घोटालेबाज भगोड़े चोकसी को हनी ट्रैप में किसने फंसाया?  क्यों गायब हो गई हसीना बारबरा !

0
278

द लीडर डेस्क।

अपने देश को 13500 करोड़ से ज्यादा का चूना लगा कर सुरक्षित शरण के लिए एंटीगुआ जा बसे घोटालेबाज मेहुल चौकसी को आखिर हनी ट्रैप में किसने फंसाया! बारबरा नाम की वो हसीना कहाँ गुम हो गई जिसके साथ वह एंटीगुआ से डोमनिका पहुँच गया था? क्या इसके पीछे सचमुच भारतीय एजेंट थे? क्या उन्होंने ही बारबरा नाम की खूबसूरत लड़की को मेहुल को पड़ोसी बना कर बसाया था? मेहुल की बीबी प्रीति ने हाल में जो खुलासे किए हैं, वो कुछ ऐसी ही कहानी बनाते हैं और अगर ये सच है तो जासूसी की इतिहास की रोचक कहानियों में से एक होगी।
मेहुल की बीबी और भाई उसे बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। पानी की तरह रकम बहा रहे हैं। मेहुल की बीबी प्रीति के खुलासे के मुताबिक करीब दस महीने पहले अगस्त 2020 में बारबरा नाम की ये औरत उनके आवास के पास ही किराए के मकान में रहने लगी। उसने उनके परिवार के साथ दोस्ती बढ़ाई और फिर मेहुल उसके साथ बाहर जाने लगा। प्रीति इस बात पर जोर दे रही है कि बारबरा मेहुल की गर्लफ्रैंड नहीं थी। ये बात इसका भी संकेत दे रही है कि बारबरा मेहुल का बिजनेस जमाने की बात करके उससे जुड़ी थी। बहरहाल बीच पर टहलते हुए कुछ तस्वीरें मेहुल की रंगीन मिजाजी बयान कर रही हैं। प्रीति कह रही है कि इन तस्वीरों में दिख रही लड़की उनकी पड़ोसी बारबरा नहीं है। प्रीति एक और क्लू जासूसी का दे रही हैं कि जिस बोट में मेहुल गया था उसमें दो पंजाबी लोग थे जो खाने आदि की व्यवस्था कर रहे थे।
मेहुल की पत्नी ने दावा किया है कि मिस्ट्री गर्ल ने चोकसी को भारत लाने के लिए एक जाल बिछाया है। इसी के तहत चोकसी डोमिनिका में अवैध प्रवेश के आरोप में पकड़ा गया।
मेहुल की पत्नी प्रीति ने गुरुवार को बताया कि बारबरा नाम की मिस्ट्री गर्ल ने चोकसी को भारत वापस लाने के लिए एक जाल बिछाया है। अगस्त 2020 में एंटीगुआ में हमारे घर के सामने एक आवास किराए पर लेने के बाद उसने हमारे जीवन में प्रवेश किया। उसने ही मेहुल को एंटीगुआ से भगाया।
खबर के मुताबिक, प्रीति ने दावा किया कि मेहुल चोकसी को डोमिनिका लाने वाली नाव कोबरा टूअर्स चलाती है। उसने कहा कि इस नाव के चालक दल में दो पंजाबी पुरुष थे। उन्होंने कहा कि रविवार 23 मई को मेहुल चोकसी बारबरा के साथ डिनर करने के लिए कार में घर से निकला था। मुझे नहीं पता कि उसका असली नाम क्या है-बारबरा जोसेफ, बारबरा जेसीक या बारबरा सी? वह समय-समय पर हमारे बगल वाले अपार्टमेंट में रुकी। वह हमसे पिछले साल 2 से 7 अगस्त के बीच पहली बार मिली थी।

प्रीति चोकसी

प्रीति के मुताबिक बारबरा ने मेहुल चोकसी से उसे उसके घर से पिक करने को कहा था.। कुछ मिनट बाद, आठ से 10 लोग अंदर आए। उसे ले जाया गया। उन्होंने आगे कहा कि मेहुल ने मुझे बताया कि नाव पर भारतीय मूल के दो व्यक्ति थे। उनके नाम गुरजीत और गुरमीत थे। उनमें से एक ने कहा कि वह पंजाबी वीडियो में काम करता है। विवेक नाम का दूसरा आदमी खाना लाता था।
प्रीति ने अपने पति को दूसरे देश में अवैध रूप से घुसने के आरोप से बचाने के लिए अपहरण और मारपीट की कहानी जिस तरह पेश की वह कोर्ट में खारिज हो गई लेकिन मेहुल की शक्ल देखकर लग रहा है कि उसकी धुलाई तो हुई है। तो पुलिस को सौंपने वाले और पिटाई क़रने वाले कोई सीक्रेट एजेंट थे? बारबरा का किरदार किसने लिखा और इस गिरफ्तारी के बाद वह कहां भाग गई? इसका उत्तर अभी मिलना बाकी है।

एक तरफ तीन सरकारें दूसरी तरफ घोटाले की रकम

जिस देश एंटीगुआ में मोटी रकम इन्वेस्ट करने की शर्त पर मेहुल के परिवार को नागरिकता मिली है , वहां की सरकार कह रही है कि उसे डोमनिक से सीधे भारत भेज देना चाहिए। जाहिर है एंटीगुआ को भी लग रहा है कि बेहिसाब दौलत वाला ये आदमी समस्या बन सकता है।

चोकसी को लाने डोमिनिका पहुंची भारतीय एंजेंसी की विशेष टीम ने बताया कि सुनवाई के दौरान कोर्ट में सात वकील चोकसी का पक्ष रख रहे थे। डोमिनिका के विपक्षी लेनोक्स लिंटन भी कोर्ट में मौजूद थे। मेहूल के भाई चेतन चिनुभाई चोकसी ने पिछले शनिवार को लिंटन से मुलाकात कर मेहुल की मदद के बदले चुनावी चंदा देने की बात कही थी। इस दौरान चेतन ने अग्रिम राशि के तौर पर उन्हें दो लाख डॉलर दिए और आने वाले आम चुनावों में एक मिलियन डॉलर से ज्यादा की वित्तीय मदद का भरोसा दिया।
जाहिर है यहां की सरकार भी उसके पक्ष में नहीं। इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने के बाद भारत ने कई टॉप खुफिया अधिकारी वहां भेजे हैं। एक स्पेशल जेट उसे लाने के लिए तैयार है। इतनी तगड़ी फील्डिंग के बाद भी हराम की रकम के बूते मेहुल को भारत को सौंपने से बचाने की कोशिशें जारी हैं।

नागरिकता का मसला

फिलहाल कोर्ट ने चोकसी के भारत भेजे जाने का मसला ही टाल दिया है। मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल का कहना है कि जिस वक्त गीतांजलि समूह के अध्यक्ष और व्यापारी चोकसी ने एंटीगा की नागरिकता हासिल कर ली, वह भारत का नागरिक नहीं रह गया है। इसलिए कानूनी रूप से इमिग्रेशन और पासपोर्ट ऐक्ट के सेक्शन 17 और 23 के अनुसार उसे सिर्फ एंटीगा ही भेजा जा सकता है। वकील ने दावा किया है कि एंटीगा के अधिकारियों के बयान के विपरीत चोकसी डोमिनिका भागा नहीं था। उसे हनी ट्रैप के जरिए फंसाया गया था और अगवा कर लिया गया था। उसे कथित तौर पर पीटा गया। एक यॉट में बंधक बनाकर रखा गया और कई तरह से टॉर्चर किया गया।
मेहुल चोकसी का पीछा करने वाली भारतीय एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि हो सकता है कि उसने अपना पासपोर्ट सरेंडर कर दिया हो, लेकिन भारत ने इसे स्वीकार नहीं किया है। साथ ही उसे पासपोर्ट सरेंडर का सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया है। सूत्रों का कहना है कि इंटरपोल ने भारत में किए गए वित्तीय अपराधों के लिए चोकसी के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया है और इस पर अदालत में बहस होगी।
पासपोर्ट अधिनियम 1967 के अनुसार, सभी भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए यह अनिवार्य है कि वे विदेशी नागरिकता प्राप्त करने के तुरंत बाद अपने पासपोर्ट नजदीकी भारतीय मिशन/पोस्ट को सौंप दें। भारतीय पासपोर्ट का दुरुपयोग पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 12(1ए) के तहत एक अपराध है।

क्या कहता है कानून

जहां तक ​​चोकसी की नागरिकता का सवाल है, कानून बहुत स्पष्ट है। भारत दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देता है। भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 की सेक्शन 9 के अनुसार कोई भी भारतीय नागरिक जो विदेशी नागरिकता प्राप्त करता है, भारतीय नागरिक नहीं रह जाता है। इसलिए, सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए चोकसी एंटीगा का नागरिक बना हुआ है। भले ही वहां की सरकार ने उसकी नागरिकता रद्द करने के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी हो। इसे चोकसी ने एंटीगुआ (एंटीगा) कोर्ट में चुनौती दी है।

भारत का तर्क

चोकसी को भारत वापस लाने के लिए डोमिनिका के अदालत को यह समझाना है कि उसके खिलाफ एक मजबूत कानूनी मामला है और वह एक भगोड़ा अपराधी है। सूत्रों ने कहा कि भारत यह भी तर्क देगा कि एंटीगुआ की नागरिकता हासिल करने का उनका एकमात्र इरादा भारत में कानून के शिकंजे से बचना था। एक अधिकारी ने कहा कि चोकसी के खिलाफ इंटरपोल का नोटिस है, यह उसे भारत को सौंपने के लिए पर्याप्त आधार है। हालांकि, डोमिनिका के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है। फिर भी भारत ने अदालत में प्रत्यर्पण की कार्यवाही का पालन किया, जो एक वर्ष से अधिक समय तक चली। ऐसे में भारत के पास चोकसी को लाने के लिए पर्याप्त आधार है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here