बाढ़ का खौफ : राप्ती नदी पर कटान को रोकने के लिए किए जा रहे कार्यों में मानक की अनदेखी, लोगों ने की शिकायत

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द लीडर। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में बाढ़ को लेकर लोगों में भय का माहौल देखने को मिल रहा है। जी हां जिला बलरामपुर राप्ती नदी के बाढ़ से प्रत्येक वर्ष प्रभावित होता है। जिले के दर्जनों गांव बाढ़ के कटान की जद में आ चुके हैं।

वहीं कटान प्रभावित गांव को कटान से बचाने के लिए प्रशासन प्रयास कर रहा है। बाढ़ से कटान रोकने के नाम पर मोटी रकम बजट के रूप में प्रत्येक वर्ष जारी होती है। लेकिन कार्य कुछ नहीं किया जाता है और पैसों का बंदरबांट कर लिया जाता हैं।

कार्यों में की जा रही मानक की अनदेखी

इस वर्ष भी तटबंधों के रखरखाव औरकटान को रोकने के लिए कराए जा रहे कार्यों में मानक की अनदेखी की जा रही है। जिसकी स्थानीय ग्रामीणों ने शिकायत की है। लोगों का कहना है कि, अगर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो नदी में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होते ही सारे बचाव कार्य बेकार साबित हो जाएंगे।


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लोगों का कहना है कि, अगर कार्य सही से मानकों को ध्यान में रखते हुए नहीं किया गया तो आसपास के दर्जनों गांवों के हजारों लोगों को बाढ़ की विभीषिका का दंश झेलना पड़ेगा। खुलेआम मानक विहीन कार्य नोडल एजेंसी द्वारा कराए जा रहे हैं। और सब कुछ जानते हुए भी जिम्मेदार मौन बैठे हैं।

शिकायतों को गंभीरता से नहीं ले रहे अधिकारी

लोगों ने बताया कि, प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने राप्ती नदी पर कटान को रोकने के लिए किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया। लेकिन वह उस जगह नहीं गए जहां मानकों के विपरित कार्य किया जा रहा है। लोगों का कहना है कि, अधिकारी शिकायतों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

बता दें कि, राप्ती नदी के किनारे कल्याणपुर और चौका खुर्द गांव को बचाने के लिए कार्य कराया जा रहा है। नदी के धारा को मोड़ने और गति को अवरुद्ध करने के लिए पिलर लगाए जा रहे हैं। पिलर इस कदर जर्जर है कि, वह गिरते ही टूट जा रहे हैं। पिलर में प्रयोग की गई सरिया अस्पष्ट दिखाई दे रही है। कोई भी पिलर को देखकर उसकी क्वालिटी का अंदाजा लगा सकता है कि, कितने घटिया सामग्री से तैयार की गई होगी।

लोगों ने जताई चिंता, की ये मांग

स्थानीय लोगों को चिंता है कि, यदि इसी प्रकार कार्य कराके ठेकेदार चले गए तो, बाढ़ की स्थिति में यह किसी भी दशा में उपयोगी साबित नहीं हो पाएंगे। इससे सरकारी धन का दुरुपयोग होगा और आसपास के गांव में बाढ़ की त्रासदी उत्पन्न होगी।

वहीं लोगों की मांग है कि, पूरे कार्य की तत्काल जांच कराई जाए और मानक के अनुरूप मटेरियल से बनाए गए पिलर को ही लगाया जाए। पिलर कितना घटिया क्वालिटी का है इस बात की पुष्टि लगाने वाले मजदूर भी कर रहे हैं।

फिलहाल लोगों का कहना है कि, अधिकारी उनकी शिकायतों पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। लेकिन अगर कार्य ऐसे ही हुआ तो बाढ़ आने पर हजारों लोग तबाह हो जाएगा। बहरहाल, अब देखना ये होगा की प्रशासन जल्द कोई कार्रवाई करेगा।


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