देश में ईंधन, खाद्यान्न, उर्वरक का संकट और भुखमरी : रूस यूक्रेन जंग का असर

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द लीडर | भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध ने ईंधन, खाद्यान्न और उर्वरक का संकट पैदा कर दिया है, जो भुखमरी की स्थिति पैदा कर देगा. जयशंकर ने नरेंद्र मोदी सरकार के आठ साल पूरे होने पर ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर एक परिचर्चा के दौरान कहा कि यूक्रेन की स्थिति के प्रभाव के रूप में हमारे हिसाब से तीन संकट (F) हैं, जिसमें फ्यूल (ईंधन), फूड (खाद्यान्न) और फर्टिलाइजर के रूप में नजर आता है.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगे कहा कि फ्यूल, फूड और फर्टिलाइजर इन तीनों के दाम बहुत बढ़ गये हैं. उनके महंगाई संबंधी बहुत प्रभाव पड़े हैं. इस कार्यक्रम का आयोजन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज ने इंटरनेशल स्टडीज नेटवर्क बेंगलूरु के साथ मिलकर किया गया था.

भारत के प्रतिबंध में ढील देने पर IMF ने की सराहना

भारत के हाल के फैसले की सराहना करते हुए उन्होंने कहा, ‘भारत के संबंध में हम हाल ही में गेहूं के निर्यात पर घोषित मूल प्रतिबंध में ढील देने और कुछ माल को भेजने की इजाजत देने के उसके फैसले का स्वागत करते हैं, जिसमें पहले से अनुबंधित माल और खाद्य सुरक्षा जरूरतों वाले देशों के लिए निर्यात शामिल है. हम न केवल भारत, बल्कि उन सभी देशों से प्रतिबंधों में और ढील देने की उम्मीद करते हैं, जिन्होंने इन्हें लागू किया है.’


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युद्ध से खाद्यान्न और उर्वरक का संकट बढ़ा: जयशंकर

दूसरी ओर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कल गुरुवार को कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध ने ईंधन, खाद्यान्न और उर्वरक का संकट पैदा कर दिया है जो भुखमरी की स्थिति पैदा कर देगा. जयशंकर ने मोदी सरकार के आठ साल पूरे होने पर राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक परिचर्चा के दौरान कहा, ‘यूक्रेन की स्थिति के प्रभाव के रूप में हमारे हिसाब से तीन एफ संकट (फ्यूल (ईंधन), फुड (खाद्यान्न) और फर्टिलाइजर (उर्वरक) के रूप में नजर आता है. इन तीनों के दाम बहुत बढ़ गए हैं. उनके महंगाई संबंधी बहुत प्रभाव पड़े हैं.’

गिनवाई 2 सालों में 4 बड़ी चुनौतियां

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि देश ने पिछले दो सालों में चार बड़ी चुनौतियों का सामना किया है. इनमें कोविड-19 , वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ तनाव, अफगानिस्तान में स्थिति और यूक्रेन संकट हैं. उन्होंने कहा कि इन चारों घटनाओं ने साबित कर दिया कि बहुत दूर घटित होने वाली चीजों का किसी देश के कल्याण पर सीधा असर होता है.

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