द लीडर। एक तरफ कोरोना जहां पूरी दुनिया में कहर बनकर टूट रहा है. इसके साथ ही कोरोना से बचाव के लिए कई प्रतिबंध लगाए जा रहे है. जिससे कोरोना ज्यादा न फैल पाए. वहीं फिलिस्तीन के एक इस्लामिक इमाम शेख इस्साम अमीरा ने कोरोनावायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर एक विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि, इजरायल के मुस्लिम शासकों के गलत आचरण के कारण ही कोरोनावायरस अलग-अलग रूपों में फैल रहा है. यरुशलम के अल-अक्सा मस्जिद में एक संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि, शासक समलैंगिकता की अनुमति देते हैं और नारीवादी संगठनों का पालन करते हैं, इसलिए कोरोना अपने ‘भारतीय संस्करण’ और ओमिक्रॉन रूप में पूरी दुनिया में फैल गया है. अमीरा ने भारत में सबसे पहले डिटेक्ट हुए कोविड वैरिएंट डेल्टा को भारतीय वैरिएंट कहकर संबोधित किया है.
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वायरस के बारे में लोगों को नहीं बताते तो ये वायरस नहीं फैलता
संबोधन का वीडियो फुटेज सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है जिसमें अमीरा लोगों के बीच खड़े होकर मुस्लिम शासकों और मीडिया पर निशाना साध रहे हैं. वो मीडिया को काफिर बताते हुए लोगों से कह रहे हैं कि, जिन शासकों के कारण ये विपत्ति आई है, उनके खिलाफ सभी मुसलमानों को एकजुट होना चाहिए. वो ये भी कहते दिख रहे हैं कि, अगर सरकार और मीडिया वायरस के बारे में लोगों को नहीं बताते तो ये वायरस नहीं फैलता. अमीरा वीडियो में कह रहे हैं, ‘यह घृणा क्यों फैली है? कोरोनावायरस, अपने भारतीय संस्करण और ओमिक्रॉन वैरिएंट के साथ क्यों फैल गया है? ये कौन से नाम हैं, ये रोग, जो हमारे पूर्वजों को नहीं पता थे? इसका कारण साफ है. अनैतिकता लोगों के बीच इस हद तक कभी नहीं फैली कि वो सभी को बताते चलें. फिर ये सभी बातें किसने फैलाईं? आम लोग ने? नहीं, ये काफिर और लाइसेंसी मीडिया का काम है, जो ये बातें सभी को बताता है.’
#ICYMI: Palestinian Islamic Scholar Sheikh Issam Amira in Al-Aqsa Mosque Address: The Omicron Variant Has Been Brought Upon US Because of Muslim Rulers Who Permit Homosexuality, Follow Feminist Organizations #COVID19 #covidvariant #OmicronVariant #homophobia #Palestinians pic.twitter.com/EUXCBn2mH6
— MEMRI (@MEMRIReports) December 27, 2021
समलैंगिकता के कारण फैला कोरोना उन्होंने मुस्लिम शासकों पर निशाना साधते हुए कहा कि, ये हमारे उन शासकों के कारण फैला है जो समलैंगिकता को अनुमति देते हैं और बढ़ावा देते हैं. ये हमारे उन शासकों के कारण फैला है जो नारीवादी संगठनों, सीईडीएडब्ल्यू (महिलाओं के खिलाफ भेदभाव के उन्मूलन पर समिति- Convention on the Elimination of All Forms of Discrimination Against Women) का पालन करते हैं और लैंगिक मुद्दों पर बात करते हैं…ये सभी बीमारियों के प्रसार के अग्रदूत हैं, जो हमारे पूर्वजों के बीच मौजूद नहीं था. ‘मुस्लिम शासकों के खिलाफ एकजुट हों सभी मुसलमान’ फिलिस्तीनी इमाम का कहना है कि, मुस्लिम शासकों के कारण ही कोरोना जैसी आपदा आई है इसलिए सभी मुसलमानों को इनके खिलाफ एकजुट होना चाहिए. उन्होंने कहा कि, क्रूर शासकों के खिलाफ व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से सभी मुसलमानों के प्रयासों को एकजुट करना आवश्यक है. यही शासक हम पर ये आपदा लेकर आए हैं.
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सोशल मीडिया पर हो रही आलोचना
शेख इस्साम अमीरा का यह वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है और लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं. अमेरिकी लेखक रॉबर्ट स्पेंसर ने भी एक ट्वीट किया है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि, अल-अक्सा मस्जिद में मुस्लिम विद्वान बोले- अल्लाह ने इजरायल और समलैंगिकता की वजह से ओमिक्रॉन वैरिएंट को भेजा है’ अमेरिकी पत्रिका Ramparts के संपादक डेविड होरोवित्ज ने रॉबर्ट स्पेंसर का ट्वीट रीट्वीट करते हुए लिखा है, ‘घातक कट्टरता.’ ट्विटर यूजर्स भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. सरहत नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘ये 5वीं सदी में जी रहा है.’ कैटालिना नाम की एक यूजर ने तंज के अंदाज में लिखा, ‘ये लोग तो कॉमेडियंस से बेहतर हैं.’
Deadly bigotry. https://t.co/9yCNxTj5II
— David Horowitz (@horowitz39) December 25, 2021
विवादित बयान के कारण जेल भी जा चुके हैं अमीरा
ये कोई पहली बार नहीं है जब शेख इस्साम अमीरा ने कोई विवादित बयान दिया हो. इससे पहले साल 2020 में वो अपने विवादित बयान के कारण जेल भी जा चुके हैं. दरअसल उन्होंने पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बनाने के लिए फ्रांसीसी शिक्षक सैमुअल पेटी की हत्या और सिर काटने वाले मुस्लिम की प्रशंसा की थी जिसके बाद इजरायल की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. अल-अक्सा मस्जिद से उन्हें छह महीने के लिए बैन भी कर दिया गया था.
डोनाल्ड ट्रंप को लेकर भी दिया था विवादित बयान
साल 2017 में जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मध्य-पूर्व के देशों की यात्रा पर थे, तब भी अमीरा ने एक विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि यहां के नेताओं को ट्रंप के स्वागत में कहना चाहिए, ‘दफा हो जाओ! तुम्हारे लिए हमारे पास केवल हमारी तलवारें हैं.’
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