सांस्कृतिक रूप में बदलाव की जैसी आंधी अरबी दुनिया में चल रही है, उतनी तेजी शायद दुनिया में कहीं नहीं है। हर रोज कुछ ऐसा नया करने की कोशिश हो रही है कि दुनिया चौंक जाए। मुस्लिम अरब देशों का दशकों से जानी दुश्मन रहा इजरायल भी कहां पीछे है। इजरायल ने जो फैसला लिया है, वह अरबी दुनिया के बीच ऐतिहासिक है। इस फैसले से अब यहां समलैंगिक जोड़े हों या एकल मर्द, जिसका कोई महिला पार्टनर न हो, माता-पिता होने का सुख उठा सकते हैं। यह फैसला अगले सप्ताह से अमल में आ जाएगा। इस निर्णय की गूंज सिर्फ इजरायल में नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में चल रहे एलजीबीटीक्यू आंदोलन में भी है और वे खुशी का इजहार कर रहे हैं। (Historic Between Arab world)
सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को बरकरार रखते हुए इज़राइल ने देश के भीतर समान-लिंग वाले जोड़ों और एकल पुरुषों को सरोगेसी के माध्यम से माता-पिता बनने की अनुमति देने का फैसला किया है।
इजरायल की नई व्यवस्था के मुताबिक, समान-लिंग वाले जोड़े, एकल पुरुष अगले सप्ताह से सरोगेसी का विकल्प चुन सकते हैं। यानी वे किराए की कोख से संतान पाने के लिए अधिकृत हैं। इस तरह वे अपनी जिंदगी के साथ माता-पिता होने के अहसास को पूरी तरह जी सकेंगे, जबकि इससे पहले वे सिर्फ युगल जीवन गुजार रहे थे।
अदालत ने पिछले साल जुलाई में सरोगेसी कानून के कुछ हिस्सों को रद्द कर दिया था, जो समलैंगिक जोड़ों को इज़राइल में सरोगेसी के माध्यम से बच्चे पैदा करने से रोकता था।
साल 2020 में अदालत के फैसले के बाद बने कानून ने एकल महिलाओं तक पहुंच का विस्तार किया था, लेकिन समलैंगिक जोड़ों को बाहर रखा था। लेकिन यह “समानता के अधिकार और पितृत्व के अधिकार का उल्लंघन कर रहा था, इसलिए अब बदलाव किया गया है। (Historic Between Arab world)
मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में स्वास्थ्य मंत्री नित्ज़न होरोविट्ज़ ने नई व्यवस्था को “इज़राइल में एलजीबीटीक्यू संघर्ष के लिए ऐतिहासिक दिन” करार दिया। उन्होंने कहा, इस कदम से “समलैंगिक जोड़े समेत हर किसी की सरोगेसी के जरिए माता-पिता बनने की हसरत पूरी होगी।”
होरोविट्ज़ खुद, खुले तौर पर समलैंगिक नेसेट सदस्य हैं। उन्होंने इस लिहाज से भी जज्बात उजागर किए। उन्होंने कहा, “यह मेरे लिए एक समलैंगिक मंत्री के रूप में रोमांचक दिन है। सदियों से हमारे खिलाफ बहिष्कार और भेदभाव होता रहा है। यह मेरा निजी संघर्ष भी है।”
“आज हमने अन्याय और भेदभाव को समाप्त कर दिया है। सभी को पितृत्व का अधिकार है।”, उन्होंने कहा।
उन्होंने जोर देकर कहा कि शिथिल नियमों में ट्रांसजेंडर लोगों को भी शामिल किया गया है।
मंत्री ने कहा, इज़राइल “उन देशों के छोटे समूह में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने एलजीबीटी लोगों के खिलाफ भेदभाव को समाप्त कर दिया है।”
“हम इस क्षेत्र में दुनिया के सबसे उन्नत देशों में से एक बन गए हैं।”
इज़राइल में सरोगेसी फिलहाल तक विषमलैंगिक विवाहित जोड़ों और एकल महिलाओं के लिए खुली है, जिनका बच्चे से आनुवंशिक संबंध है। नए नियम 11 जनवरी से लागू होंगे। (Historic Between Arab world)