नई दिल्ली : कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन से दुखद खबरों के आने का सिलसिला बरकरार है. शनिवार को दो किसानों ने अलग-अलग स्थानों पर आत्महत्या कर ली है. इसमें एक घटना दिल्ली के सिंघु बॉर्डर की है, जहां पंजाब के जिला फतेहगढ़ साहिब निवासी 40 साल के अमरिंदर सिंह ने जहर खा लिया. अस्तपाल ले जाने के दौरान उनकी मौत हो गई. वहीं दूसरी घटना चेन्नई की है. पेरुमल नामक किसान ने अपनी जान गवां दी है. पेरुमल ने सुसाइड नोट में किसानों के समर्थन में ये इस कदम का जिक्र किया है.
इससे पहले यूपी गेट पर उत्तराखंड के एक किसान ने आत्महत्या कर ली थी. कृषि आंदोलन में अब तक करीब करीब 50 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है. इन मौतों में करीब चार आत्महत्याएं बताई जा रही हैं.
किसान आंदोलन में 35 से अधिक मौतें, एक और किसान ने खत्म कर ली जिंदगी
पिछले 44 दिनों से किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि सरकार तीनों कानून रद करे. इसको लेकर किसान नेता और सरकार के बीच 8 दौर की बातचीत हो चुकी है. जिसमें कोई हल नहीं निकला है. सरकार कानूनों में संशोधन तो किसान पूरी तरह से कानून निरस्त करने पर अड़े हैं.

ठंड और बारिश से बेहाल किसान
दिल्ली में कड़ाके की ठंड के बीच पिछले दिनों लगातार बारिश भी हो चुकी है. आंदोलन में बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं शामिल हैं. लिहाजा आंदोलन में कुछ मौतेंं ठंड के कारण भी होनी मानी जा रही हैं. वहीं, कुछ सड़क दुर्घटना और अन्य कारणों से हुई हैं. बहरहाल, जैसे-जैसे आंदोलन में किसानों की मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है. वैसे-वैसे से सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है.
आंदोलन में पहुंची स्वरा भास्कर
बीते 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर किसान डेरा डाले हैं. शनिवार को अभिनेत्री स्वरा भास्कर समेत अन्य लोगों ने किसानों के आंदोलन में पहुंचकर समर्थन जताया है.