नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच, केंद्र सरकार ने विदेश में बने टीकों के आने की राह खोल दी है। अगर अब किसी वैक्सीन को विदेशी रेगुलेटर से मंजूरी मिली होगी तो वह भारत में भी लोगों को दी जा सकेगी।
हालांकि इसकी कुछ शर्तें तय की गई हैं। सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन या अमेरिका, यूरोप, यूके, जापान के रेगुलेटर्स से अप्रूवल पाए टीकों को ही इमर्जेंसी अप्रूवल देने की योजना बनाई है।
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केंद्र सरकार ने वैक्सीन से जुड़े नियमों में क्या बदलाव किए?
WHO या चुनिंदा देशों के रेगुलेटर्स से अप्रूवल पाए टीकों का भारत में आपातकालीन इस्तेमाल हो सकेगा।
किसी भी विदेशी टीके के पहले 100 लाभार्थियों पर सात दिन तक नजर रखी जाएगी। इसी के बाद टीके को बाकी आबादी पर इस्तेमाल करने की मंजूरी मिलेगी।
अप्रूवल के बाद भी भारतीय आबादी पर वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल चलेगा।
टीकों की कीमत और सप्लाई को लेकर केंद्र सरकार वैक्सीन निर्माताओं से बात करेगी।
अब कोरोना टीकों की नहीं होगी कोई कमी?
देश में अभी केवल वही टीके इस्तेमाल हो रहे हैं, जो यहीं पर बनाए गए हैं। केंद्र के इस फैसले से विदेशी टीकों तक पहुंच आसान होगी। यह पहली बार है जब भारत कोविड-19 के टीकों का आयात करेगा। अब लोकल मैनुफैक्चरर्स इन टीकों को बल्क में विदेशी कंपनियों से मंगा सकेंगे। इसके बाद वे अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर के जरिए भारत में शीशियां तैयार कर सकते हैं।
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विदेशी टीकों की कीमत कितनी होगी?
अभी इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ नहीं कहा है।
भारत में कोवैक्सीन और कोविशील्ड निजी अस्पतालों में 250 रुपये प्रति डोज के हिसाब से लगाई जा रही हैं।
भारत में कब तक आ पाएंगी विदेशी वैक्सीन?
फिलहाल तो विदेशी वैक्सीन निर्माताओं को अप्रूवल्स के बारे में फैसला हुआ है। केंद्र ने इन टीकों के बाजार में उतारने को लेकर कोई फैसला नहीं किया है। फाइजर, मॉडर्ना, जॉनसन ऐंड जॉनसन समेत कई विदेशी कंपनियों ने पहले से ही करोड़ों डोज की बुकिंग ले रखी है। ऐसे में अगर यहां कंपनियां आना भी चाहें तो उन्हें समय लगेगा।
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फाइजर हर साल ढाई बिलियन डोज तैयार कर सकती है। उसकी 1.6 बिलियन डोज खरीदी जा चुकी हैं। ऐसे में भारत बाकी बचीं 90 करोड़ डोज में से खरीदारी कर सकता है। मॉडर्ना और जॉनसन ऐंड जॉनसन ने अपनी क्षमता से ज्यादा का ऑर्डर ले रखा है।
ये टीके किस कीमत और कब तक भारत में आएंगे, यह इस परभर भी निर्भर करेगा कि कंपनियों से सरकार की क्या बातचीत होती है। अभी तक भारत में कोविड टीकों की कीमत बाकी देशों के मुकाबले खासी कम रही है।
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