भारत एक जनवरी से सुरक्षा परिषद की आतंकवाद रोधी समिति की करेगा अध्यक्षता

द लीडर | संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में आतंकवाद रोधी समिति (सीटीसी) की 2022 में अध्यक्षता करते हुए भारत ने सीटीसी के कार्यकारी निदेशालय के आदेश की पुन: पुष्टि करने वाले उस प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है। इस प्रस्ताव में देशों से आतंकवादी कृत्यों को उसकी मंशा के आधार पर वर्गीकृत करने की प्रवृत्ति के खिलाफ एकजुट बने रहने का आह्वान किया गया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अपनी लिखित मौन प्रक्रिया के जरिए आतंकवाद रोधी समिति के कार्यकारी निदेशालय (सीटीईडी) के जनादेश को 31 दिसंबर 2025 तक लागू कर दिया है। इसकी अंतरिम समीक्षा दिसंबर 2023 में की जाएगी।

भारत एक जनवरी से करेगा अध्यक्ष्ता 

संयुक्त राष्ट्र में सीटीसी के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने के बाद भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने ट्वीट किया, भारत ने सीटीईडी के जनादेश की पुन: पुष्टि के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के पक्ष में बृहस्पतिवार को मतदान किया। भारत एक जनवरी 2022 से एक साल के लिए सुरक्षा परिषद की आतंकवाद रोधी समिति की अध्यक्षता करेगा। उन्होंने कहा, 2022 के लिए सीटीसी के अध्यक्ष के तौर पर भारत, आतंकवाद के विरोध में बहुपक्षीय प्रतिक्रिया को मजबूत करने में सीटीसी की भूमिका बढ़ाने के लिए निर्धारित प्रयास करेगा और सबसे महत्वपूर्ण यह सुनिश्चित करेगा कि आतंकवाद के खतरे पर वैश्विक प्रतिक्रिया स्पष्ट, अविभाजित और प्रभावी रहे।


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भारत ने क्या कहा 

भारत ने कहा, ‘‘2022 के लिए सीटीसी के अध्यक्ष के तौर पर भारत, आतंकवाद के विरोध में बहुपक्षीय प्रतिक्रिया को मजबूत करने में सीटीसी की भूमिका बढ़ाने के लिए निर्धारित प्रयास करेगा और सबसे महत्वपूर्ण यह सुनिश्चित करेगा कि आतंकवाद के खतरे पर वैश्विक प्रतिक्रिया स्पष्ट, अविभाजित और प्रभावी रहे।” उसने कहा, ‘‘हम किसी को भी, कहीं पर भी, आतंकवादी कृत्यों को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराने दे सकते। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई हमारे साझा एजेंडे के केंद्र में होना चाहिए।”

क्या है आतंकवाद विरोधी समिति (सीटीसी)

• आतंकवाद निरोधी समिति (सीटीसी) की स्थापना संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा की गई थी एक प्रस्ताव के माध्यम से जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका में 11 सितंबर के आतंकवादी हमलों के बाद 28 सितंबर, 2001 को सर्वसम्मति से अपनाया गया था।

• समिति में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी 15 सदस्य शामिल हैं। समिति का मुख्य कार्य संकल्प 1373 (2001) के प्रावधानों के कार्यान्वयन की निगरानी करना है, जिसमें देशों से अनुरोध किया गया था कि वे घर पर, अपने क्षेत्रों और दुनिया भर में आतंकवादी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए अपनी कानूनी और संस्थागत क्षमता को बढ़ाने के लिए कई उपायों को लागू करें।

• 1373 के प्रस्ताव में राज्यों से यह भी आह्वान किया गया है कि वे जितनी जल्दी हो सके, प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी कानूनी उपकरणों के पक्षकार बनें।

• आतंकवाद विरोधी समिति के वर्तमान अध्यक्ष महामहिम श्री तारेक लादेब हैं, जो संयुक्त राष्ट्र में ट्यूनीशिया गणराज्य के स्थायी प्रतिनिधि हैं।


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