Islamophobia in Europe: मुस्लिम कब्रिस्तान में किया यह काम, गुस्से में मुसलमान

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यूरोप में इस्लाम विरोधी भावना खतरनाक स्तर पर पहुंचती जा रही है। जब दुनिया नए साल की खुशियां मना रही है, साल बदलने पर भी यूरोप में इस्लाम को लेकर नजरिया नहीं बदला। जर्मनी में एक मुस्लिम कब्रिस्तान की तकरीबन 30 कब्रों को तोड़फोड़ दिया गया। इस मामले पर तुर्की के विदेश मंत्रालय ने शनिवार देर रात कहा कि नए साल की पूर्व संध्या पर उत्तर-पश्चिमी जर्मन शहर इसरलोहन में मुस्लिम कब्रिस्तान में कब्रगाहों पर हमला यूरोप में इस्लामोफोबिया बढ़ने का नया इशारा है, जिसके दोषियों को हर सूरत में तलाशकर सजा दी जानी चाहिए। (Islamophobia In Europe Muslims)

जर्मन पुलिस ने इसरलोहन के मुस्लिम कब्रिस्तान में लगभग 30 कब्रों क्षतिग्रस्त होने की सूचना की पुष्टि की है। अभियोजकों और हेगन पुलिस विभाग के बयान के अनुसार, घटना शुक्रवार देर रात या शनिवार अल सुबह हुई है। अधिकारियों ने इस बर्बर कारगुजारी को अंजाम देने की कोई भी जानकारी मुहैया कराने के लिए आम अपील जारी की है, जिससे जांच में मदद मिल सके।

हाल के वर्षों में जर्मनी में इस्लामोफोबिक अपराधों में चिंताजनक बढ़ोत्तरी के बीच यह हमला हुआ है।

घटना पर दुख व्यक्त करते हुए तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कहा कि नए साल की पूर्व संध्या पर हमला “बीमार इस्लामोफोबिक मानसिकता का एक नया संकेत है, जो खासतौर पर यूरोप में बढ़ रहा है और यहां तक आ पहुंचा है कि मुस्लिम कब्रिस्तानों को भी निशाना बनाने पर आ पहुंचा है।”

मंत्रालय ने अधिकारियों से “इस दुस्साहसिक हमले के अपराधियों” को खोजने का आग्रह किया। कहा कि इंसाफ की खातिर दोषियों को वह सजा दी जानी चाहिए, जिसके वे वास्तव में लायक हैं। साथ ही ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने को भी कहा। (Islamophobia In Europe Muslims)

हाल ही में प्रकाशित “यूरोपीय इस्लामोफोबिया रिपोर्ट 2020” रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में जर्मनी में संघीय आपराधिक पुलिस कार्यालय ने कुल 901 इस्लामोफोबिक अपराध दर्ज किए। उसी वर्ष जर्मनी में नस्लवादी PEGIDA आंदोलन द्वारा 18 बार इस्लाम विरोधी प्रदर्शन आयोजित किए गए।

इसके अलावा, 2020 में ऑनलाइन इस्लामोफोबिया में बढ़ोत्तरी देखी गई, क्योंकि रिपोर्ट के अनुसार कोरोनोवायरस लॉकडाउन के चलते सीधे तौर पर इस्लामोफाबिक एक्टिविटी मुमकिन नहीं थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यूरोप में इस्लामोफोबिया से माहौल बेहद खराब हो गया है। महाद्वीप पर मध्यमार्गी और मुख्यधारा के राजनीतिक आंदोलन भी काफी हद तक चरमपंथ से लड़ने के बहाने मुसलमानों को टारगेट करना जायज मानने लगे हैं। (Islamophobia In Europe Muslims)

जर्मनी में हाल के वर्षों में नस्लवाद और मुस्लिम विरोधी घृणा में बढ़ोत्तरी को साफ देखा गया है। जबकि पश्चिमी यूरोप में फ्रांस के बाद दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी यहां रहती है। देश की 8 करोड़ 10 लाख आबादी में लगभग 47 लाख मुसलमान हैं, जिनमें 30 लाख मुसलमान तुर्की मूल के हैं।

यूरोप में तुर्की समुदाय इस्लामोफोबिया और तुर्कोफोबिया को लेकर काफी चिंतित है।

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोआन समेत तुर्की के अधिकारी इसी फिक्र में अक्सर यूरोपीय नीति नियंताओं और राजनेताओं से नस्लवाद और दूसरे भेदभाव के खिलाफ रुख अख्तियार करने की बात करते रहते हैं, जिससे लाखों लोगों का जीवन सुरक्षित रह सके।


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