द लीडर। कर्नाटक के एक स्कूल से शुरू हुआ हिजाब विवाद आज देश के कोने-कोने में पहुंच गया है। कई जगह हिजाब का समर्थन किया जा रहा है। तो कई जगह हिजाब का विरोध देखने को मिल रहा है। अजमेर में मुस्लिम महिलाओं ने कहा कि, हिजाब कपड़े का टुकड़ा नहीं मेरी जिंदगी का हिस्सा है, हिजाब हमारी जान और हमारी शान है।
देश में हो रहे हिजाब विवाद के विरोध के खिलाफ अजमेर में मुस्लिम महिलाओं ने प्रदर्शन किया। महिलाओं ने कहा कि, हिजाब कपड़े का टुकड़ा नहीं, हमारी जिंदगी का हिस्सा है, हम इसे कभी नहीं छोड़ सकते हैं।
अजमेर दरगाह शरीफ के गेट पर प्रदर्शन
अजमेर दरगाह शरीफ के मुख्य निजाम गेट के बाहर मुस्लिम समाज की महिलाओं ने हिजाब को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया। स्कूल, कॉलेज ओर यूनिवर्सिटी में हिजाब को लेकर हो रहे विराध पर मुस्लिम महिलाओं ने गुस्सा जाहिर किया है।
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हिजाब का विरोध बर्दाश्त नहीं करेगा मुस्लिम समाज
प्रदर्शनकारी महिलाओं और बालिकाओं ने कहा कि, वह पर्दे के रूप में हिजाब पहनती हैं और यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है। उन्होंने कहा कि, कुछ दिनों अलग-अलग जगहों पर हिजाब को लेकर विरोध जताया जा रहा है, मुस्लिम समाज इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। महिलाएं अपने पारंपरिक हिजाब को पहनेगी।
राष्ट्रपति के नाम एडीएम सिटी को सौंपा ज्ञापन
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने हिजाब को लेकर राष्ट्रपति के नाम एडीएम सिटी को ज्ञापन भी सौंपा है। ज्ञापन में कहा कहा गया कि,मुस्लिम महिलाओं और बालिकाओं को हिजाब पहनने से रोका जाता है तो फिर विद्रोह का रूप अख्तियार किया जाएगा, यह लोकतंत्र के खिलाफ होगा।
हिजाब पारंपरिक पहनावा और पर्दा है
हिजाब को लेकर किसी को समस्या नहीं होनी चाहिए। यह पारंपरिक पहनावा और पर्दा है जिसे मुस्लिम महिलाएं कभी नहीं छोड़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि हिजाब हमारी आस्था से जुड़ा है, यह कपड़े का दुकड़ा नहीं, जिंदगी की हिस्सा है।
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