तुर्की में बढ़ रही सीरियाई शरणार्थियों से बेरुखी: सर्वे

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तुर्की के सोशल डेमोक्रेसी फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित ताजे SODEV सर्वेक्षण में सामने आया है कि तुर्की में सीरियाई शरणार्थियों के प्रति नकारात्मक भावनाएं बढ़ रही हैं। तुर्की इस वक्त युद्धग्रस्त सीरिया से आए 37 लाख पंजीकृत शरणार्थियों की पनाहगाह है, जो कि दुनिया की सबसे बड़ी शरणार्थी आबादी है। शायद यही वजह है कि हाल के महीनों में स्थानीय और सीरियाई लोगों के बीच घरेलू राजनीति और आर्थिक परेशानियों से तनाव उपजा है। (Syrian Refugees In Turkey)

SODEV के अनुसार, सर्वे में शामिल हुए 66 प्रतिशत लोगों का मानना है कि सीरियाई लोगों को अपने वतन वापस लौट जाना चाहिए। विपक्षी दलों के समर्थकों में यह भावना ज्यादा है। सत्तारूढ़ न्याय और विकास पार्टी के जुड़े के बीच भी लगभग 42 प्रतिशत का यही जवाब है।

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सर्वे में शरीक हुए तुर्की के लोगों ने मोटे तौर पर सीरियाई लोगों के प्रति बेरुखी दिखाई। यहां तक कि 45 प्रतिशत तो यह सोचते हैं कि सीरियाई शरणार्थी खतरनाक लोग हैं, जिनसे भविष्य में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

इसके अलावा 41 प्रतिशत लोगों ने उन्हें समाज पर बोझ के रूप में माना, जबकि और 70 प्रतिशत से ज्यादा ने कहा कि वे स्वच्छ, भरोसेमंद और विनम्र नहीं हैं। वहीं, 57 प्रतिशत का मानना है कि सीरियाई मेहनती नहीं हैं।

देशभर में 55 प्रतिशत लोगों चाहते हैं कि उनका पड़ोसी सीरियाई न हो। लगभग 65 प्रतिशत ने कहा कि वे सीरियाई लोगों में शादी नहीं करेंगे या अपने बच्चों को यह मंजूरी नहीं देंगे। (Syrian Refugees In Turkey)

आधे से ज्यादा लोगों ने कहा, अगर सीरियाई अपने बच्चों को भी उसी स्कूल में भेजेंगे, जहां उनके बच्चे जाते हैं, तो हमें तकलीफ होगी। इस सर्वे में 70 प्रतिशत ने कहा कि बहुत मजबूरी हो तब ही सीरियाई लोगों के साथ बात करते हैं।

सर्वे में आधे उत्तरदाताओं ने यह भी कहा कि उन्हें रोजमर्रा की जिंदगी में सीरियाई लोगों के साथ बड़ी दिक्कत पेश नहीं आई है, जबकि 77 प्रतिशत ने कहा कि सीरियाई शरणार्थियों ने पिछले पांच सालों में उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है।

अंकारा स्थित थिंक टैंक TEPAV के प्रवास नीति विश्लेषक उमर कडकोय ने अरब समाचार से कहा, पिछले 11 सालों में, खासतौर पर 2016 के बाद, तुर्की सरकार ने एकीकरण की रणनीति के तहत सामाजिक सामंजस्य को प्रेरित करने और सुरक्षित माहौल बनाने की योजना पर आधारित गतिविधियों को प्राथमिकता दी है।

कडकोय के अनुसार, ज्यादातर सीरियाई और तुर्क समानांतर दुनिया में रहते हैं, और लोकलुभावन राजनेता इस अंतर का फायदा उठाते हैं और इसे गलत सूचना और अभद्र भाषा के साथ बढ़ाते हैं। (Syrian Refugees In Turkey)

ताजा सर्वेक्षण तुर्की में शरणार्थी समुदाय को दी जा रही वित्तीय मदद के बारे में जनता की धारणा पर भी रोशनी डालता है।

आधे उत्तरदाताओं का मानना है कि तुर्की राज्य को केवल तत्काल आवश्यकता वाले सीरियाई लोगों को ही मानवीय सहायता देना चाहिए, जबकि 70 प्रतिशत का मानना है कि तुर्की ने पहले ही सीरियाई लोगों को जरूरत से ज्यादा मदद दी है।

पिछले छह सालों से यूरोपीय संघ डेबिट कार्ड के जरिए तुर्की में कमजोर शरणार्थी आबादी के एक तिहाई को हर महीने उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए मदद करता है।

अब तक ब्रसेल्स ने तुर्की में शरणार्थियों की स्थिति में सुधार के लिए काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों और अंतर्राष्ट्रीय सहायता समूहों को 45 करोड़ 79 लाख डॉलर दिए हैं।

पिछले साल यूरोपीय संघ ने 2023 तक शरणार्थी-केंद्रित परियोजनाओं में इस्तेमाल के लिए अतिरिक्त 30 करोड़ डॉलर का योगदान दिया।

बार-बार यूरोपीय संघ से बोझ साझा करने की अपील करते हुए तुर्की ने शरणार्थियों पर 40 बिलियन डॉलर से ज्यादा खर्च किए हैं।

हालांकि, यह केवल अभाव की कहानी नहीं रही है। सीरियाई लोगों ने तुर्की में 10 हजार से ज्यादा कंपनियों की स्थापना की है, जिनमें से कुछ यूरोपीय संघ द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं का हिस्सा हैं। ये कंपनियां ज्यादातर थोक, अचल संपत्ति, आतिथ्य, निर्माण और विनिर्माण क्षेत्रों में सक्रिय हैं। इस तरह की पहलकदमी उन्हें सरकारी सहायता पर निर्भर होने से बचने में मदद करती है। (Syrian Refugees In Turkey)

इस पर भी जवाब आए हैं, सर्वे में 67 प्रतिशत तुर्कों ने सीरियाई व्यवसायों के खिलाफ बयान दिया, कि ये कंपनियां करों का भुगतान नहीं करती या तुर्की में बेरोजगारी को कम नहीं करती हैं।

इस नजरिए पर कडकोय ने कहा, यह काफी हद तक सीरियाई लोगों को समग्र समुदाय के सदस्यों के रूप में स्वीकार न करने से उठी बात है।

ये अनौपचारिक व्यवसाय हैं, उन्हें तुर्क और सीरियाई दोनों दोनों चलाते हैं, पंजीकृत लगभग 10 हजार कंपनियों के मालिकों ने पूरे तुर्की में कंपनियां स्थापित करने के लिए 154 मिलियन डॉलर का निवेश किया है और वे समावेशी रोजगार के अवसर पैदा किए हैं, उन्होंने कहा।

वहीं, लगभग सर्वे में शरीक हुए आधे उत्तरदाताओं ने कहा कि वे सीरियाई कंपनी से खरीदारी करने से बचेंगे, जबकि 82 प्रतिशत तुर्क सोचते हैं कि सीरियाई तुर्की की अर्थव्यवस्था में योगदान नहीं करते और 85 प्रतिशत का कहना है कि वे तुर्की के सामाजिक ताने-बाने में शामिल नहीं हैं। अस्सी प्रतिशत सोचते हैं कि सीरियाई लोगों के साथ शांति से रहना नामुमकिन होगा। (Syrian Refugees In Turkey)

तुर्कों को आशंका है सीरियाइयों की मौजूदगी से अपराध दर में बढ़ोत्तरी होगी, आंतरिक संघर्ष तेज हो जाएंगे, अर्थव्यवस्था कमजोर हो जाएगी। सीरियाई तुर्की में ज्यादा वक्त तक ठहरे तो नैतिक मूल्यों का नुकसान होगा।

SODEV के अध्यक्ष एर्टन अक्सॉय ने कहा कि तुर्क सीरियाई कंपनियों की बढ़ती संख्या को स्थायित्व का संकेत मानते हैं।

अक्सॉय के अनुसार, सीरियाई शरणार्थियों के खिलाफ चल रहे पूर्वाग्रह मुख्य रूप से तुर्की के बीच घटती क्रय शक्ति से प्रेरित हैं। मुद्रास्फीति की उच्च दर के कारण यह बढ़ जाता है।

उन्होंने अरब न्यूज से बातचीत में कहा, जब लोग जीविकोपार्जन के लिए संघर्ष करते हैं, उस वक्त वे शरणार्थियों को अपनी दैनिक आर्थिक समस्याओं के लिए मुसीबत की जड़ मानने लगते हैं। (Syrian Refugees In Turkey)

अक्सॉय ने कहा, सीरियाई ही नहीं, तालिबान सत्ता आने के बाद अफगान शरणार्थियों की आमद ने तुर्की में सामाजिक हताशा को और बढ़ा दिया है। ऐसे में विपक्षी दल इन दिनों इस बात को खासतौर पर बयानबाजी कर रहे हैं कि घरेलू उपभोग के लिए शरणार्थी कार्ड का उपयोग कर वोट क्षमता में बदलने की कोशिश में है।

विशेषज्ञ इस बात पर भी गौर फरमाते हैं कि कि निम्न सामाजिक-आर्थिक स्थिति के तुर्क सीरियाई शरणार्थियों के प्रति ज्यादा सहिष्णु हैं, उन्हें उनके साथ नौकरी, बाजार साझा करने में दिक्कत नहीं होती।


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