द लीडर : उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में मास्क न लगाए जाने को लेकर एक हैरतअंगेज घटनाक्रम सामने आया है. एक युवक का आरोप है कि मास्क न लगाने पर पुलिस ने उसे बेरहमी से पीटा. और हाथ-पैरों में कीलें ठोक दीं. बुधवार को युवक हाथ-पैरों में ठुकी कीलों के साथ सामने आया, तो पुलिस-प्रशासन में भी खलबली मच गई. लेकिन पुलिस ने जांच के बाद युवक के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने कहा कि 24 मई को लॉकडाउन के उल्लंघन पर उसके विरुद्ध केस दर्ज किया गया था. इससे बचने के लिए उसने ये कहानी रची है.
मामला बारादरी क्षेत्र के जोगीनवादा का है. शीला देवी ने बारादरी थाने में दिए शिकायती पत्र में कहा है कि उनका बेटा रंजीत 24-25 मई की रात करीब 10 बजे घर के बाहर था. तभी सिपाही आए. रंजीत के पास मास्क नहीं था. इसलिए उसके साथ अभद्रता और मारपीट की. बाद में पुलिसकर्मी उसे लेकर जोगीनवादा चौकी गए. जब हम चौकी गए तो बताया गया कि उसे कहीं और भेजा गया है.
बाद में रंजीत बेहोशी की हालत में पड़ा मिला. उसके हाथ-पैरों में कीलें गड़ी थीं. रंजीत ने भी पत्रकारों से बातचीत में लगभग यही दोहराया है. इस घटना पर एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने कहा कि बारादरी के रंजीत के हाथ-पैरों में कीलें ठोके जाने का मामला सामने आया है.
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इस मामले की जांच कराई गई तो सामने आया कि रंजीत के विरुद्ध 24 मई को लॉकडाउन के उल्लंघन में केस दर्ज किया गया था. इससे पहले भी वह मंदिर में मूर्ति तोड़ने के एक आरोप में जेल जा चुका है. इसलिए कार्रवाई से बचने के लिए उसने ये कहानी रची है. जांच में पुलिस द्वारा अभद्रता किए जाने या पीटने का तथ्य निराधार है.