मोदी कैबिनेट 2.0 में महिलाओं का बढ़ा प्रतिनिधित्व, जानिए ?

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द लीडर हिंदी, नई दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में विस्तार किया और कई नये चेहरों को इसमें जगह दी है। खास बात ये है कि, इस बार महिलाओं को खासा प्रतिनिधित्व दिया गया है।

मोदी कैबिनेट में महिलाओं को तरजीह

बीजेपी आलाकमान ने इस बात का भी ख्याल रखा है कि, महिलाओं में भी सभी वर्गों, क्षेत्रों और शैक्षणिक योग्यता के लोगों को मौका दिया जाए। इस कैबिनेट में लाखों की कमाई वाली महिलाएं भी हैं और खेती-बाड़ी करनेवाली भीं।

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आईये जानते हैं उन नये महिला चेहरों के बारे में, जिन्हें आज कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गयी।

अनुप्रिया पटेल (उम्र – 40 वर्ष)

अनुप्रिया पटेल सोन लाल पटेल की बेटी हैं, जिन्होंने उत्तर प्रदेश में ‘अपना दल’ राजनीतिक पार्टी की स्थापना की थी। उन्होंने मनोविज्ञान में मास्टर्स की डिग्री हासिल की और एमबीए भी किया है। ये मिर्जापुर निर्वाचन क्षेत्र से साल 2014 में लोकसभा के लिए चुनी गई।

अनुप्रिया इससे पहले 2012 में वाराणसी संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाली विधानसभा सीट रोहनिया से विधायक चुनी गई थीं। 2014 के आम चुनाव में, इनकी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी के साथ चुनाव प्रचार किया था। इन्होंने भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री का पद भी संभाला। अब मोदी कैबिनेट में इन्हें दोबारा जगह मिली है।

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मीनाक्षी लेखी (उम्र – 54 वर्ष)

मीनाक्षी लेखी दिल्ली हाई कोर्ट में बतौर अधिवक्ता सेवा देने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट की जानी-मानी वकील हैं। बतौर अधिवक्ता इन्होंने महिला मुद्दों खासतौर पर घरेलू हिंसा, पारिवारिक विवाद और आर्म्ड् फोर्सेज में महिलाओं के लिए स्थाई कमीशन (Permanent Commission for Women) जैसे मुद्दे कोर्ट में उठाये। ये बीजेपी (BJP) से लगातार दो बार सांसद रह चुकी हैं। इन्होंने साल 2014 में नई दिल्ली से चुनाव जीतने के साथ लगातार दूसरी बार 2019 के चुनावों में जीत दर्ज की।

नई दिल्ली की मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली के हिंदू कॉलेज से बॉटनी में बीएससी करने के बाद डीयू के लॉ सेंटर से एलएलबी की। 1990 से लेखी दिल्ली हाईकोर्ट, कई ट्रिब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट में बतौर वकील अपनी प्रतिभा दिखा रही हैं। लेखी के पति अमन लेखी खुद भी सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया भी हैं।

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डॉ भारती प्रवीण पवार ( उम्र – 42 वर्ष)

डॉ भारती प्रवीण पवार डिंडोरी से बीजपी सांसद हैं। 1978 में जन्मी भारती पेशे से डॉक्टर हैं। इन्होंने पहली बार 2019 में लोकसभा का चुनाव जीता। वैसे नासिक जिला परिषद की सदस्य के रुप में कुपोषण और स्वच्छ पेयजल को लेकर भी इन्होंने काफी काम किया। इन्होंने सर्जरी में MBBS किया है, और जनसेवा में आने से पहले स्थापित डॉक्टर थीं।

शोभा करांदलाजे ( उम्र – 54 वर्ष)

कर्नाटक के उडुप्पी-चिकमंगलुरु से सांसद शोभा करांदलाजे दूसरी बार सांसद चुनी गई हैं। ये कर्नाटक भाजपा की महासचिव भी हैं। इससे पहले कर्नाटक सरकार में बतौर मंत्री पावर, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति जैसे विभाग संभाल चुकी हैं। इन्होंने सोशियोलॉजी में एमए किया है और ये तीन दशकों से राजनीति में हैं।

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दर्शना विक्रम जरदोश (उम्र – 60 वर्ष)

दर्शना सूरत से सांसद हैं और तीसरी बार लोकसभा के लिए चुनी गईं है। इन्होंने सूरत नगर निगम की पार्षद के तौर पर भी काम किया है। ये आर्ट एंड कल्चर से जुड़े संगठन ‘संस्कृति’ की डायरेक्टर भी हैं। ये 4 दशकों से जनसेवा में हैं और जनता में इनकी काफी अच्छी छवि है।

अन्नपूर्णा देवी (उम्र – 51 वर्ष)

अन्नपूर्णा देवी कोडरमा से सांसद हैं और पिछले लोकसभा चुनाव में पहली बार सांसद चुनी गईं। इन्होंने इतिहास में मास्टर्स की डिग्री हासिल की और महज 30 साल की उम्र में बिहार सरकार में खनन विभाग का मंत्रालय संभाला। झारखंड सरकार में बतौर मंंत्री इन्होंने सिंचाई, महिला एवं बाल विकास जैसे कई विभाग संभाले।

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प्रतिमा भौमिक (उम्र – 52 वर्ष)

प्रतिमा अगरतला की रहनेवाली हैं और त्रिपुरा वेस्ट से पहली बार सांसद चुनी गई हैं। ये बायो-साइंस में ग्रेजुएट हैं। प्रतिमा एक बहुत ही सामान्य परिवार से आती हैं, और खेती-बारी से इनके परिवार का गुजारा चलता है। इन्हें प्रशासनिक अनुभव ज्यादा नहीं है, लेकिन जनसेवा के कार्यों में आगे रहती हैं।

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