द लीडर : भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC)में अस्थायी सदस्य की जिम्मेदारी संभाल ली है. दो साल का कार्यकाल होगा. भारत पहली बार 1950 में सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य बना था. तब से लेकर अब तक आठवीं बार ये जिम्मेदारी उठा रहा है. अगस्त में भारत को परिषद की अध्यक्षता मिलने वाली है. (India UN Security Council)
संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) में भारत के स्थायी सदस्य टीएस त्रिमूर्ति ने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, ‘भारत दुनिया भर में आतंकवाद से लड़ने पर जोर देगा. और आतंक को संरक्षण देने वाली ताकतों की साजिश बेनकाब करेगा. उन्होंने एशिया महाद्वीप में चीन की विस्तारवादी नीति पर चर्चा करते हुए कहा कि 21वीं सदी में किसी भी देश का ये रवैया नहीं चल सकता. त्रिमूर्ति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास की अवधारणा के मानव केंद्रित रूप का जिक्र करते हुए कहा कि विकास का फोकस पूरी इंसानियत का कल्याण होना चाहिए. ‘
15 सदस्सीय सुरक्षा परिषद में भारत के अलावा जो देश अस्थायी सदस्य बने हैं. उनमें नार्वे, मेक्सिको, केन्या और आयरलैंड शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र की सबसे शक्तिशाली परिषद के लिए बीते साल हुए चुनाव में भारत को 192 में से 184 वोट मिले थे. जीत के लिए निर्धारित 128 वोटों से ये आंकड़ा कहीं अधिक था. भारत 24 अक्टूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र संघ का सदस्य बना था.
चीन के साथ सीमा विवाद में गुजरा साल
चीन अपनी विस्तारवादी नीति की राह पर चल रहा है. बीते 2020 में पूरे साल भारती की सीमाओं में घुसपैठ की कोशिश में लगा रहा. भारतीय सैनिकों के साथ संघर्ष भी हुआ. सुरक्षा परषद में भारत के सदस्य बनने से चीन की चाल थमने का भी अनुमान लगाया जा रहा है.
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कितनी ताकतवर है सुरक्षा परिषद
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र संघ के छह प्रमुख घटकों में से एक है. इसका प्रमुख काम दुनिया भर में शांति और सुरक्षा स्थापित करना है. इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ में नये देशों को शामिल करना और चार्टर में बदलाव करना है. ये दुनिया के विभिन्न देशों में शांति मिशन भेजता है. अगर किसी देश में सैन्य कार्रवाई की जरूरत होती है, तो परिषद के प्रस्ताव के बाद वहां सैनिक भेजे जाते हैं. India UN Security Council