#HateCrime: यूरोप में बढ़ रहे मुसलमानों के खिलाफ ऑनलाइन हमले: काउंसिल ऑफ यूरोप

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यूरोपीय महाद्वीप के प्रमुख मानवाधिकार संगठन काउंसिल ऑफ यूरोप ने पूरे यूरोप में मुसलमानों से अभद्रता, धमकी और शारीरिक हमलों को लेकर बहस चला रहा है। इस बीच काउंसिल ने यह भी कहा है कि पूरे महाद्वीप में मुसलमानों के खिलाफ ऑनलाइन हमले बढ़ रहे हैं।

काउंसिल ने डाटा विश्लेषण के जरिए बताया है कि जर्मनी में लगभग हर दिन मुस्लिम और यहूदी विरोधी भावना से पोस्ट हो रही हैं। यहां के गृह मंत्रालय ने नोट किया कि वर्ष 2020 में 1,026 मुस्लिम विरोधी हुए, जबकि अब इससे ज्यादा हमले होने की आशंका है, भले रिपोर्ट हों या न हों।

एक इमाम ने हमलों के डर से नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि कई साल पहले किसी ने रंग छिड़ककर मस्जिद की दीवारों पर एक विशाल स्वास्तिक चिह्न बना दिया था। इस घटना के बाद जुमा की नमाज में नमाजियों की संख्या 100 से घटकर 10 रह गई। हमले की आशंका में ज्यादातर लोग खौफजदा हो गए। हालांकि पुलिस जांच में कुछ हासिल नहीं हुआ। इमाम ने बताया कि अक्सर ‘चले जाओ’, ‘यहां तुम्हारे लिए कोई जगह नहीं है’ जैसे संदेश मिलते रहे हैं। एक बार पैगंबर मुहम्मद को चित्रित करने वाला कार्टून भी मिला।

यहूदी और मुस्लिम विरोधी घृणा पर यूरोप की विशेष प्रतिनिधि परिषद आठ यूरोपीय देशों में मुस्लिम संघों की रिपोर्टों की भी छानबीन की है। हालांकि उसका कोई खास नतीजा नहीं निकला, लेकिन यह शोध के लिए अहम जानकारी है। इस बुनियाद पर संबंधित देशों का प्रशासन चौकसी की गाइडलाइन बना सकता है।

परिषद ने कहा है, ”ऑनलाइन नफरत और धमकियां उतनी ही वास्तविक हैं जितनी रोज़मर्रा के भेदभाव और सड़कों पर मौखिक हमले। ज्यादातर मामलों में अभद्रता की रिपोर्ट नहीं की जाती है। या तो पीड़ितों को यह नहीं पता कि इसकी सूचना किसे दी जाए या यह सोच है कि रिपोर्ट करना फिजूल है।”

”असभ्य और क्रूर भाषा, शारीरिक हमले के खतरे, नस्लवादी हिंसा मुसलमानों के लिए दैनिक जीवन का हिस्सा बनते जा रहे हैं, जबकि ये आपराधिक होने के साथ ही लाेकतांत्रिक मूल्यों के भी खिलाफ है। छानबीन में पाया गया है कि ऑनलाइन पोस्ट गुमनाम बनाए गए या बनाए जाते हैं। इंटरनेट पर कानूनी नियंत्रण कमजोर होने से खतरनाक नस्लवादी, नफरत भरे कमेंट भी होने की गुंजायश बढ़ गई है।”

परिषद ने उम्मीद जताई है कि पिछले साल के अंत में बनाया गया यूरोपीय संघ का कानून बेहतर नियंत्रण का पहला कदम होगा, जो आपत्तिजनक ऑनलाइन सामग्री को रोकने, टोकने और आगे की कार्रवाई की प्रक्रिया में जा सकता है।

जर्मनी में मुसलमानों की परिषद के अध्यक्ष ऐमान माज़ीक ने कहा कि मुसलमानों पर हमले स्वतंत्रता और लोकतंत्र पर हमला है, हमें उम्मीद है कि यूरोपीय परिषद इस तरह के हमलों से लड़ने की नीति को नई गति देगी।

नस्लवाद और असहिष्णुता पर यूरोपीय आयोग (ईसीआरआई) राजनीतिक सिफारिशों को प्रकाशित करना चाहता है, जिससे राजनेताओं को यहूदी और मुस्लिम विरोधी भावना से मुकाबला करने में मार्गदर्शन किया जा सके।

छानबीन में घटनाएं बताने वाले इमाम को भी उम्मीद है कि सिफारिशें राजनेताओं और पत्रकारों को मस्जिदों को खौफ से निकालने में मदद कर सकती हैं।


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