झारखंड की राज्य सरकार एक सख्त कानून लाने जा रही है. सरकार ने प्रिवेंशन ऑफ मॉब लिचिंग बिल-2021 का ड्रॉफ्ट तैयार कर लिया गया है. इसके अंतर्गत ऐसी व्यवस्था है कि लिंचिंग में किसी नागरिक की जान जाने पर दोषियों को मृत्यु दंड की सजा दी जाएगी. (Jharkhand Mob Lynching Law)
झारखंड सरकार का मानना है कि नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए ये कानून जरूरी है. राज्य सरकार को जो कानून बनाने जा रही है. उसमें सजा की तीन कैटागिरी तय की गई हैं. पहली-लिंचिंग में किसी को चोटें आती हैं तो आरोपियों को तीन साल की सजा मिलेगी. और तीन लाख रुपये का अर्थदंड लगाया जाएगा.
दूसरी-पीड़ित को गंभीर चोटें आने पर 10 वर्ष से लेकर उम्रकैद तक की सजा और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा. लिंचिंग में मौत होने पर आरेपियों के लिए मृत्यु दंड की सजा की सिफारिश की गई है. इसके अलावा आरोपियों पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा.
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बिल में कहा गया है कि ये सख्त प्रावधान इसलिए हैं, ताकि राज्य में कोई भी शख्स भीड़ का सहारा लेकर लिंचिंग का दुस्साहस न करने पाए. लिंचिंग पर कंट्रोल के लिए पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल और सह-नोडल अफसर की जिम्मेवारी सौंपी जाएगी. (Jharkhand Mob Lynching Law)
सरकार ने लिंचिंग के लिए भीड़ को उकसाने या भीड़ हिंसा का माहौल बनाने के साजिशकर्ताओं को भी कार्रवाई की जद में लाने की व्यवस्था की है. ड्राफ्ट में कहा गया है कि साजिश रचने वालों को भी आरोपियों के समान सजा मिलेगी.
ड्रॉफ्ट को गृह राज्य मंत्रालय को भेजा जाएगा और वहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे कैबिनेट में रखा जाएगा.
आपको बता दें कि 2015 से 2018 तक यानी इन चार सालों में देश में मॉब लिचिंग की 134 घटनाएं सामने आई थीं. इसके बाद से अमूमन हर महीने देश के किसी न किसी हिस्से में लिंचिंग का मामला सामने आ रहा है. हाल में इन घटनाओं में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है. खासतौर से मध्यप्रदेश में लिंचिंग की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. (Jharkhand Mob Lynching Law)