लखनऊ।पंचायत चुनाव के दौरान शिक्षकों की मौत से सम्बंधित आकड़ो को लेकर सरकार को भारी विरोध सहना पड़ा था जिसको लेकर सरकार अब सरकार स्थितियों को सुधारने का प्रयास कर रही है।कोरोना संक्रमण काल के दौरान पंचायत चुनाव में मृत सभी शिक्षक तथा सरकारी कर्मियों के आश्रितों के हित में योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। लम्बे समय से चल रहे विवाद का सोमवार को सरकार ने पटाक्षेप कर दिया। इसके लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने चुनाव आयोग की गाइडलाइन में बदलाव कर ड्यूटी पीरियड को 30 दिन माना है, जबकि आमतौर पर इसको तीन दिन माना जाता है।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पंचायत चुनाव के दौरान मृत शिक्षक या अन्य सरकारी कर्मियों के परिवारीजन को 30-30 लाख रुपया की आर्थिक सहायता देगी। सरकार ने लम्बे अध्ययन तथा विचार-विमर्श के बाद तय किया कि चुनाव की तिथि के से 30 दिन के अंदर मृत शिक्षकों तथा सरकारी कर्मियों के परिवार के लोगों को आर्थिक सहायता के रूप में 30-30 लाख रुपया की धनराशि प्रदान करेगी।
कोरोना संमक्रण काल में पंचायत चुनाव में ड्यूटी या फिर चुनाव की तारीख के 30 दिन के बाद मृत शिक्षक व अन्य सरकारी कर्मी के परिवार को सरकार जरा भी निराश नहीं करेगी। अब सभी का ब्यौरा लेकर उनको सहायता राशि देने की प्रक्रिया पर काम होगा। जिससे कि कम समय में ही उन सभी को सहायता मिल सके।
आर्थिक मदद का आधार कर्मी की कोविड-19 की किसी भी तरह की पॉजिटिव रिपोर्ट
प्रदेश में पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने की तिथि से 30 दिन में जान गंवाने वाले शिक्षकों व अन्य कर्मियों के परिवार के लोगों को सरकार की तरफ से जरा भी निराशा नहीं होगी। सरकार किसी भी कर्मी जिसका निधन कोरोना वायरस के संक्रमण से हुआ या फिर पोस्ट कोविड के कारण उसकी मौत हुई, के परिवार के साथ है। उसके परिवार को आर्थिक मदद का आधार कर्मी की कोविड-19 की किसी भी तरह की पॉजिटिव रिपोर्ट, ब्लड रिपोर्ट, सीटी स्कैन आदि को माना जाएगा। अगर रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी यदि 30 दिन में किसी का निधन होता है तो उसे भी कोविड से मृत्यु मानते हुए अनुग्रह राशि दी जाएगी। संबंधित प्रस्ताव को आज ही कैबिनेट की बैठक में भी मंजूरी मिलने की पूरी उम्मीद है।