द लीडर : यूक्रेन और रूस के बीच छिड़ी जंग में भारत न्यूट्रल है. युद्ध भयानक मोड़ पर है. रूसी हमले में यूक्रेन के एक रिएक्टर प्लांट में आग लग गई. दूसरी तरफ रूस की सेना कीव शहर में दाख़िल होने की कगार पर है. जहां बड़े नुकसान की आशंका बनी है. इस बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक सनसनीखेज दावा किया है. पुतिन ने कहा-यूक्रेन आर्मी ने भारत के 3,000 छात्रों को खारकीव में बंधक बना रखा है. (Ukraine Russia War Students)
रूस के राष्ट्रपति का ये दावा उस वक़्त सामने आया है, जब विदेश मंत्रालय छात्रों को बंधक बनाए जाने की ख़बरों को नकार चुका है. खारकीव वो शहर है, जहां की सुमी स्टेट यूनिवर्सिटी में ज़्यादातर भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. जंग के बीच वे वहां के बंकरों में पनाह लिए हैं. भारतीय छात्रों को बंधक बनाए जाने के पुतिन के दावे में कितना दम है. ये भारत के पक्ष से ही साफ होगा. लेकिन इसने उन परिवारों की बेचैनी बढ़ा दी है, जिनके बच्चे अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं.
तेलंगाना के निजामाबाद की रज़िया बेगम भी उनमें से एक हैं. वह अपने बेटे निज़ामुद्दीन अमन की सुरक्षित वापसी के लिए दिन-रात दुआएं मांग रही हैं. रज़िया बेगम वही मां हैं-जो 2020 के लॉकडाउन में आंधप्रदेश के निल्लोर ज़िले में फंसे अपने बेटे अमन को लाने के लिए स्कूटी लेकर निकल पड़ी थीं. क़रीब 1400 किलोमीटर का सफर स्कूटी से तय करके वह अमन को घर लेकर लौटी थीं. स्कूटी पर बेटे को बिठाकर ले जातीं रज़िया बेगम उस वक़्त काफी सुर्खियों में रही थीं. उनके हौसले की हर कोई दाद दे रहा था. (Ukraine Russia War Students)
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लेकिन इस बार वह बेबस हैं. उनका 19 साल का बेटा अमन, यूक्रेन की सुमी स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस फर्स्ट ईयर का छात्र है. जो खारकीव में है. पिछले 9 दिनों से जारी जंग के बीच अमन एक बंकर में पनाह लिए हैं. हर रोज़ मां से बात करके उन्हें हौसला देते हैं.
लेकिन इस बार रज़िया बेगम के पास दुआ और मिन्नतों के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नहीं है. होता तो शायद वह स्कूटी लेकर अमन को लाने निकल चुकी होती. रज़िया बेगम ने प्रधानमंत्री और तेलंगाना के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बेटे की वापसी की गुहार लगाई है. (Ukraine Russia War Students)
एनबीटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक रज़िया बेगम ने कहा-अमन ने मुझे यकीन दिलाने के लिए फोन किया था कि वो ठीक है. मुझे फिक्र करने की ज़रूरत नहीं है. वह कहती हैं कि अमन जहां है-वहां से ट्रांसपोर्ट का संपर्क टूट चुका है.
उधर रूस ने कहा है कि भारतीय छात्रों समेत यूक्रेन में फंसे सभी विदेशी नागरिकों की निकासी के लिए 130 बसें लगाई गई हैं. इन सभी को रूस के ज़रिये उनके देशों में भेजा जाएगा.
भारत सरकार यूक्रेन से निकलकर पड़ोसी देश रोमानिया, पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया और मोलडोवा पहुंचे छात्रों को देश वापस ला रही है. लेकिन यूक्रेन के खारकीव और दूसरे हिस्सों में जो छात्र फंसे हैं-उनकी निकासी की मांग तेज हो रही है. इसलिए भी क्योंकि हर बीतते क्षण के साथ छात्रों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. (Ukraine Russia War Students)