हिंदुस्थान की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही, जानिए दौड़ में फिर भी क्यों रहे गए पीछे

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द लीडर हिंदी: हर दिन एक व्यक्ति की जीडीपी यह बताती है कि देश के हर एक व्यक्ति की औसतन कमाई कितनी होती है. ये एक देश के नागरिकों के जीवन स्तर का अंदाजा लगाने का एक तरीका होता है. इसे किसी देश की आर्थिक स्थिति मापने के लिए जीडीपी से बेहतर पैमाना माना जाता है. या ये कहे देश अर्थव्यवस्था पता लगाने का ये आसान तरीका होता है. मिली जानकारी के मुताबीक दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हिंदुस्थान की बताई जा रही है.

देश की मौजूदा मोदी सरकार का दावा है कि हिंदुस्थान की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और यह जल्द ही पांच ट्रिलियन की हो जाएगी. बता दे एक रिपोर्ट के मुताबीक भारत की इस समय दुनिया में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. हिंदुस्थान अमेरिका, चीन, जापान, जर्मनी के बाद 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है.

लेकिन जब बात आती है दुनिया के सबसे अमीर देशों की लिस्ट में शामिल होने की तो टॉप 10 की तो छोड़िए, हम टॉप-100 में भी नहीं आते. सीधी सी बात है कि मामला कहीं न कहीं काफी गड़बड़ है. वही हैरानी की बात है कि दुनिया के कई सबसे अमीर देश सबसे छोटे देशों में से हैं.

दुनिया के दस सबसे अमीर देशों की लिस्ट में एशिया के 4 और यूरोप के 5 देश शामिल हैं. पश्चिम यूरोप का एक छोटा सा देश लक्जमबर्ग दुनिया का सबसे अमीर देश है. ये बेल्जियम, फ्रांस और जर्मनी से घिरा हुआ है. क्षेत्रफल के हिसाब से लक्जमबर्ग यूरोप का 7वां सबसे छोटा देश है.

यहां की आबादी सिर्फ 6.50 लाख है. लक्जमबर्ग की सरकार देश की संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा अपने लोगों को बेहतर आवास सुविधा देने, हेल्थ केयर और एजुकेशन पर खर्च करती है. लक्जमबर्ग एक विकसित देश है, जहां जीडीपी प्रति व्यक्ति आय सबसे ज्यादा 1,43,320 डॉलर है

लक्जमबर्ग यूरोपीय संघ, संयुक्त राष्ट्र संघ, यूरोपीय संघ, नाटो और ओईसीडी का संस्थापक सदस्य है. किसी देश को किस आधार पर अमीर माना जाए ये मापने के लिए कई तरीके हैं, लेकिन सबसे आम तरीकों में से एक है प्रति व्यक्ति आय. जीडीपी एक साल में बनाए गए सभी प्रोडक्ट्स और सेवाओं की कुल कीमत होती है. जब जीडीपी को देश की कुल जनसंख्या से भाग कर दिया जाता है तो जीडीपी प्रति व्यक्ति आय निकलकर आ जाती है.

प्रति व्यक्ति जीडीपी यह बताती है कि एक देश के हर व्यक्ति को औसतन कितनी कमाई होती है. ये एक देश के नागरिकों के जीवन स्तर का अंदाजा लगाने का एक तरीका है. इसे किसी देश की आर्थिक स्थिति मापने के लिए जीडीपी से बेहतर पैमाना माना जाता है. प्रति व्यक्ति आय रैंकिंग 2023 के मुताबीक भारत अमीर देशों की लिस्ट में 129वां स्थान है.

हिंदुस्थान की जीडीपी प्रति व्यक्ति आय 2,673 डॉलर (2.21 लाख रुपए) है. आईएमएफ के अनुमानों के मुताबीक, साल 2027 तक हिंदुस्थान दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा.2014 में हिंदुस्थान इस लिस्ट में 10वें स्थान पर था. प्रति व्यक्ति जीडीपी के मामले में भारत की स्थिति पड़ोसी देश बांग्लादेश और श्रीलंका से भी खराब है।

आईएमएफ का अनुमान है कि 2027 में भारतीयों की औसत सालाना प्रति व्यक्ति आय जीडीपी 3,466 डॉलर होगी. मगर इससे प्रति व्यक्ति आय रैंकिंग में कोई सुधार नहीं होगा. दक्षिण सूडान को दुनिया का सबसे गरीब देश माना जाता है, जहां की प्रति व्यक्ति जीडीपी 475 डॉलर है.

ऑक्सफैम इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुस्थान में सिर्फ 1 फीसदी आबादी के पास देश की करीब 40 फीसदी संपत्ति है.इसका मतलब है कि एक छोटा सा वर्ग बेहद धनी है, जबकि ज्यादातर जनसंख्या आर्थिक रूप से कमजोर है. भारत का बुनियादी ढांचा अभी भी विश्वस्तरीय मानकों तक नहीं पहुंच पाया है