इंडोनेशिया: JI से रिश्ते रखने पर मौलवी समेत तीन गिरफ्तार

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इंडोनेशिया की पुलिस ने इंडोनेशियाई उलेमा काउंसिल के वरिष्ठ सदस्य मौलवी अहमद ज़ैन अन-नजाह को जकार्ता के पास छापेमारी कर दो सहयोगियों के साथ गिरफ्तार कर लिया है। उन पर आतंकी संगठन अल कायदा से जुड़े जेमा इस्लामिया के लिए धन जुटाने का आरोप लगाया गया है। (Indonesia JI Cleric Arrested)

राष्ट्रीय पुलिस प्रवक्ता रुस्दी हार्टोनो ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “मौलवी अहमद चैरिटी के धार्मिक बोर्ड के सदस्य थे। जेआई ने शिक्षा, सामाजिक गतिविधियों के लिए धन हासिल करने के लिए एक धर्मार्थ संगठन की स्थापना की थी, इसी काम के साथ कुछ धन का उपयोग जेआई की गैरकानूनी गतिविधियों के लिए जुटाया जाता था।” यह संगठन जकार्ता के अलावा सुमात्रा और जावा द्वीपों के शहरों में भी काम करता है।

धार्मिक निकाय के मुखिया चोलिल नफीस ने कहा कि मौलवी अहमद उलेमा काउंसिल के उस आयोग के सदस्य थे, जो इस्लामी फरमान जारी करता है।

यहां बता दें, 2002 के बाली नाइट क्लबों में हुए बम धमाकों के लिए जेआई को जिम्मेदार ठहराया गया है। (Indonesia JI Cleric Arrested)

जेआई दक्षिण पूर्व एशियाई चरमपंथी इस्लामी आतंकवादी समूह है, जो दक्षिण पूर्व एशिया में इस्लामी राज्य की स्थापना के लिए समर्पित है। 25 अक्टूबर 2002 को JI द्वारा बाली द्वीप के नाइट क्लबों में बमबारी के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अलकायदा से जुड़े आतंकवादी समूह के रूप में जोड़ा था।

JI इंडोनेशिया, सिंगापुर, मलेशिया और फिलीपींस में सक्रिय है। यह भी माना जाता है कि जेआई के अल-कायदा के अलावा, मोरो इस्लामिक लिबरेशन फ्रंट और जमाह अंशरुत तौहीद से भी संबंध हैं। यह समूह संयुक्त राष्ट्र, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका में आतंकवादी समूह के तौर पर नामित है।

ग्रुप इंडोनेशिया में बहुत सक्रिय रहा है, जहां जनवरी 2013 तक इसने सार्वजनिक रूप से एक वेबसाइट भी संचालित की।

इंडोनेशियन नेशनल पुलिस ने क्रैकडाउन ऑपरेशन शुरू किया, जिसमें पता चला कि जेआई समूह एक राजनीतिक दल इंडोनेशियाई पीपुल्स दावा पार्टी के भेष में भी संचालित होता है। यह चौंकाने वाली बात रही कि ऐसा पहली बार हुआ, जब एक आतंकवादी संगठन राजनीतिक दल के भेष में इंडोनेशियाई व्यवस्था में भाग लेकर दखल देने लगा हो। (Indonesia JI Cleric Arrested)

जेआई की स्थापना कई इस्लामी समूहों के ढीलेढाले संघ के रूप में 1969 के आसपास हुई, जिसकी बुनियाद अबू बकर बशीर, अब्दुल्ला सुंगकर और शाहरूल निज़ाम ने दारुल इस्लाम आंदोलन के प्रचार के रूप में डाली।

2004 में अबू बकर बशीर ने इंडोनेशिया में जेआई सहित इस्लामी समूहों को जोड़ने के लिए इंडोनेशियाई मुजाहिदीन परिषद की स्थापना की। जिसके बाद मिलिट्री ट्रेनिंग देकर दहशतगर्द समूह वजूद में आया। बशीर समूह का आध्यात्मिक नेता बन गया और हम्बाली सैन्य नेता बन गया।


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