द लीडर : मथुरा की एक अदालत ने पत्रकार सिद्दीकी कप्पन समेत तीन अन्य के खिलाफ लगे शांति भंग के आरोपों को रद कर दिया है. इस बुनियाद पर कि छह महीने की निर्धारित समयसीमा के अंदर, पुलिस जांच करने में असफल रही है.
पत्रकार कप्पन को पिछले साल 5 अक्टूबर को UP पुलिस ने तब गिरफ्तार कर लिया था, जब वह हाथरस के चर्चित दुष्कर्म कांड की रिपोर्टिंग के लिए जा रहे थे. उनके साथ मसूद अहमद, आलम और अतीकुर्रहमान भी हिरासत में लिए गए थे. तब से ये तीनों जेल में बंद हैं.
बुधवार को मथुरा की एक अदालत ने कप्पन समेत तीन अन्य पर लगे शांति भंग के आरोप हटा दिए हैं. लेकिन गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत वह अभी जेल में बंद रहेंगे.
दिल्ली दंगा 2020 : आसिफ इकबाल तन्हा, नताशा नरवाल और देवंगाना कलिता को मिली जमानत
बुधवार को कप्पन का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह पेशी के लिए अदालत परिसर पहुंचते हैं. एक सवाल के जवाब में वह कहते सुने जा रहे हैं कि, मुझे जस्टिस चाहिए. संविधान पर भरोसा है. लेकिन न्याय में देरी हो रही है. कप्पन का ये वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है.
I still believe in constitution, powerful words by journalist #SiddiqueKappan, who was arrested by UP Police in October 2020 and charged under draconian UAPA when he was on his way to Hathras to cover gangrape of Dalit teenager, who later died. pic.twitter.com/FDmP85g6C9
— Rifat Jawaid (@RifatJawaid) June 16, 2021
पुलिस ने हाथरस कांड में कप्पन और उनके साथियों पर सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने की साजिश रचे जाने का आरोप लगाया था. हालांकि कप्पन की रिहाई को लेकर पत्रकारिता और सामाजिक संगठन लगातार मांग उठाते आ रहे हैं.
दिल्ली दंगों में छात्रों की जमानत के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट पहुंची दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीमकोर्ट में चैलेंज किया है, जिसमें दिल्ली दंगों की साजिश के आरोप में नताशा नरवाल, आसिफ इकबाल तन्हा और देवंगाना कलिता को जमानत मिली थी.
दिल्ली पुलिस ने पिछले साल 2020 के फरवरी में भड़के दंगों के मामले में इन तीनों को भी आरोपी बनाया था, जो जेल में बंद हैं. मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जमानत देते हुए कुछ सख्त टिप्पणियां की थीं.
पुलिस ने एफआइआर 59 में तीनों को आरोपी बनाया था. और इनके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत कार्रवाई की गई थी. ये तीनों छात्र हैं.
आसिफ इकबाल तन्हा का कुबूलनामा मीडिया में लीक होने की जांच रिपोर्ट पर हाईकोर्ट की दिल्ली पुलिस को फटकार
नताशा नरवाल और देवंगाना कलिता जेएनयू की पीएचडी स्कॉलर हैं. जबकि आसिफ इकबाल तन्हा जामिया मिल्लिया इस्लामिया में बीए अरबिक भाषा के छात्र हैं. हाईकोर्ट के फैसला आने के बाद भी बुधवार को ये तीनों रिहा नहीं हो पाए.