बरेली से दोस्ती के बजाय दुश्मनी की राह पर ओवैसी..बोले-बरेलवी मौलाना की ज़मानत होगी ज़ब्त

द लीडर हिंदी : लोकसभा चुनाव नजदीक है ऐसे में तीखे तेवरों की बारिश हो रही है. आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लेमीन के चीफ़ बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी ने बरेली से बढ़े दोस्ती के हाथ को थामने से इंकार कर दिया है.ऐसा माना जा रहा है. उन्होंने दोस्त की बदले दुश्मनी की राह पर कदम बढ़ा दिया. बतादें ओवैसी ने बरेलवी मौलाना के लिए ऐसी बात कह दी, जो काफी कटाक्ष भरी थी. उन्होंने कहा है कि मौलाना मोदी से टिकट लेकर लोकसभा का चुनाव लड़कर देख लें, ज़मानत ज़ब्त हो जाएगी.दरअसल असदुद्दीन ओवैसी एक टीवी चैनल के मशहूर शो में थे. तब उनसे सवाल किया कि एक बरेली उलमा हैं मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी, उन्होंने कहा है कि सेकुलर कहने वाले मुसलमानों का इस्तेमाल करते हैं, मोदी को वोट दो. इस पर AIMIM प्रमुख ने जवाब दिया कि मौलाना को चाहिए कि मोदी से टिकट लेकर एमपी का इलेक्शन जीत जाएं.

यूपी से टिकट ले लीजिए. ज़मानत बचा पाएं तो फिर हमको दोबारा बुला लीजिए. मौलाना हैं बोल दिए बेचारे. खजूर खा लिए होंगे तो बोल दिए हैं, बोलना ही पड़ता है. असदुद्दीन ओवैसी ने बड़े प्लेटफॉर्म से बरेलवी मौलाना के लिए बहुत बड़ी बात कही है. वही मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी की बात करें तो वो आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, जिसके नबीर-ए-आला हज़रत मौलाना मन्नान रज़ा ख़ान मन्नानी मियां सरपरस्त हैं. मौलाना शहाबुद्दीन दरगाह आला हज़रत के पास ही रहते हैं.

दरअसल, ख़ानवादा-ए-आला हज़रत आल इंडिया इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल IMC के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान ने लोकसभा चुनाव से पहले असदुद्दीन ओवैसी की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है. दिल्ली में छोटे सेकुलर दलों का मोर्चा बनाने से पहले दो बार दावत दी लेकिन AIMIM प्रमुख ने कोई जवाब नहीं दिया. इससे उलट यूपी की पांच सीटों पर उम्मीदवार उतारने का एलान कर दिया. इससे यह साफ हो गया था कि ओवैसी को मौलाना का साथ क़ुबूल नहीं है. अब आकर जिस तरह से उन्होंने बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी पर तंज़ किया है.

Abhinav Rastogi

पत्रकारिता में 2013 से हूं. दैनिक जागरण में बतौर उप संपादक सेवा दे चुका हूं. कंटेंट क्रिएट करने से लेकर डिजिटल की विभिन्न विधाओं में पारंगत हूं.

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