इस्लाम में क्या ज़रूरी है क्या नहीं, ये जानना होता तो फतवा लेते, अदालत क्यों जाते-SIO अध्यक्ष

द लीडर : हिजाब पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को लेकर मुस्लिम समाज से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है. जिसमें कोर्ट ने कहा कि, हिजाब इस्लाम का ज़रूरी हिस्सा नहीं है. सांसद असदुद्​दीन ओवैसी से लेकर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती और उमर अब्दुल्ला ने फैसले पर निराशा जताई है. तो धार्मिक संस्थाओं से भी ऐसा ही रिएक्शन आया है. स्टूडेंट्स ऑग्रेनाइज़ेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सलमान अहमद ने कहा कि ये अस्वीकार्य है. (Hijab Ban Muslims Reaction)

एसआईओ के अध्यक्ष ने कहा कि, अदालत का ये काम ये बताना नहीं है कि किस धर्म में क्या ज़रूरी है और क्या नहीं? इस्लाम में हिजाब ज़रूरी है या नहीं. जैसा कि फैसला आया है-अगर हमें यही जानना होता तो हम इस पर फतवा ले लेते. उन्होंने कहा कि कोर्ट के इस फैसले एक बड़ी आबादी शिक्षा से वंचित रह सकती है.

दरगाह आला हज़रत के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने कहा-हिजाब पर कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला निराशाजनक है. पैग़ंबर-ए-इस्लाम के वक़्त से ही हिजाब इस्लाम का अहम हिस्सा रहा है. उन्होंने सवाल उठाया कि किसी लड़की या महिला को अब ये अधिकार भी नहीं रहा है कि, वो क्या पहनें और क्या नहीं. याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीमकोर्ट जाने का फैसला लिया है. और हमें पूरा भराेसा है कि सुप्रीमकोर्ट से हिजाब पर इंसाफ मिलेेगा.


इसे भी पढ़ें-कर्नाटक हाईकोर्ट ने स्कूल कॉलेजों में हिजाब पर रोक को सही ठहराया, कहा-इस्लाम का ज़रूरी हिस्सा नहीं हिजाब


 

दरगाह आला हज़रत से जुड़े और तंज़ीम उमला-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्​दीन रज़वी ने इसे महिला अधिकारों का हनन बताया है. उन्होंने कहा कि इस्लाम में पर्दे की अहमियत को बकरार रखा गया है. मौलाना ने कहा कि मामले के क़ानूनी पहलुओं पर विचार करने के बाद हम सुप्रीमकोर्ट जाएंगे. (Hijab Ban Muslims Reaction)

मौलाना शहाबुद्​दीन ने कहा कि एक तरफ स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पर रोक लगाई गई है. तो दूसरी तरफ ग़ैर-मुस्लिमों को अपने धार्मिक प्रतीकों के साथ सभी काम जाने की अनुमति है. मौलाना ने यूपी के सीएम का हवाला देते हुए कहा कि वह भगवा लिबास पहनते हैं. ये उनकी पसंद है. किसी मुसलमान ने कभी एतराज़ नहीं किया.

ज़मात-रज़ा-ए-मुस्तफा के प्रवक्ता समरान ख़ान ने कहा कि, स्कूल-कॉलेजों में पढ़ाई की बात होनी चाहिए थी. लेकिन अफसोस कि वहां हिजाब पर रोक लगाने पर ही पूरी एनर्जी लगाई गई. हिजाब इस्लाम का ज़रूरी हिस्सा था और रहेगा. हम इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. रज़ा एकेडमी के अध्यक्ष सईद नूरी की भी प्रतिक्रिया आई है. (Hijab Ban Muslims Reaction)


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Ateeq Khan

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