रेत में दबा मिला वह गांव, जहां हुई इस्लाम की बड़ी जंग, महीनेभर ठहरे थे पैगंबर

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al oshairah village: EARTH PHOTOGRAPHY TEAM

इस्लाम के शुरुआती दिनों में रहा सऊदी अरब का प्राचीन गांव रेत में दबे होने के बाद भी आसमान से दिखाई दे गया। यह गांव सऊदी अरब के उत्साही लोगों की उस टीम को मिला, जो खास तरीके से देश का डाक्यूमेंटेशन कर रहे हैं। (Village Found Islam Prophet)

परियोजना के प्रमुख अब्दुलअज़ीज़ अल-दखील, अर्थ एरियल फ़ोटोग्राफ़ी टीम के संस्थापक हैं, उन्होंने अरब न्यूज़ को बताया कि टीम ने अल-ओशैरा की तलाश में रिमोट सेंसिंग और हेलीकॉप्टर से क्षेत्र के विशाल हिस्सों का सर्वेक्षण किया गया। इसी दरम्यान टीम को रेत के नीचे दबी बस्ती का पता चला।

”जब अर्थ टीम ने अल-ओशैरा की खोज शुरू की, तो उन्होंने टीम के इतिहासकार अब्दुल उल्लाह अल-आइशी के शोध को आधार बनाया, जिसने आमतौर पर स्वीकार किए गए तमाम नई जगहों का भी हवाला है। उन्होंने ही अल-ओशैरा की जगह पर पहुंचाया, जो यानबू की घाटी में है। यह मक्का जाने के दौरान तीर्थयात्रियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली खास जगह है।”

अल-ओशैरा को वह जगह माना जाता है, जहां इस्लाम के शुरुआती दौर में अहम जंग हुई थी। जहां पैगंबर मुहम्मद खुद अपने साथियों के साथ एक महीने से ज्यादा वक्त मौजूद रहे। (Village Found Islam Prophet)

अल-दखील का कहना है, 75 मिनट की उड़ान के बाद, टीम नष्ट हुए गांव की खोज करने में कामयाब रही, जिसे अल-ओशैरा माना जाता है, जिसका उल्लेख कुरआन में किया गया है।

”यहां आप एकदम वही जगह नहीं तलाश सकते, जहां जंग हुई थी, न ही उस तरह गांव की पहचान हो सकती, जहां यह वाकया हुआ। लेकिन हम प्राचीन गांव के खास संरचनाओं की मौजूदगी पहचान सकते हैं। अर्थ एरियल फोटोग्राफी टीम अध्ययन करने के बाद युद्ध के मैदान की साइट के दावे की प्रमाणिकता को सक्षम अधिकारियों पर छोड़ देगी।”

al dakheel on a two seater plane: ARAB NEWS

अर्थ एरियल फोटोग्राफी टीम को 2015 में स्थापित किया गया था। यह गैर-लाभकारी राष्ट्रीय वृत्तचित्र पहल है, जो आसमान से सऊदी अरब की डॉक्यूमेंट्री तैयार कर रही है। अलग-अलग एक्सपर्ट बतौर इसमें 13 सदस्य हैं – जिनमें फोटोग्राफर, पायलट, गाइड, इतिहासकार, पैराशूट, विमान और तकनीक से जुड़े हैं। सब मिलकर किंगडम के अहम ऐतिहासिक और भौगोलिक क्षेत्रों का दस्तावेजीकरण कर रहे हैं। दस्तावेज़ीकरण मिशन में दो सीटों वाले पैराशूट और दो सीटों वाले जाइरोप्लेन का इस्तेमाल किया जा रहा है। (Village Found Islam Prophet)

सभी विवरण जमा करने के बाद टीम ने क्षेत्र के विभिन्न स्थानों की तस्दीक को सैटेलाइट और हवाई तस्वीरों का इस्तेमाल किया। इनमें से कई जगहें इस्लामी तारीख के लिहाज से अहम हैं। कई जगहें पूर्व इस्लामी काल की हैं, जैसे, मदीन सालेह, अलऊला का 2000 साल पुराना क्षेत्र और ज्वालामुखी व कुओं समेत पश्चिमी क्षेत्र के कुदरती नजारे से भरपूर जगहें।

अल-दखील ने कहा कि हर रोज टीम को नए और दिलचस्प पुरातात्विक स्थलों, गुम हो चुके स्मारकों, महल, मकबराें से रूबरू होने का मौका मिलता है। इस तरह हम अरब प्रायद्वीप के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का भी दस्तावेजीकरण करते हैं।

पिछले महीने टीम ने अल-जुहफा के प्राचीन शहर की खोज की, जो मक्का क्षेत्र में रबी शहर के पूर्व में वादी अल-ग़ैदाह के बाएं किनारे पर है। यह अल-जुहफा से लगभग 5 किलोमीटर उत्तर में है। सैकड़ों साल पहले फला-फूला, लेकिन रेत की बाढ़ आ गई, जिससे ही कुछ ही हिस्सा बचा।

आलिया पैलेस नामक एक किले के रेत में दबे अवशेष बचे हैं, जिसकी स्थापत्य शैली अब्बासी युग की है। यहां मिट्टी के बर्तन और कांच के टुकड़े साइट के चारों ओर बिखरे हुए हैं। (Village Found Islam Prophet)

अल-दखील ने समझाया कि ऐसे ऐतिहासिक स्थलों की छवियां एक हजार शब्द बोलती हैं, तथ्य और गलती की बराबर गुंजायश बनी रहती है। हमारे लिए यह कोई व्यवसाय नहीं है, हम हवा में मौजूद रहकर जो करते हैं, उसका लुत्फ भी लेते हैं और लोगों तक उन जगहों के बारे में जानकारी पहुंचाने का हमारा मकसद भी पूरा होता है।

टीम ने अब तक 50 अलग-अलग स्थानों में 12 हजार से ज्यादा तस्वीरों का दस्तावेजीकरण किया है। सऊदी अरब के पुरातत्व और ऐतिहासिक स्थलों को संरक्षित करने के उनके रचनात्मक प्रयासों की वजह से राष्ट्रीय सांस्कृतिक पुरस्कारों में अर्थ एरियल फोटोग्राफी टीम को प्रथम पुरस्कार दिया गया है।

Source: Arab News


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