मनमीत
हरिद्वार। अखाड़ों में पहले शाही स्नान को लेकर गजब का उत्साह नजर आ रहा है। कुंभ का पहला शाही स्नान गुरुवार को होगा। सुबह से शाम तक सन्यासियों के सात अखाड़े हरकी पैड़ी पर एक के बाद एक करके गंगा स्नान करेंगे। सबका समय अलग-अलग होगा। बुधवार दोपहर को भीड़ बढ़ने के बाद ट्रैफिक प्लान लागू कर दिया गया।
शाही स्नान पर ब्रह्कुंड हरकी पैड़ी पर सन्यासी अखाड़े के संत ही स्नान करते है। ऐसे में पहले ही अखाड़ों का स्नान का क्रम और समय तय कर लिया गया था। सबसे पहले जूना अखाड़ा शाही स्नान करेगा। सुबह 11 से 11:30 बजे के बीच जूना अखाड़ा और उनके सहयोगी अखाड़े अग्नी और आह्वान, किन्नर अखाड़े के साथ स्नान करेगा।
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दोपहर एक बजे से डेढ के बीच पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी अपने सहयोगी अखाड़े आनंद अखाड़े के साथ और श्री महानिर्वाणी अखाड़ा 4 बजे से साढे चार बजे के बीच अटल अखाड़े के साथ स्नान करेगा। आईजी मेला संजय गुंज्याल ने बताया कि मेला पुलिस ने स्नान को लेकर अपनी तैयारियां पूरी कर ली है।
बुधवार से ही हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की सीमा और हरकी पैड़ी पर कोरोना की रैंडम जांच की जा रही थी। वहीं कई श्रद्धालुओं को कोविड-19 की आरटीपीसीआर टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट न लाने पर वापस भी भेजा गया।
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स्नान से पहले लाखों लोग पहुंचे हरिद्वार
आज गुरुवार को होने वाले महाशिवरात्रि के पहले शाही स्नान के एक दिन पहले लाखों श्रद्धालु और कांवड़िए हरिद्वार पहुंचे गए। हरकी पैड़ी और आसपास के गंगा घाट पूरी तरह श्रद्धालु से पैक रहे। अपेक्षा से अधिक भीड़ आने के कारण गुरुवार को लागू करने वाला ट्रैफिक प्लान बुधवार दोपहर 2 बजे लागू करना पड़ा। चमगादड़ टापू और दीन दयाल उपाध्याय पार्किंग फुल होने के कारण सिंहद्वार से रूट डायवर्ट कर वाहनों को बैरागी पार्किंग में भेजा गया।
शाही स्नान की स्नान की पूर्व संध्या में हरिद्वार में करीब 7000 हजार से अधिक वाहन हरिद्वार पहुंचे। चमगादड़ टापू और दीन दयाल उपाध्याय पार्किंग सुबह से दोपहर होते होते पूरी तरह पैक हो गई थी।
हालांकि मेला और जिला पुलिस पहले से ही तैयार थी। लेकिन अचानक दोपहर में भीड़ बढ़ती देख अधिकारी सड़कों पर उतर आये। आईजी संजय गुंज्याल, एसएसपी सेंथल अवूदई कृष्णराज एस समेत तमाम अधिकारियों ने व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
आनन फानन में रुड़की से हरिद्वार की ओर आने वाले वाहनों को सिंहद्वार से बैरागी कैंप पार्किंग की ओर भेजा गया। कुछ देर बाद दिल्ली से मंगलौर और रुड़की से वाया लक्सर वाहनों को डायवर्ट करना शुरू कर दिया था। दोपहर बाद लक्सर होते हुए वाहन हरिद्वार पहुंचे थे। भारी वाहनों को पहले ही बंद किया जा चुका है।