लखीमपुर हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र को हाईकोर्ट से मिली जमानत

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द लीडर | लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को को 124 दिन बाद जमानत मिल गई है। पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा के मामले में आशीष मिश्रा को 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, आशीष मिश्रा के जेल से बाहर आने में एक-दो दिन और लग सकते हैं। आशीष मिश्रा के वकील अवधेश सिंह ने बताया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने जमानत दे दी है, लेकिन अभी आदेश आना बाकी है। उन्होंने बताया कि आदेश आने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। इसमें एक-दो दिन का समय लग सकता है।

SIT ने बढ़ाई थी हत्‍या, हत्‍या के प्रयास जैसी धाराएं

इस मामले में पुलिस की उस वक्त किरकिरी हो गई जब एसआईटी ने पूरे प्रकरण को हत्या की साजिश बताया और गंभीर धाराएं जोड़ी थी। पुलिस ने आशीष मिश्रा पर धारा 307 की जगह 279, 326 की जगह 338 और धारा 341 की जगह 304 A लगाया था। SIT ने कहा कि IPC की धारा 279, 338 और 304 A की जगह 307, 326, 34 और आर्म्स एक्ट की धारा 3/25/30 लगायी जाए। IPC की धारा 307 जान से मारने का प्रयास, 326 – खतरनाक आयुधों (डेंजरस वेपन) या साधनों से गंभीर आघात पहुंचाना, 34 – कई व्यक्तियों के साथ मिलकर एक जैसा अपराध करना और आर्म्स एक्ट की धारा 3/25/30 लाइसेंसी हथियार का गलत प्रयोग करना है।


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जयंत चौधरी ने कसा शिकंजा 

राष्‍ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी ने ट्वीट कर कहा, क्या व्यवस्था है!! चार किसानों को रौंदा, चार महीनों में जमानत… आपको बता दें कि आशीष मिश्रा इसके पहले जमानत के लिए दो बार निचली अदालत में अर्जी लगा चुके थे,लेकिन दोनों बार उनकी अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया गया था.

राकेश टिकैत ने उठाए सवाल

आशीष की जमानत को लेकर किसान नेता राकेश सिंह टिकैत ने तुरंत सवाल उठाया। उन्‍होंने कहा कि वह इस बात को वे यूपी में भाजपा के खिलाफ प्रचारित करेंगे। उन्होंने गंभीर मामले में जल्दी जमानत मिलने की बात कहकर सवाल उठाया कि कोई आम आदमी होता तो क्या इतनी जल्दी बेल मिलती? वह एक टीवी चैनल से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोर्ट पर क्या कह सकते हैं, बेल दे दी। हमारा तो यह कहना है कि 302 के इतने गंभीर मामले में दूसरे लोगों को बेल मिली हो तो ठीक है, नहीं मिली हो तो देख लो।

सुप्रीम कोर्ट में भी चल रही है सुनवाई

लखीमपुर हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया था। अक्टूबर से लेकर अब तक टॉप कोर्ट में तीन बार सुनवाई भी हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने SIT को धीमी जांच के लिए फटकारा था। अब कोर्ट में SIT को जांच प्रगति की रिपोर्ट दाखिल करनी है।

ये है पूरा मामला

बीते साल 2021 में लखीमपुर में हुई एक दुर्घटना में 4 किसानों की मौत हो गई थी। घटना तीन अक्टूबर 2021 की है, जब लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में किसान एक कार्यक्रम में कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर लौट रहे थे। इस दौरान तेज रफ्तार एसयूवी आशीष मिश्रा की टक्कर से कुचलकर
चार किसानों की मौत हो गई थी। घटना को कवर करने वाले एक पत्रकार की भी घटना में मौत हो गई। जवाबी हिंसा में भाजपा के तीन कार्यकर्ता मारे गए।

इस घटना के बाद किसानों ने आरोप लगाया था कि एसयूवी अजय मिश्रा टेनी की थी और उसमें उनका बेटा आशीष मिश्रा था। इसके बाद 9 अक्टूबर को कई घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि आशीष मिश्रा और उनके परिवार का कहना था कि घटना के वक्‍त वह वहां नहीं थे।

हालांकि बाद में एसआईटी जांच में आशीष मिश्रा को मुख्‍य आरोपी बताया गया। 5 हजार पन्‍नों की अपनी चार्जशीट में एसआईटी ने बताया था कि आशीष मिश्रा को घटनास्‍थल पर मौजूद था। एसआईटी ने आशीष को इस केस का मुख्‍य आरोपी बताया था। यही नहीं एसआईटी की जांच में आशीष मिश्रा के असलहों से फायरिंग की पुष्टि भी हुई थी। बताया गया कि आशीष मिश्रा की रिवाल्‍वर और राइफल से भी फायरिंग हुई थी।

वीडियो भी हुआ था वायरल

गुस्से और सदमे को भड़काने वाले एक वीडियो में एक एसयूवी किसानों को कुचलते हुए दिखाई दे रही है। उस दिन लखीमपुर खीरी में आठ लोगों की मौत हो गई थी। किसानों के कुचले जाने के बाद हिंसा भड़क उठी जिसमें भाजपा के दो कार्यकर्ताओं सहित तीन और मारे गए।

लखीमपुर खीरी में चौथे चरण में चुनाव

यूपी में सातवें चरण के चुनाव के चौथे दौर में लखीमपुर में मतदान होगा। पहले चरण का मतदान आज हो रहा है।

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