नए साल के पहले दिन से बदल रहे हैं GST नियम : जाने आपकी जेब पर कितना पड़ेगा असर

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द लीडर | सरकार 1 जनवरी, 2022 से गुड्स एवं सर्विसेज टैक्‍स यानी जीएसटी में कारोबारियों के लिए नियमों में तीन अहम बदलाव करने जा रही है. ये नियम जीएसटी चोरी या धांधली को रोकने के लिए यानी पारदर्श‍िता बढ़ाने के लिए लाए जा रहे हैं. इससे कारोबारियों की मुश्‍किल और बढ़ सकती है. हालांकि इसके बारे में एक्‍सपर्ट की राय मिली-जुली है.

तीन अहम बदलाव क्‍या हैं…?

  • पहला अहम बदलाव यह है कि जनवरी से किसी भी कारोबारी के प्रतिष्‍ठान पर जीएसटी अध‍िकारी बिना किसी पूर्व नोटिस के टैक्‍स रिकवरी के लिए पहुंच सकते हैं.
  • दूसरा बदलाव यह हो रहा है कि रिफंड क्‍लेम करने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है.
  • तीसरा बदलाव यह है कि इनपुट टैक्‍स क्रेडिट के लिए 100 फीसदी इनवाइस मैचिंग अनिवार्य कर दी गई है.

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खाने के बिल पर भी पड़ेगा असर

नए बदलाव के बाद स्विगी और जोमैटो जैसे ई-कॉमर्स ऑपरेटरों को 1 जनवरी से उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली रेस्तरां सेवाओं पर जीएसटी लगेगा. उन्हें ऐसी सेवाओं के संबंध में चालान जारी करने की भी आवश्यकता होगी. हालांकि, इससे अंतिम उपभोक्ता पर कोई अतिरिक्त टैक्स का बोझ नहीं पड़ेगा क्योंकि इस समय रेस्तरां जीएसटी जमा कर रहे हैं.

केवल, जमा और चालान जुटाने के अनुपालन को अब फूड डिलीवरी प्लेटफार्मों पर स्थानांतरित कर दिया गया है. सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि बीते 2 सालों में खाने की डिलीवरी करने वाले ऐप्स 2000 करोड़ रुपये का खराब प्रदर्शन दिखा चुके थे. इन प्लेटफार्मों को जीएसटी जमा के लिए उत्तरदायी बनाने से कर चोरी पर अंकुश लगेगा.

बिना नोटिस वसूली को पहुंच सकते हैं अधिकारी

इसके अलावा, जीएसटी कानून में संशोधन किया गया है ताकि जीएसटी अधिकारियों को बिना किसी पूर्व कारण बताओ नोटिस के कर बकाया की वसूली के लिए परिसर का दौरा करने की अनुमति दी जा सके. अगर फॉर्म में दिखाया गया टैक्स इनवॉइस में दिखाए गए चालान से कम है, तो जीएसटी अधिकारी रिटर्न भरने वाले व्यापारियों के खिलाफ कदम उठा सकते हैं.


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