कहीं राहत…कहीं आफत बनकर बरस रहे मेघ, इन राज्यों में मचा हाहाकार

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द लीडर हिंदी। इन दिनों भारी बारिश से पूरे भारत में हाहाकार मचा हुआ है. क्या मैदानी जिले क्या पहाड़ी जिले…जब जगह कुदरत रौद्र रूप में है. कहीं तो ये बारिश राहत बनकर बरस रही है तो कही आफत का रूप ले रही है. जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि, मायानगरी मुंबई और महाराष्‍ट्र में बारिश मुसीबत बनकर सामने आई है. राज्‍य के कई इलाकों में देर रात से हो रही मूसलाधार बरसात के चलते सड़कें, नदी में तब्दील हो गई हैं.

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कहीं आफत तो.. कहीं राहत बनकर बरस रही बारिश

वहीं महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले की तस्‍वीरों में सड़कों पर कमर के ऊपर तक पानी जमा है. पालघर जिले के नालासोपारा इलाके में सुबह से हो रही बारिश के चलते जलभराव हुआ. राजधानी मुंबई में भी बारिश का दौर जारी है इसके कारण नौकरी पर जाने वाले लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ा रहा है.

दिल्ली में भारी बारिश से जाम जैसी स्थिति

अगर बात करें राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की तो यहां कई हिस्सों में मंगलवार को झमाझम बारिश हुई. हालांकि बारिश के कारण लोगों को परेशानी का भी सामना करना पड़ा लेकिन इसने गरमी से राहत दी है. दिल्‍ली-एनसीआर में बारिश के चलते सड़कों पर ट्रैफिक धीमा हो गया. कुछ जगहों पर जाम जैसी स्थिति भी देखने को मिली. कई इलाकों में बरसात के बीच वाहन सड़क पर फर्राटा भरते हुए दिखे. मौसम विभाग ने दिल्ली के साथ एनसीआर में भी मध्यम से तेज बारिश होने का अनुमान जताया है.

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तेलंगाना में पानी के तेज बहाव में बह गई बस

तेलंगाना में पिछले कुछ दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है. इस वजह से राजन्ना सिरसिला जिले में एक आरटीसी बस पानी के तेज बहाव में बह गई. घटना सोमवार शाम की है. कामारेड्डी से सिद्दिपेट जा रही आरटीसी बस राजन्ना सिरसिला जिले में गंभीरावपेटा और लिंगन्नापेटा गांवों के बीच से बह रही मनैर नहर के बाढ़ में फंस गई थी. बताया जा रहा है कि पुल के ऊपर से पानी बह रहा था और नहर में पानी का तेज बहाव था, उस समय बस में करीब 25 यात्री सवार थे. ड्राइवर को पुल के ऊपर से बह रही पानी के तेज बहाव का अंदाजा नहीं था, मनैर नहर के पुल के ऊपर से जाते समय पानी के तेज बहाव में बस का संतुलन बिगड़ने लगा. बाद में ड्राइवर ने बस वहीं रोक दी और मदद की गुहार लगाई. पुलिस और आसपास के गांववालों की मदद से सभी 25 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया और किसी तरह बड़ा हादसा होने से बच गया.

पुल नीचे होने की वजह से कई बार हो चुके हैं हादसे

गौरतलब है कि, मंगलवार सुबह से ही मनैर नहर में बाढ़ का पानी और ज्यादा हो गया है, इसी के साथ पानी का बहाव भी तेज हो गया है.वहीं स्थानीय लोगो का कहना है कि पुल बहुत नीचे होने की वजह से अक्सर ऐसे हादसे हो रहे हैं, सरकार को कई बार ऊंचा पुल बनाने के लिए आग्रह किया जा चुका है लेकिन अभी तक इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया गया है.

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पहाड़ी जिले उत्तराखंड में बारिश से हाहाकार

वहीं बात अगर उत्तराखंड की करें तो यहां पर पहाड़ से लेकर मैदानी इलाकों में भारी बारिश ने मुश्किलें बढ़ दी है. यहां पर नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे खतरा बढ़ता जा रहा है. इतना ही नहीं भूस्खलन की घटनाएं भी बढ़ रही है, जिससे काफी संख्या में लोगों की मौत भी हुई है. उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में भारी बारिश के कारण लिंक मोटरमार्गों की हालत बद से बदतर हो चुकी है. मोटरमार्गों पर बने गड्डों में पानी भरने से लोगों को आवागमन में भारी परेशानियां हो रही हैं, जबकि मार्ग कई जगहों पर क्षतिग्रस्त भी हो चुके हैं. ऐसे में ग्रामीणों को जान हथेली पर रखकर सफर तय करना पड़ रहा है.

भारी बारिश के चलते मार्ग खराब

बता दें कि, केदारघाटी के साथ ही मदमहेश्वर और कालीमठ घाटी में बारिश का सिलसिला जारी है. बारिश के कारण लिंक मार्गों की हालत खराब हो चुकी है. इन मार्गों पर सफर करना मौत को दावत देने जैसा है. ग्रामीणों की मानें तो आए दिन सड़क की खराब स्थिति के कारण अपने काम काज और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए मुख्यालय तक पहुंचने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मदमहेश्वर घाटी के अंतर्गत ऊखीमठ-उनियाणा-रांसी, पिलोंजी-गिरिया, राऊलैंक-जग्गी बगवान, गैड़-गड़गू, कालीमठ बेडुला मोटरमार्गों का हाल बुरा है. लोगों का कहना है कि, करोड़ों रुपये इस सड़क पर खर्च हो चुके हैं. विभाग और ठेकेदार द्वारा मार्ग पर बड़ी लापरवाही बरती गई है, जिससे लगातार हादसे का डर बना हुआ है.

पिथौरागढ़ में बादल फटने से तबाही

इससे पहले कल उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में धारचूला क्षेत्र के एक गांव में रविवार देर रात बादल फटने से तबाही मच गई थी. बादल फटने के बाद भारी बारिश के कारण तीन मकान ढहने से तीन नाबालिग बहनों समेत पांच महिलाओं की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए. और कई लापता हो गए जिनकी तलाश अभी भी जारी है. घटनास्थल पर अभी भी बचाव और राहत कार्य चल रहा है.

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यूपी-बिहार के कई जिले भी पानी में डूबे

यूपी-बिहार में भी बाढ़ से लोगों का जीवन मुश्किल में पड़ गया है। यूपी के अमरोहा के गावों में पानी घुस गया। रिपोर्ट के मुताबिक, अमरोहा जनपद के गजरौला इलाके में तिगरी गंगा व रामगंगा पोषण नहर के जलस्तर में लगातार इजाफा हो रहा है। अब बाढ़ के पानी ने गंगा किनारे पर बसे गांवों की तरफ रूख कर दिया है। इससे खेत रास्ते पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। वहीं मुरादाबाद में भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है।

असम में बाढ़ से बुरा हाल

असम में भारी बारिश के चलते आई बाढ़ से बुरा हाल है। बाढ़ रिपोर्टिंग और सूचना प्रबंधन प्रणाली से पता चला है कि राज्य में भारी वर्षा के बाद 21 जिलों के 950 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) द्वारा बताया गया है कि राज्य में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए 44 राहत केंद्र खोले गए हैं जिनमें 16 राहत शिविर और 28 राहत वितरण केंद्र शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन राहत शिविरों में कुल 1,619 लोगों ने शरण ली है। असम में आई बाढ़ को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश को सभी आवश्यक मदद करने का आश्वासन दिया है।

सावधान… मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

बता दें कि, बाढ़ से बेहाल असम, उत्तराखंड और यूपी, बिहार समेत देश के कई राज्यों में अलर्ट जारी है। भारी बारिश के चलते इन राज्यों में आई बाढ़ से लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लोगों के घरों में पानी घुस गया है, इतना ही नहीं नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। भूस्खलन, बादल फटने जैसी घटनाओं में काफी संख्या में लोगों की जान भी गई है। लगातार मौसम विभाग की तरफ से अलर्ट भी जारी किया जा रहा है।

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