कुंभ मेला इस बार 28 दिनों का होगा और चार ही स्नान होंगे, कोई भजन या भंडारा नहीं होगा

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Kumbh Mela 28 Days

मनमीत 

देहरदून : कुंभ मेले के इतिहास में इस बार ऐसा पहली बार होगा कि आयोजन महज 28 दिनों को होगा और शाही स्नान भी केवल चार होंगे. उत्तराखंड सरकार ने साधु संतों से चर्चा के बाद यह निर्णय लिया है. कुंभ मेला एक अप्रैल से 28 तक आयोजित किया जाएगा. जल्द ही उत्तराखंड सरकार कुंभ मेले की तारीख को लेकर अधिसूचना जारी करेगी.

मेलाधिकारी दीपक रावत ने बताया कि कुंभ मेला एक से 28 अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा. पहले हरिद्वार में आयोजित कुंभ चार माह तक की अवधि का होता रहा है. वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भी कुंभ मेले के संबंध में स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) यानी मानक प्रचालन प्रक्रिया जारी कर चुका है. कुंभ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बनाई गई इस एसओपी का पालन करना होगा.

दरअसल, उच्च न्यायालय ने भी कोविड 19 को देखते हुए राज्य सरकार को कुंभ की अवधि सीमित करने के लिए कहा था. इस संबंध में साधु संतों से बातचीत करने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि कुंभ एक अप्रैल से 28 अप्रैल तक होगा. गौरतलब है कि हरिद्वार में इस बार कुंभ 12 साल बाद की बजाए 11 साल के बाद हो रहा है. वैसे कुंभ 12 साल बाद होता है.

बैरागी अखाड़ों को सौंपी लकड़ी

कुंभ के दौरान उन विशाल लकड़ियों का विशेष महत्व होता है जिनपर अखाड़ों की धर्मध्वजा स्थापित होती है. मेलाधिकारी ने सबसे पहले बैरागी अखाड़ों में स्थापित होने वाली धर्मध्वजा के लिए लकड़ियां सौंपी. धर्मध्वजा स्थापित होने के बाद ही अखाड़ों में कुंभ के मांगलिक कार्य प्रारंभ होते हैं.

मंदिर एक रंग में रंगेगे और पुजारी पहनेंगे एक जैसी वेशभूषा

श्री गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने कहा है कि कुंभ मेला में हर की पैड़ी क्षेत्र के सभी मंदिर एक रंग में रंगे नजर आएंगे. साथ ही मंदिरों के पुजारी भी एक जैसी वेशभूषा में दिखेंगे. इसके प्रयास शनिवार से ही शुरु कर दिए गए है. छोटी छोटी बातों का भी ध्यान रख रहे है. पूरी दुनिया को हर की पैड़ी नई रूप में दिखेगी. धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप ही रंगों का प्रयोग होगा.

तन्मय ने कहा कि हर की पैड़ी को भव्य व दिव्य स्वरूप प्रदान किया जा रहा है. जिससे कुंभ में आने वाला श्रद्धालु यहां से मंत्रमुग्ध होकर लौटे. कुंभ 2021 में हरिद्वार शहर को नया रूप दिया जा रहा है. रंग व रोशनी की दिव्य व भव्यता में विशेष भूमिका होती है.


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उन्होंने कहा कि हर की पैडी के सभी मंदिरों में भगवा व पीला रंग उपयोग किया जायेगा. जैसे पुरोहितों के तख्त व छतरी भी इसी रंग में रंगी गई है. इन दिनों वह आकर्षण का केंद्र भी बनी है. ऐसे ही रंगों में मंदिरों को रंगा जाएगा. सभी पुजारी एक वेशभूषा में दिखें. जल्द ही ड्रेस कोड लागू होगा.

सभी पुजारी व तख्त में बैठने वाले एक अलग ड्रेस कोड में दिखेंगे.मेला क्षेत्र के लिए मेला प्रधिकरण की ओर से सेंट्रल साउंड सिस्टम की व्यवस्था की जा रही है. श्री गंगा सभा का प्रयास है कि सिस्टम के माध्मय से गंगा आरती का प्रसारण उसमे किया जाए.

होंगे केवल चार शाही स्नान

हरिद्वार कुंभ का पहला शाही स्नान, महाशिवरात्रि के अवसर पर 11 मार्च को होगा. 11 मार्च शिवरात्रि को पहले शाही स्नान पर संन्यासियों के सात और 27 अप्रैल वैशाख पूर्णिमा पर बैरागी अणियों के तीन अखाड़े कुंभ में स्नान करते हैं. 12 अप्रैल सोमवती अमावस्या और 14 अप्रैल मेष संक्रांति के मुख्य शाही स्नान पर सभी 13 अखाड़ों का हरिद्वार कुंभ में स्नान होगा.

नहीं होंगे भंडारे और भजन

कोरोना महामारी के दौर में आयोजित होने वाला यह कुंभ मेला बीते अन्य कुंभ मेलों से काफी अलग होगा. इस बार कुंभ मेले के दौरान किसी भी स्थान पर संगठित रूप से भजन एवं भंडारेे की मनाही रहेगी.

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