किसान आंदोलन : सरकार के साथ चौथी बैठक में बन गई बात, लेकिन करना होगा ये काम

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द लीडर हिंदी : किसानों की मेहनत अब रंग लाने लगी है. सरकार के साथ चौथी बैठक में बात बन गई. लेकिन अभी आंदोलन जारी रहेगा. बता दें केंद्र सरकार चार और फसलों पर MSP देने को तैयार हो गई है. रविवार 18 फरवरी को फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी के मुद्दे पर चंडीगढ़ में किसान नेताओं और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच हुई चौथे दौर की बैठक में केंद्र सरकार चार और फसलों पर एमएसपी देने को तैयार हो गई.

केंद्र सरकार की तरफ से धान और गेहूं के अलावा मसूर, उड़द, मक्की और कपास की फसल पर भी एमएसपी देने का प्रस्ताव पेश किया गया, लेकिन इसके लिए किसानों को अभी भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नैफेड) और भारतीय कपास निगम (सीसीआई) से पांच साल का करार करना होगा.जिसका दो दिन में किसान जवाब देंगे.

सोमवार यानि 19 फरवरी को फैसला आ सकता है.ऐसी जानकारी किसान नेताओं ने दी. बता दें केंद्र के इस प्रस्ताव पर बैठक में मौजूद किसान नेताओं ने कहा कि वह सभी संगठनों से बात कर सोमवार को इस पर अंतिम फैसला बताएंगे. करीब पांच घंटे चली इस बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि चौथे दौर की बातचीत बेहद सकारात्मक रही है.पंजाब और हरियाणा में घटते भूजल स्तर को बचाने के लिए फसलों का विविधीकरण जरूरी है.

इसके मद्देनजर सरकार ने आगे बढ़कर यह प्रस्ताव दिया है और ज्यादातर किसानों ने सैद्धांतिक तौर पर सहमति व्यक्त की है.वही इसी बीच बैठक में मौजूद पंजाब के सीएम मान ने बाहर आकर पत्रकारों को बताया कि फसलों का विविधीकरण बेहद जरूरी है, बशर्ते सरकार वैकल्पिक फसलों पर एमएसपी की गारंटी दे.इसके बाद अन्य फसलों को भी इसके अंर्तगत लाया जा सकता है.

हम केंद्र के इस प्रस्ताव पर किसान संगठनों के जवाब का इंतजार करेंगे. बता दें इससे पहले, इस वार्ता में किसान संगठनों ने स्पष्ट कर दिया है कि एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए केंद्र अध्यादेश लेकर लाए. वह इससे कम किसी बात पर नहीं मानेंगे. करीब दो घंटे देरी से शुरू हुई बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय के साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां भी शामिल हुए.

बता दें किसान आंदोलन के तहत 12 से 16 फरवरी तक तीन जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद की गई थीं. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्रीय मंत्रियों से चंडीगढ़ में 15 फरवरी को हुई बैठक में इंटरनेट बंद होने का मुद्दा उठाया था. वहीं, हरियाणा ने भी अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों में मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवाएं बंद कर दी हैं.

वही संयुक्त किसान मोर्चा ने लुधियाना में बैठक कर 20 से 22 फरवरी तक टोल प्लाजा फ्री करवाने का निर्णय लिया. रविवार को भी कई जिलों में टोल प्लाजा फ्री करवाए गए. लुधियाना में हुई बैठक में 37 किसान जत्थेबंदियों ने हिस्सा लिया है.किसान अब क्या फैसला लेते है इसपर सरकार की नजर बनी हुई. वही रविवार रात किसानों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच चौथे दौर की बैठक के बाद माहौल काफी खुशनुमा दिखा. अब देखना होगा पांच साल के लिए करार करने पर क्या बात बनती है.