द लीडर : उत्तर प्रदेश के बरेली में एक नवजात बच्चे को चलती गाड़ी से फेंके जाने का मामला सामने आया है. रात को गांव वालों ने बच्चे के रोने की आवाजें सुनीं तो पुलिस को खबर दी. बुधवार को जिला अस्पताल में इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई. पुलिस मामले की जांच में जुटी है. (Bareilly New Born Baby)
घटना फरीदपुर क्षेत्र की है. जेड़ गांव के पास से एक नहर गुजरती है. वहीं सड़क किनारे झाड़ियों में नवजात को फेंका गया था. बच्चे को गंभीर चोटें आईं. जिसकी बुनियाद पर ये अंदेशा जताया जा रहा है कि, उसे चलती गाड़ी से फेंका गया था.
लेकिन किस वक्त फेंका गया. इसकी सटीक जानकारी सामने नहीं आई है. हां, जब ग्रामीणों को बच्चे के रोने की आवाजें सुनाई दीं. और वे बच्चे तक पहुंचे. उस वक्त तक कीट-पतंगे और जंगली जानवार बच्चे को निशाना बना चुके थे. मासूम के बदन पर जख्मों के निशान इसके गवाह हैं. (Bareilly New Born Baby)
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बच्चे का नाल भी नहीं कटा, क्या घर में लिया था जन्म
नवजात की पहचान लड़के के रूप में हुई है. डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे का जन्म घर पर ही हुआ होगा. अस्पताल में पैदाइश होती तो नाल कटा होता. बहरहाल, पहले पुलिस बच्चे को सीएचसी और फिर जिला अस्पताल लेकर पहुंची. पांच घंटें तक डॉक्टर भी उसे बचाने की मशक्कत में जुटे रहे. लेकिन कामयाबी नहीं मिल सकी.
दो साल पहले घड़े में बंद मिली थी सीता
बरेली में नवजात बच्चे को फेंकने का ये कोई पहला मामला नहीं है. साल 2019 में सर्दी की शुरुआत में ही सिटी श्मशान घाट पर एक बच्ची घड़े के अंदर जमीन में दफ्न मिली थी. बच्ची के रोने की आवाज पर वहां से उसे निकाला गया. (Bareilly New Born Baby)
डॉक्टरों की कड़ी मेहनत और बिथरी विधायक पप्पू भरतौल के सहयोग से बच्ची को बचा लिया गया था. बाद में विधायक ने ही बच्ची को गोद ले लिया. और उनका नाम सीता रखा. अब विधायक ही बच्ची की परवरिश कर रहे हैं. सीता के साथ घटी घटना के बाद से अब तक कई नवजात बच्चों को फेंकने के कई मामले सामने आ चुके हैं.
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