पेरिस।
एक मैगजीन में छपी तस्वीर के बाद इस्लामी आतंकवाद के निशाने पर आए फ्रांस ने भी आतंकवाद के खिलाफ जंग को ऐलान किया है। ट्यूनीशिया में 36 वर्षीय इस्लामी आतंकी द्वारा शुक्रवार को रैमबॉइलेट क्षेत्र स्थित पुलिस थाने में घुसकर एक महिला अफसर का गला काटकर हत्या करने के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा, फ्रांस में इस्लामी आतंकवाद को पनपने नहीं दिया जाएगा। हम इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का संकल्प लेते हैं।
राष्ट्रपति मैक्रों ने हमले के बाद ट्विटर पर कहा, इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ हमारी मुहिम किसी भी सूरत में रुकेगी नहीं। उन्होंने पुलिस अफसर स्टेफनी की पहचान उजागर करते हुए कहा कि पूरा देश उनके परिजनों, सहकर्मियों और सुरक्षाबलों के साथ है। जानकारी के मुताबिक, प्रशासनिक सहायक के बतौर काम करने वाली अधिकारी स्टेफनी दो बच्चों की मां है, जो लंच ब्रेक से लौट रही थीं।
इसी दौरान अल्ला हू अकबर का नारा लगाते हुए ट्यूनीशिया के 36 वर्षीय हमलावर ने उनकी गर्दन पर धारदार हथियार से ताबड़तोड़ हमले किए जिससे मौके पर ही महिला अफसर ने दम तोड़ दिया। इस बीच, सुरक्षाबलों ने हमलावर को भी गोली से भूनकर मार गिराया। पुलिस ने मौके से तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। फ्रांसीसी प्रधानमंत्री जीन कास्टेक्स ने इस आतंकी घटना को निंदनीय बताते हुए एक कायराना हरकत बताया है।
इमैनुएल मैक्रों की सरकार ने फ्रांस में कट्टरपंथी इस्लामी गतिविधियों से निपटने के लिए एक कानून पेश किया है। इस कानून को लेकर मुस्लिम देश पहले से विरोध जताते रहे हैं। तुर्की ने इसे मुस्लिम देशों में गुस्सा फैलाने वाला विधेयक बताया था। इस बिल में फ्रांस के इस्लामी केंद्रों में चल रही धार्मिक गतिविधियों पर नियंत्रण और विदेशों से इन केंद्रों को मिलने वाली मदद पर रोक का प्रस्ताव है।
फ्रांस में हमलावर की पहचान उजागर नहीं की गई है। हालांकि शुरुआती जांच में पता चला है कि 36 वर्षीय हमलावर ट्यूनीशिया का नागरिक था और वैध दस्तावेज के साथ फ्रांस में रह रहा था। एक टीवी चैनल ने बताया कि काफी पहले यह हमलावर अवैध रूप से फ्रांस में आया था। उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड फिलहाल सामने नहीं आया है।
पेरिस में बीते दो साल में पांच बार इस तरह के हमले हुए हैं। दूसरी बार किसी पुलिस अफसर को निशाना बनाया गया है। प्रधानमंत्री जीन कास्टेक्स ने इसे सीधे तौर पर आतंकी हमला करार दिया है। कास्टेक्स ने कहा- आप यह तय मानकर चलिए कि इस तरह की घटनाओं से हम हार मानने वाले नहीं हैं। हम बेहद सख्ती से इन लोगों से निपटने तैयार हैं। आतंकरोधी अभियोजक जीन फ्रेंकोइस ने इसे एक घृणित घटना बताया।