द लीडर : केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया पर लगाम कसने की नीति बना ली है. इसके तहत फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम, यू-ट्यूब और वाट्स-एप आदि सोशल मीडिया कंपनियों को भारतीय यूजर्स के एकाउंट का सत्यापन करना होगा. और उनकी शिकायतों के निस्तारण की ठोस व्यवस्था बनानी होगी. सरकार ने साफ किया है कि 24 घंटे के अंदर शिकायत दर्ज कर 15 दिन में निस्तारण करना होगा. ये नई व्यवस्था तीन माह के अंदर लागू हो जाएगी.
गुरुवार को केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद और केंद्रीय मंत्री प्रकाश ने एक प्रेस कांफ्रेंस जानकारी साझा की. रवि शंकर ने कहा कि सोशल मीडिया कंपनियां भारत में व्यापार करें. पैसे कमाएं. उनका स्वागत है. वे आम आदमी को मजबूत करें. सरकार आलोचना और असहमति के अधिकार का स्वागत करती है.
लेकिन उपभोक्ताओं को एक ऐसा मंच भी देना पड़ेगा, जहां वे शिकायत कर सकें. और तय समय में उनको समाधान मिल जाए. आज हम सब देख रहे हैं कि सोशल मीडिया पर अभद्र, भड़काऊ और अमर्यादित सामग्री किस कदर फैली है. जो किसी भी एंगल से एक सभ्य समाज में स्वीकार्य नहीं हो सकती.
इसे भी पढ़ें : ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने निकाली फेसबुक की अकड़, ब्लॉक किए सभी न्यूज पेज बहाल
कानून मंत्री के मुताबिक भारत में वाट्स-एप के 53 करोड़ यूर्जस हैं. यू-ट्यूब पर 48.8 करोड़, फेसबुक पर 41 करोड़, इंस्टाग्राम पर 21 करोड़ और ट्वीटर पर 1.75 करोड़ भारतीय यूजर्स हैं, जो एक बड़ी तादाद है.
मगर संसद, कोर्ट और सिविल सोसायटी के माध्यम से ऐसी शिकायतें सामने आईं, जहां अभद्र-अमर्यादित सामग्री को लेकर चिंता जताई गई. फेक न्यूज का और बुरा हाल है. वित्तीय ठगी, हिंसा उकसाने वाली चीजें भी चल रहीं.
इस स्थिति में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की जवाबदेही तय करनी होगी. इसके लिए सरकार ने नीति बनाई है. जिसमें इन कंपनियों को शिकायत निस्तारण अधिकारी नियुक्ति करना पड़ेगा. यूजर की शिकायत 24 घंटे के अंदर दर्ज करनी होगी और अधिकतम 15 दिन में निस्तारण करना पड़ेगा.
इसे भी पढ़ें : कांग्रेस ने हर तरीके से लोकतंत्र का अपमान किया, उन्हें खुद को शीशे में देखने की जरूरत : पीएम मोदी
खासकर किसी महिला की गरिमा-आत्म सम्मान से जुड़ी शिकायत-सामग्री आती है ताे से प्राथमिकता पर हल करना होगा. और 24 घंटे के अंदर वो सामग्री हटानी होगी. हर महीने की डिटेल सार्वजनिक करनी होगी. मसलन कितनी शिकायतें आईं और कितनी निस्तारित हुईं.
खुराफात करने वाला कंटेट किसने बनाया, बताना होगा
रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया पर काफी भड़काऊ कंटेट वायरल कर दिया जाता है. देश के अंदर और बाहर से भी. मगर कंपनियों को ये बताना पड़ेगा कि कंटेट सबसे पहले किसने बनाया. यानी कंटेट तैयार करने वाले की जानकारी देनी पड़ेगी. अगर कंटेंट भारत के बाहर बना है तो उसे देश में किसने आगे बढ़ाया. उसके बारे में बताना होगा.
ये देश की सुरक्षा, एकता-अखंडता और विदेश संबंध से जुड़ा मसला है. ऐसा उन्हीं मामलों में होगा, जिनमें पांच साल से अधिक की सजा का प्रावधान है. अगर कोई गैरकानून सामग्री मंच पर है तो उसे हटाना होगा. सोशल मीडिया एकाउंट का वॉलिंटरी सत्यापन कराने की व्यवस्था बनानी होगी. फिर चाहे मोबाइल से करें या किसी अन्य तरीके से.
डिजिटल मीडिया पोर्टल की निगरानी
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि टीवी, अखबार की तरह डिजिटल मीडिया पोर्टल को भी किसी कोड का पालन करना होगा. अभी उन पर कोई बंधन नहीं है. इसलिए सरकार ने समझा कि सबके लिए बराबरी का मैदान होना चाहिए. और सभी मीडिया प्लेटफॉर्म एक मंच पर आएं.
उन्होंने कहा कि न्यूज पोर्टल को अपने बारे में सूचना देनी होगी. शिकायत निस्तारण की व्यवस्था भी बनानी पड़ेगी. अभी हम उनसे रजिस्ट्रेशन के लिए अभी नहीं कर रहे हैं.
इसे भी पढ़ें : टूलकिट, दिशा के बाद शांतनु को अदालत से राहत, 9 मार्च तक गिरफ्तार नहीं कर सकेगी दिल्ली पुलिस