लखीमपुर खीरी में फिर जुटे किसान, क्या फिर से किसान आंदोलन का होगा आग़ाज़

The leader Hindi: लखीमपुर खीरी में एक बार फिर से किसान जुट गए है और धरना दे रहे हैं। यह धरना प्रदर्शन देखकर किसानों के 1 साल तक चले किसान आंदोलन की याद ताजा हो रही है। यह प्रदर्शन केंद्र सरकार के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन मिलकर कर रहे हैं।
आपको बता दें इस प्रदर्शन के पीछे का कारण लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी नेता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री टेनी की बर्खास्तगी ना होना है।
किसानों की मांग है की अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त किया जाए और उन्हें जेल भेजा जाए जिसको लेकर सभी किसान 18 से 20 अगस्त तक 75 घंटे का धरना प्रदर्शन करेंगे।
पिछले साल 3 अक्टूबर को जिले के तिकुनिया इलाके में हिंसा भड़क जाने की वजह से लखीमपुर खीरी में 4 किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। इसी मामले को लेकर किसान न्याय की मांग कर रहे हैं। गुरुवार शाम तक पंजाब समेत कई राज्यों से करीबन 50,000 किसान धरना करने पहुंच गए .धरने के 1 दिन पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने मंच से प्रशासन को चेतावनी भी दी थी. उन्होंने कहा “यहां का प्रशासन अपना दिमाग ठीक कर ले। पानी की व्यवस्था कर दे ।अगर सुविधा नहीं दोगे तो हम सुविधा लेना जानते हैं।”

“किसानों की सभी मांगे”
किसानों की प्रमुख मांगों में तिकुनिया हिंसा मामले में अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त करना, खाद डीजल पेट्रोल रसोई गैस के दाम आधे करना, एमएसपी पर गारंटी कानून बनाना, 2020 बिजली बिल रद्द किया जाना, किसान आंदोलन में जिन किसानों पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं उन्हें वापस ले लेना ,भारत के सभी किसानों के कर्ज माफ करना और खंड मिलो की तरफ से जो किसानों की बची हुई राशि है उसे तत्काल जारी कर देना, यह सभी मांगे शामिल है।

धरना प्रदर्शन में पंजाब ,उत्तर प्रदेश उत्तराखंड और हरियाणा के आसपास के जिलों के किसान शामिल हो रहे हैं और धरने की वजह से मंडी स्थल में बड़ी मात्रा में पुलिस बलों को तैनात किया गया है ।इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष दिलबाग सिंह भी वहां मौजूद है।

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Abhinav Rastogi

पत्रकारिता में 2013 से हूं. दैनिक जागरण में बतौर उप संपादक सेवा दे चुका हूं. कंटेंट क्रिएट करने से लेकर डिजिटल की विभिन्न विधाओं में पारंगत हूं.

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