निर्वासित असंतुष्ट समूह ने ईरान के सरकारी टेलीविजन के कई चैनलों को कथित तौर पर हैक कर देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई की मौत की ग्राफिक खबर चला दी। गुरुवार को काफी देर तक देशभर के दर्शकों ने स्क्रीन पर दिखाई देने वाली लाल रेखाओं के साथ खामेनेई की तस्वीर देखी, एक व्यक्ति चिल्ला रहा था, “राजावी को सलाम, खामेनेई को मौत”। बाद में, राजावी का एक भाषण संक्षेप में तस्वीरों पर चलता है, जहां उन्हें यह कहते हुए सुना गया, ‘आज, हम उस वक्त की इज्जत करते हैं, जिसमें प्रतिक्रियावादी ताकतों की मौत का ऐलान किया गया।” (Iranian State Television Hacked)
#BreakingNews #Iran mullahs regime TV Channel 1 was hacked by Iranian defiant youth!
The posters of Iranian resistance leaders (Massoud and @Maryam_Rajavi) were broadcasted. @FoxNews @RadioFarda_ @AFP #MEK #PMOI #NCRI pic.twitter.com/vRvDE3f1uY— Mitra Motamed (@MitraMotamed) January 27, 2022
ईरानी सरकारी टीवी के अधिकारियों ने इस घटना को “हैक” के रूप में स्वीकार किया और कहा कि वे घुसपैठ की जांच करेंगे। उन्होंने कहा कि हैकर्स ने हमले को विदेशियों की मदद से अंजाम दिया होगा।
“ऐसा लगता है कि यह एमईके के समर्थकों और शासन के रेडियो और टेलीविजन स्टेशनों के भीतर प्रतिरोध इकाइयों द्वारा किया गया था,” उन्होंने सीधे जिम्मेदारी का दावा किए बगैर कहा। एपी ने बताया कि अधिकारियों ने अपने दावे के समर्थन का कोई सबूत नहीं दिया।
हालांकि, एमईके समूह ने इस घटना से खुद को दूर कर लिया। समाचार एजेंसी द एसोसिएटेड प्रेस से पेरिस स्थित एमईके के प्रवक्ता शाहीन गोबदी ने कहा, “हमें भी आप ही की तरह इस मामले की खबर मिली है।”
MEK एक बड़ा समूह है। मसूद राजावी निर्वासित ईरानी राजनीतिक-उग्रवादी समूह पीपुल्स मुजाहिदीन (MEK) के संस्थापक हैं। (Iranian State Television Hacked)
ईरान से छत्तीस का आंकड़ा होने के बावजूद एमईके को एक बार अमेरिका और ब्रिटेन आतंकवादी संगठन के रूप में नामित कर चुके हैं।
इसकी शुरुआत शाह मोहम्मद रज़ा पहलवी के शासन का विरोध करने वाले एक मार्क्सवादी समूह के रूप में हुई थी। इस समूह पर 1970 के दशक में ईरान में अमेरिकी अधिकारियों पर सिलसिलेवार हमलों का संदेह किया गया था, जिससे समूह इनकार करता है।
इस समूह ने 1979 की इस्लामी क्रांति का समर्थन किया था, लेकिन जल्द ही अयातुल्ला खुमैनी के साथ मतभेद हो गया और समूह धार्मिक हुकूमत के खिलाफ हो गया। आरोप है कि इस समूह ने नए शिया इस्लामिक गणराज्य को निशानाकर कई हत्याओं और बम विस्फोट को अंजाम दिया।
1980 के दशक में ईरान के खिलाफ आठ साल के खूनी युद्ध के बाद MEK ने इराक में ठिकाना बनाया और सद्दाम हुसैन का भी समर्थन किया। ईरान से निर्वासित होने के बाद से MEK ईरान के इस्लामिक गणराज्य को उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध है। (Iranian State Television Hacked)
बताया जाता है कि राजावी और उनकी पत्नी मरियम राजावी पेरिस में ईरान के राष्ट्रीय प्रतिरोध परिषद (एनसीआरआई) समूह की राजनीतिक शाखा का नेतृत्व करते हैं। मसूद राजावी को लगभग दो दशकों से सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है और माना जाता है कि उनकी मृत्यु हो गई है। मरियम राजावी अब कथित तौर पर MEK चलाती हैं।
अल्बानिया में बड़े पैमाने पर इस समूह के सदस्य हैं। यह समूह आज तक ईरान के अंदर अपना मजबूत नेटवर्क होने का दावा करता है। इससे जुड़े कुछ समूह ईरान में विरोध-प्रदर्शन करते हैं। (Iranian State Television Hacked)