द लीडर हिंदी, नई दिल्ली। पीएम मोदी ने गुजरात के ऐतिहासिक सोमनाथ मंदिर को बड़ी सौगात दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमनाथ मंदिर में कई नई योजनाओं की शुरुआत की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सोमनाथ ‘समुद्र दर्शन’ पैदल पथ, सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र और नवीनकृत अहिल्याबाई होलकर मंदिर का उद्घाटन किया इसके साथ ही साथ ही श्री पार्वती मंदिर की आधारशिला रखी। पार्वती मंदिर श्वेत पत्थरों से बनाया जाएगा और इसकी ऊंचाई 71 फीट होगी।
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आस्था को आंतक से कुचला नहीं जा सकता- पीएम मोदी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, सावन के महीने में एक बड़ी शुरुआत हुई है। पीएम मोदी ने कहा कि, आस्था को आंतक से कुचला नहीं जा सकता, सोमनाथ मंदिर हमारे विश्वास का प्रेरणास्थल है। उन्होंने कहा कि, सोमनाथ मंदिर का अस्तित्व मिटाने की कई बार कोशिश हुई, मंदिर जितनी बार गिराया गया उतनी ही बार खड़ा हुआ। आतंक ज्यादा दिनों तक मानवता को नहीं गिरा सकता है। आतंक का अस्तित्व स्थायी नहीं हो सकता है। दुनिया आज भी आतंक की विचारधारा से पीड़ित है। अतीत के खंडहरों पर आधुनिक गौरव का निर्माण हुआ है। समृद्ध भारत का प्रतीक है सोमनाथ मंदिर। पीएम ने कहा कि देश का मूल भाव है सबका साथ, सबका विकास।
जो तोड़ने वाली शक्तियाँ हैं, जो आतंक के बलबूते साम्राज्य खड़ा करने वाली सोच है, वो किसी कालखंड में कुछ समय के लिए भले हावी हो जाएं लेकिन, उसका अस्तित्व कभी स्थायी नहीं होता, वो ज्यादा दिनों तक मानवता को दबाकर नहीं रख सकती: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) August 20, 2021
पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत सरदार पटेल के कामों को आगे बढ़ाने से की। उन्होंने कहा कि, सोमनाथ मंदिर को भव्यता देने का काम जारी है। धार्मिक पर्यटन से राजस्व में इजाफा होगा। साथ ही इससे युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।
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ये हमारे अतीत से जोड़ने का भी संकल्प है- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी गिर-सोमनाथ जिले के प्रभास पाटन शहर में स्थित सोमनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष हैं। पीएम मोदी ने इस मौके पर आगे कहा कि, हमारी सोच होनी चाहिए इतिहास से सीखकर वर्तमान को सुधारने की, एक नया भविष्य बनाने की। इसलिए, जब मैं ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ की बात करता हूं तो उसका भाव केवल भौगोलिक या वैचारिक जुड़ाव तक सीमित नहीं है। ये भविष्य के भारत के निर्माण के लिए हमें हमारे अतीत से जोड़ने का भी संकल्प है. इस मंदिर को सैकड़ों सालों के इतिहास में कितनी ही बार तोड़ा गया, यहां की मूर्तियों को खंडित किया गया, इसका अस्तित्व मिटाने की हर कोशिश की गई। लेकिन इसे जितनी भी बार गिराया गया, ये उतनी ही बार उठ खड़ा हुआ।
Prime Minister Narendra Modi lays the foundation stone of multiple projects in Somnath, Gujarat via video conferencing.
The projects include Somnath Promenade, Somnath Exhibition Centre, Parvati Temple and reconstructed temple precinct of Old (Juna) Somnath pic.twitter.com/Tcvx3XTmjm
— ANI (@ANI) August 20, 2021
बता दें कि, इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी शामिल हुए।वहीं अमित ने बोलते हुए कहा कि, पीएम मोदी ने बतौर मुख्यमंत्री ही सोमनाथ मंदिर के विकास की शुरुआत की थी, आज ऑनलाइन के जरिए लोग इस मंदिर का दर्शन कर रहे हैं। शाह ने कहा कि इस मंदिर पर कई बार हमले हुए, लेकिन हर बार यह मंदिर खड़ा हुआ। अहिल्याबाई होलकर अभी तक पुराने सोमनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है । इसके नवीनीकरण पर 3.5 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं, करीब एक किलोमीटर लंबा ‘समुद्र दर्शन’ पैदल पथ के निर्माण पर करीब 47 करोड़ रुपये की लागत आई है। सोमनाथ मंदिर परिसर में स्थित पर्यटक सुविधा केंद्र के पास सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र बना है।
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पूरे भारत को आपस में पिरोने का काम करते हैं ज्योतिर्लिंग
पीएम मोदी के मुताबिक, 12 ज्योतिर्लिंग पूरे भारत को आपस में बांधने का काम करते हैं. उन्होंने कहा कि, पश्चिम में सोमनाथ और नागेश्वर से लेकर पूरब में बैद्यनाथ तक, उत्तर में बाबा केदारनाथ से लेकर दक्षिण में भारत के अंतिम छोर पर विराजमान श्री रामेश्वर तक, ये 12 ज्योतिर्लिंग पूरे भारत को आपस में पिरोने का काम करते हैं.