द लीडर : बरेली के प्रतिष्ठित बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. रवि खन्ना के ख़िलाफ़ कोतवाली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC)की धारा 295-ए के तहत केस दर्ज किया है. डॉ. खन्ना पर आरोप है कि उन्होंने ख़ुदा और फ़रिश्तों को लेकर ग़लत टिप्पणी की है. बानखाना के वसीम हुसैन की तहरीर पर पुलिस ने डॉक्टर खन्ना के विरुद्ध एफ़आईआर दर्ज की है. (Bareilly Child Specialist Ravi Khanna)
रामपुर गार्डन शहर का पॉश इलाक़ा है, जहां उन्हीं के नाम से डॉक्टर रवि खन्ना अस्पताल है. खन्ना, बच्चों के डॉक्टर हैं और शहर के बाल रोग चिकित्सकों में चोटी के डॉक्टर के रूप में उनकी पहचान है. आरोप है कि पिछले दिनों मशहूर शायर, मरहूम राहत इंदौरी के एक शेर पर शायराना अंदाज़ में टिप्पणी करते हुए डॉक्टर खन्ना ने कुछ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था.
जिसमें राहत इंदौरी की शायरी को निशाना बनाते हुए डाॅक्टर खन्ना स्वर्ग और नर्क की बातें करते हुए मुस्लिम समुदाय के धार्मिक प्रतीकों के ख़िलाफ़ टिप्पणी तक पहुंच गए. जैसा कि वसीम हुसैन ने अपनी तहरीर में आरोप लगाया है. (Bareilly Child Specialist Ravi Khanna)
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खन्ना जैसे प्रतिष्ठित डॉक्टर की फ़ेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट पलभर में वायरल होने लगा. और उस पर हंगामा खड़ा हो गया. खन्ना की पोस्ट के जवाब में कुछ लोगों ने फ़ौरन ही आलोचनात्मक प्रतिक्रियाएं दीं. विरोध और आक्रोश बढ़ने पर उन्होंने अपने फ़ेसबुक अकाउंट से वो पोस्ट हटा दी.
चूंकि खन्ना शहर के जानेमाने चिकित्सक हैं और सभी समुदायों के मरीज़ उनके पास पहुंचते हैं. उनकी भाषा शैली और विचारों को देखकर कई लोग सन्न रह गए. कुछ आह्त भी हुए. इसमें डॉक्टर के विरुद्ध एफ़आईआर कराने वाले वसीम हुसैन हों या जमात रज़ा-ए-मुस्तफ़ा के प्रतिनिधि, जिन्होंने पुलिस में उनकी शिकायत की है-उन्हीं आह्त होने वालों में से कुछ लोग हैं.
जमात रज़ा-ए-मुस्तफ़ा बरेली की मशहूर दरगाह आला हज़रत का संगठन है. मोईन ख़ान के नेतृत्व में इस जमात का एक प्रतिनिधि मंडल बुधवार को पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से मिला. एसपी सिटी से डॉक्टर खन्ना की लिखित शिकायत की.
जमात के उपाध्यक्ष सलमान हसन ख़ान, जोकि दरगाह ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन मुफ़्ती असजद रज़ा क़ादरी-असजद मियां के दामाद हैं, उन्होंने पुलिस के आला अधिकारियों के पास अपना प्रतिनिधि मंडल भेजा था. इस मांग के साथ कि डॉक्टर के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की जाए, क्योंकि उन्होंने एक वर्ग की भावनाएं आह्त की हैं, जो समुदायों के बीच नफ़रत पैदा करने वाली करतूत है. (Bareilly Child Specialist Ravi Khanna)
गुरुवार को शहर के कोतवाली थाने में पुलिस ने डॉ. रवि खन्ना के ख़िलाफ़ 295-ए के तहत केस दर्ज कर लिया है और जांच के बाद इस मामले में आगे की कार्यवाही की जाएगी.
जमात ने अपनी शिकायत में डॉ. अतुल अग्रवाल का भी ज़िक्र किया है. ये कहते हुए कि बरेली में ये कोई पहली घटना नहीं है, जिसमें एक डॉक्टर ने दूसरे समुदाय के ख़िलाफ़ इस तरह के नफ़रती विचार व्यक्त किए हैं. बल्कि इससे पहले डॉ. अतुल अग्रवाल भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तमाम ऐसी बातें बोल चुके हैं.
जमात ने कहा कि पुलिस कार्यवाही के साथ ही वो इस मामले में दोनों डॉक्टर की शिकायत मेडिकल काउंसिल में भी करेंगे. और मांग करेंगे कि इनका मेडिकल लाइसेंस निरस्त किया जाए. क्योंकि चिकित्सा जैसे पवित्र पेशे में इस तरह के आचार-विचार के लोग, अपने छोटे मक़सद के लिए मेडिकल फ़ील्ड को बदनाम करने का काम कर रहे हैं. ये बेहद गंभीर मामला है, क्योंकि ये कोई अशिक्षित और आम लोग नहीं हैं, बल्कि प्रतिष्ठित डॉक्टर हैं. और इनके पास रोज़ाना सैकड़ों माता-पिता अपने बच्चों का इलाज़ कराने के लिए आते हैं. अगर इनके मन में एक समुदाय के ख़िलाफ़ इतना विद्वेष है, तो क्या इलाज़ के दौरान ये उसे दूर रख पाते होंगे? (Bareilly Child Specialist Ravi Khanna)
जमात रज़ा-ए-मुस्तफ़ा के प्रवक्ता समरान ख़ान ने कहा कि, डॉक्टर रवि खन्ना ने शहर का माहौल ख़राब करने की कोशिश की है. एक डॉक्टर के तौर पर सभी उनका सम्मान करते हैं, लेकिन उन्होंने एक समुदाय के ख़िलाफ़ अपनी नफ़रत सार्वजनिक की है. वो हैरान करने वाला है. हमारी मांग है कि उन्हें गिरफ़्तार किया जाए. मेडिकल काउंसिल में भी शिकायत करेंगे. हमें उम्मीद और विश्वास है कि हमारे डॉक्टर सांप्रदायिक आधार पर नफ़रत से दूर रहेंगे.
डॉक्टर ने क्या दी सफाई
इस मामले में डॉक्टर की सफाई भी आई है. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले राहत इंदौरी साहब पर उनकी तुकबंदी अंदाज़ में एक पैरोडी हमारे वाट्सएप पर आई थी, उसे हमने फेसबुक पर पोस्ट कर दिया. हमारे क़रीबी मुस्लिम दोस्तों के फ़ोन कि इसे हटा दीजिए. 10-15 मिनट के अंदर ही मैंने इसे डिलीट कर दिया. पोस्ट करते वक़्त हमारे दिमाग में ये ख़्याल नहीं आया कि इससे भावनाएं आह्त हो सकती हैं. लेकिन कुछ खुराफातियों ने इसका स्क्रीनशॉट लेकर ग्रुप्स में शेयर कर दिया. मेरा इरादा किसी की भावनाएं आह्त करना कतई नहीं था, बल्कि जिन लोगों ने मेरे स्क्रीनशॉट को ग्रुप्स में फॉरवर्ड किया है, उन्होंने जानबूझकर ग़लत किया है. (Bareilly Child Specialist Ravi Khanna)
क्या कहती है आईपीसी की धारा-295-ए
अगर किसी शख़्स ने भारतीय नागरिकों के किसी वर्ग (Classes of Citizens)की धार्मिक भावनाओं (Religious Feelings) को आह्त (Outrage) करने के दुर्भावनापूर्ण मक़सद से (Malicious Intention) उनके मज़हब या धार्मिक अकीदों का अपमान किया है तो उसके ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा-295-ए के तहत कार्रवाई की जाएगी. चाहें उसने ऐसा बोलकर किया हो, लिखकर या दूसरे तरीके से. उस शख़्स को 295-ए के तहत तीन साल की सज़ा और जुर्माना, दोनों से दंडित किया जाएगा.