कोविड रिपोर्ट घोटाले को लेकर पूर्व और वर्तमान सीएम में रार

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द लीडर देहरादून।

कुम्भ के दौरान हुए कोविड जांच रिपोर्ट घोटाले को लेकर उत्तराखंड सरकार बैकफुट पर है। वर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने यह कर कर इससे पल्ला झाड़ने की कोशिश की कि ये मामला उनके कार्यकाल का नहीं। अब पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने भी खुद पर आंच आती देख ताल ठोंक दी है। बात बढ़ी तो कुम्भ घोटाले की और भी परतें खुल सकती हैं। लगता है भाजपा आलाकमान को अपनी छवि बचाने के लिए एक बार फिर हस्तक्षेप करना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने पाले की गेंद दूसरे के पाले में डाल रहे हैं। कुंभ मेले में कोविड जांच के फर्जीवाड़े को लेकर बृहस्पतिवार को मीडियाकर्मियों ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से सवाल पूछे थे। गढ़ी कैंट में कोविड केयर अस्पताल का लोकार्पण करने के बाद मुख्यमंत्री ने मीडिया कर्मियों से कहा कि ये मामला पुराना है। मैं मार्च में आया हूं। जब मैंने इसकी छानबीन की। मैं दिल्ली में था, मैंने दिल्ली से आते ही मामले की जांच बैठाई। मैं चाहता हूं कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी।
मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह हत्या के प्रयास का मामला है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि मामले की न्यायिक जांच कराएं। जनता के सामने यह भी आना चाहिए कि यह किस दौरान का मामला है। आखिर कब इस तरह के लाखों टेस्ट हुए और कब उन्हें नेगेटिव दिखा दिया गया। मुख्यमंत्री के बयान का स्वागत करता हूं। उस पर मैं गहरी जांच की मांग करता हूं। उन्होंने कहा, मुझे ऐसा ध्यान है कि कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए थे। इसमें टेंडर हमारे समय में नहीं हुआ। यदि टेंडर हुआ होगा तो मेला प्रबंधन के द्वारा हुआ होगा। नोटिफिकेशन हमारे समय में हुआ था, जो एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक का था। अब यह जांच का विषय है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार, सरकार होती है। पोजिशन व्यक्ति की बदलती रहती है। कोई भी सरकार यदि उसमें लिप्त है तो उसकी जांच का विधान है। अच्छी एजेंसी से जांच कराकर स्पष्ट हो जाना चाहिए कि कब की गड़बड़ है और किसकी गड़बड़ है। सुसंगत धाराओं में ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए।

अब इस आई टी जांच भी

सरकार ने इस प्रकरण की अब एस सी टी  से भी जांच कराने की बात कही है। मुख्य विकास अधिकारी की टीम और मेला अधिकारी स्वास्थ्य की टीम भी जांच कर रही है और पुलिस भी मामला दर्ज होने के बाद अपनी जांच करेगी। इधर हाई कोर्ट से जांच कराने की मांग विपक्ष कर रहा है।

 

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