जनरल रावत के अपमान से आहत हुए फिल्म निर्देशक अली अकबर अपनाएंगे हिंदू धर्म, इस्लामी कट्टरपंथियों पर साधा निशाना

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द लीडर। तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर क्रैश में सीडीएस बिपिन रावत समेत 13 लोग शहीद हो गए. जिसको लेकर देश अभी भी शोक में डूबा है. और उन्हें अपने तरीके से सम्मान देने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन दूसरी तरफ कुछ कट्टर इस्लामी लोग देश के असली हीरो को निशाना बना रहे हैं, यानी कई लोग सीडीएस बिपिन रावत की मौत से खुश हो रहे है. वहीं फिल्म निर्माता अली अकबर ने सीडीएस बिपिन रावत के अपमान से दुखी होकर बड़ा फैसला लिया है. जी हां फिल्म निर्माता अली अकबर ने अपनी पत्नी के साथ हिंदू धर्म अपनाने का फैसला किया. उन्होंने कहा है कि, वे जनरल बिपिन रावत की मौत का अपमान करने वालों के चलते इस्लाम छोड़ रहे हैं. कथित रूप से कई लोगों ने जनरल रावत की मौत से जुड़ी पोस्ट पर ‘स्माइली इमोटिकॉन’ का इस्तेमाल किया था.


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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अकबर का कहना है कि, इस्लाम के शीर्ष नेताओं ने भी बहादुर सैन्य अधिकारी को अपमानित करने वाले ऐसे ‘राष्ट्र विरोधियों’ का विरोध नहीं किया. उन्होंने कहा कि, वे इसे स्वीकार नहीं कर सकते. अकबर का कहना है कि, उनका धर्म से भरोसा उठ गया है. उन्होंने बुधवार को इस संबंध में एक वीडियो फेसबुक पर भी साझा किया था. फिल्म निर्माता ने कहा था, ‘आज मैं जन्म से मिले हुए पहनावे को उतार फेंक रहा हूं. आज से मैं मुस्लिम नहीं हूं, मैं एक भारतीय हूं. मेरा यह जवाब उन लोगों के लिए हैं, जिन्होंने भारत के खिलाफ हजारों स्माइलिंग इमोटिकॉन्स पोस्ट किए हैं.’ कई मुस्लिम यूजर्स ने उनकी इस पोस्ट का विरोध किया और उन्हें अपशब्द कहे. हालांकि, कई यूजर्स उनके समर्थन में भी आए. कुछ समय बाद फेसबुक से यह पोस्ट गायब हो गई थी.

इस्लामी कट्टरपंथियों पर निशाना

एक अन्य पोस्ट में अकबर ने लिखा, देश को उन लोगों की पहचान करनी चाहिए और सजा देनी चाहिए, जो सीडीएस की मौत पर हंस रहे हैं. उन्होंने कहा कि, सोशल मीडिया पर कई राष्ट्र विरोधी गतिविधियां होती हैं और रावत की मौत पर हंसना इसका ताजा उदाहरण है. ज्यादातर लोग जो स्माइलिंग इमोटिकॉन्स के साथ कमेंट कर रहे हैं और रावत की मौत की खबर पर जश्न मना रहे हैं, वे मुस्लिम हैं. उन्होंने आगे कहा कि, उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि रावत ने पाकिस्तान और कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ कई कार्रवाई की. इन पोस्ट को देखने के बावजूद, जिनमें बहादुर सैन्य अधिकारी और देश का अपमान किया गया, किसी भी शीर्ष मुस्लिम नेता ने प्रतिक्रिया नहीं दी. मैं ऐसे धर्म का हिस्सा नहीं हो सकता.


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अली अकबर ने बताया कि, वे और उनकी पत्नी हिंदू धर्म में परिवर्तन कर लेंगे और आधिकारिक रिकॉर्ड्स में धार्मिक जानकारी बदलने की प्रक्रिया शुरू करेंगे. उन्होंने कहा कि, वे अपने दो बेटियों को धर्म बदलने के लिए मजबूर नहीं करेंगे. फिल्म निर्माता ने कहा, ‘यह उनकी पसंद हैं और मैं उन्हें ही फैसला करने दूंगा.’ अकबर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश समिति सदस्य थे. उन्होंने पार्टी नेतृत्व से मतभेदों के चलते अक्टूबर में पद से इस्तीफा दे दिया था.

कौन है फिल्म निर्माता अली अकबर ?

आपको बता दें कि, अली अकबर मलयाली फिल्मों के निर्देशक (Malayalam Film Producer) हैं । उन्होंने 20 से अधिक मलयालम फिल्मों का निर्देशन किया । अली का जन्म 20 फ़रवरी 1963 केरल में हुआ । अली अकबर 2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के बैनर तले कोडुवल्ली निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं । यही नहीं उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में कोझीकोड निगम के चुनाव में चुनाव लड़ चुके है। बचपन में हुआ ऐसा दुर्व्यवहार 2015 में, अकबर ने कहा था कि वह बाल यौन शोषण का शिकार थे, जब वह आठ साल के थे, तब उसके मदरसे में एक शिक्षक द्वारा उसके साथ दुर्व्यवहार किया गया था।


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