देश के नाम बड़ी कामयाबी : Agni-5 Missile का सफल परीक्षण, 5 हजार किलोमीटर तक मार करने में है सक्षम

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द लीडर | भारतीय सेना की ताकत और ज्यादा बढ़ गई है। बुधवार को सतह से सतह वार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया गया। इस मिसाइल को एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लॉन्च किया गया। इस मिसाइल की रेंज 5000 किलोमीटर बताई जा रही है।

जानकारी दी गई है कि आज शाम को 7 बजकर 50 मिनट पर इस मिसाइल को लॉन्च किया गया।सरकार ने साफ कर दिया है कि उनकी नीति वहीं रहने वाली है कि किसी भी हथियार का पहले इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।ऐसे में भारत सिर्फ अपनी ताकत बढ़ाने पर पूरा जोर देगा। कहा जा रहा है कि अग्नि 5 की एंट्री से भारत की सैन्य ताकत काफी ज्यादा बढ़ गई है।

मील का पत्थर साबित हुआ यह परीक्षण

इस परीक्षण से भारत अमेरिका रूस चीन और फ्रांस के साथ इंटरकान्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल क्लब में शामिल हो गया है। भारत इस तरह की मिसाइल को विकसित करने वाला दुनिया का पांचवा देश बन गया है। अभी सिर्फ अमेरिका रूस फ्रांस और चीन के पास ही ऐसी मिसाइलें थी। रक्षा सूत्रों की माने तो आज का यह अभियान पूरी तरह सफल रहा तथा इस मिसाइल ने हिंद महासागर में अचूक निशाना लगाया। रात्रि कालीन किया गया यह परीक्षण भारतीय मिसाइल कार्यक्रम में मील का पत्थर साबित हुआ है।


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कई टारगेट कर सकती ध्वस्त

इस सब के अलावा अग्नि पांच की MIRV तकनीक भी काफी खास है जिस वजह से इसके वॉरहेड पर एक की जगह कई हथियार लगाए जा सकते हैं।ऐसे में मिसाइल एक बार में कई टारगेट को ध्वस्त कर सकती है।दावा है कि इस मिसाइल के जरिए पूरे एशिया, यूरोप, अफ्रीका के कुछ हिस्सों तक हमला किया जा सकता है।

यह है खूबियां

  • अग्नि-5 17.5 मीटर लंबी है जिसका व्यास दो मीटर यानी 6.7 फीट है।
  • यह मिसाइल एक सेकेंड में 8.16 किलोमीटर की दूरी तय करती है।
  • यह एक साथ डेढ़ टन तक परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है।
  • इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है।
  • यह मिसाल महज 20 मिनट में पांच हजार किलोमीटर की दूरी तय करके दुश्‍मन को तबाह कर सकती है।
  • पूरा एशिया और अफ्रीका महाद्वीप तथा यूरोप के अधिकांश हिस्से इसकी जद में होंगे।
  • यह मिसाइल एक बार छोड़ दी गई तो रोकी नहीं जा सकती है।
  • यह भारत के मिसाइल तरकस का सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है।
  • इसे सड़क के रास्ते कहीं भी पहुंचाया जा सकता है।
  • इस खूबी के कारण इसे दुश्मन की उपग्रह निगाहों से भी बचाया जा सकता है।
  • इस मिसाइल के तकनीक का इस्तेमाल भारत दुश्मन के उपग्रहों को नष्ट कर सकेगा।
  • इस मिसाइल में तीन स्तरीय ठोस ईंधन वाले इंजन का इस्तेमाल किया जाता है।


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इस मिसाइल का यह 8वां टेस्ट

  • 19 अप्रैल सन 2012 को अग्नि 5 का पहला परीक्षण मोबाइल लांचर के जरिए से किया गया था।
  • जनवरी 2015 में पहला केंस्टर टेस्ट किया गया था तब इसे रोड मिसाइल लॉन्चर से लॉन्च किया गया था।
  • 10 दिसंबर 2018 को अग्नि-5 का सातवा सफल परीक्षण किया गया था।

चुनिंदा देशों में शामिल हुआ भारत

इस मिसाइल का सफल परीक्षण होते ही भारत उन आठ चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है जिनके पास परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइले हैं। सनद रहे कि अग्नि-2,3 और 4 मिसाइलें पहले से ही भारतीय सेना में कमीशन हो चुकी हैं। अग्नि-1 से 4 मिसाइलों की मारक क्षमता 700 से लेकर 3,500 किलोमीटर तक की है। भारत की इस शक्तिशाली मिसाइल का निर्माण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) ने मिलकर किया है।

कई और मिसाइलों का परीक्षण करेगा भारत

सूत्रों की मानें तो भारत आने वाले दिनों में और कई बैलेस्टिक और क्रूज रेंज की मिसाइलों का परीक्षण करने वाला है। इस मिसाइल के परीक्षण के दौरान डीआरडीओ और आईटीआर से जुड़े वरिष्ठ वैज्ञानिकों और अधिकारियों का दल मौके पर मौजूद था।


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