वाशिंगटन।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बेटे हंटर बाइडन आजकल अमेरिका में चर्चा का विषय बने हुए हैं। अपने जीवन पर लिखी पुस्तक ब्यूटीफुल थिंग्स की वजह से वह चर्चा में थे । लोग इसे उनकी साफगोई का नमूना, उनकी साहित्यिक भाषा का कमाल और नशे के आदी लोगों के लिए एक प्रेरणा बता रहे थे। अब उनके लैपटॉप से जो जिन्न ट्रम्प के कारिन्दों ने चुनावी फायदे के लिए पिछले साल निकाला था, वह उनके पीछे पड़ गया है। लोग कहने लगें की हंटर ने अपने जीवन का असली सच तो बताया ही नहीं।
नशे की वजह से हंटर की 20 साल का वैवाहिक जीवन पांच साल में तबाह हो गया। एक बार तो वह लगातार 13 दिन तक नहीं सो पाए। उनके पिता ने उन्हें बहुत मुश्किल से संभाला आदि बहुत सी बातें हंटर ने अपनी किताब में लिखी हैं लेकिन उनके जीवन में इससे भी बहुत खराब बातें हुईं। हंटर ने वेश्याओं, ड्रग्स और लग्जरी गाड़ियों पर लाखों अमेरिकी डॉलर खर्च कर डाले। यूक्रेन और चीन में उनका कारोबार विवादित रहा। द डेली मेल ने हाल में एक रिपोर्ट छापी है कि पिछले साल ट्रम्प के वकील ने मरम्मत को गए जिस लैपटॉप से कई सनसनीखेज चीजें निकाली थी वो लेपटॉप हंटर का ही था। फोरेंसिक जांच में इसकी पुष्टि हो गई है।
पिता के ऊंचे रसूख के बावजूद हंटर ने गलत काम करने में जरा भी संकोच नहीं किया। जब जो बिडेन उप राष्ट्रपति थे उस समय पिता के रुतबे का फायदा उठाने संबंधी आरोपों पर हालाकिं सरकारी स्तर पर पुष्टि नहीं की गई है लेकिन कुछ मामलों की जांच चल रही है।
डेली मेल में प्रकाशित खबर के मुताबिक उन्होंने हंटर के लैपटॉप से मिले 103,000 टेक्स्ट मैसेज, 154,000 ईमेल, 2,000 से अधिक तस्वीरों की एक्सपर्ट से जांच कराई है। जिस दौरान हंटर की ये चैट और ईमेल लीक हुई हैं तब उनके पिता जो बाइडेन अमेरिका के राष्ट्रपति नहीं थे।
रिपोर्ट में ये दावा भी किया गया है कि दर्जनों तस्वीरों, दस्तावेजों, ईमेल और अन्य चैट की पड़ताल से पता चला है कि साल 2013 से 2016 तक हंटर ने खुद को कर्ज में पूरी तरह डुबा दिया था। करोड़ों की आमदनी के बावजूद बेइंतहा खर्च और बिजनेस डील रद्द होने को इसकी वजह बताया गया।
मेल की पड़ताल में ये खुलासा भी हुआ कि उस समय हंटर बाइडेन के खिलाफ एक मामले में फेडरल एजेंसी की जांच चल रही थी, तब उन्होंने एक ईमेल लिखा था. इसमें उन्होंने खुद को जेल भेजे जाने का डर जताया था। बहरहाल खुद एक शानदार करिअर के बावजूद जो बिडेन बेटे की वजह से एक बार फिर मुश्किल में हैं। चुनाव के समय फेसबुक और ट्विटर ने जिन सूचनाओं पर यह कह कर पाबंदी लगा दी थी कि यह चुनाव बिगाड़ने की किसी बाहरी साजिश का हिस्सा हो सकती है, वे अब पुष्ट होकर सामने आ गई हैं ।