बिलकिस बानो के केस को मुसलमान के चश्मे से मत देखिए, ये इंसाफ़ का मसला है- ओवैसी

0
259
asaduddin owaisi
asaduddin owaisi

The leader Hindi: ”बिलकिस बानो के केस को सिर्फ़ मुसलमान के चश्मे से मत देखिए. ये इंसाफ़ का मसला है. हम प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि उनके दोषियों का रिलीज़ ऑर्डर कैंसिल करके जेल भेजा जाए.” ये ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM)के अध्यक्ष असदुद्​दीन ओवैसी हैं, जो न्यूज़ एंकर्स की ख़ामोशी पर सवाल उठाने के साथ उनसे इस मुद्​दे पर बोलने की मांग कर रहे हैं.

बिलकीस बानो 2002 के गुजरात दंगों की पीड़िता हैं. जब वह पांच महीने की गर्भवती थीं, तो भीड़ ने उनके घर पर हमला कर दिया. बिलकीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार किया. उनकी 3 साल की बच्ची समेत परिवार के 7 लोगों को मार डाला. 15 अगस्त को उनके बलात्कार और परिवार के 7 लोगों की हत्या के 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने जेल से रिहा कर दिया है. और रिहाई के बाद दोषियों के स्वागत की जो तस्वीरें सामने आई हैं, वो काफ़ी हैरान करने वाली हैं. जहां फूल-मालाएं पहनाकर स्वागत हुआ.

मुस्लिम समुदाय सरकार के इस फ़ैसले और उसके बाद की दृश्यों से आह्त है. मशहूर गीतकार जावेद अख़्तर ने कहा, पांच महीने की गर्भवती औरत के साथ बलात्कार और 3 साल की बेटी समेत 7 लोगों के क़ातिल जेल से आज़ाद हो गए. मिठाई खिलाकर फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया गया. किसी भी तर्क से इसे ढका नहीं जा सकता है. गंभीरता से सोचिए. ज़रूर हमारे समाज कुछ ग़लत चल रहा है.

गुजरात में इसी साल दिसंबर में विधानसभ चुनाव संभावित हैं. सामूहिक बलात्कार और 7 लोगों की हत्या के दोषियों की रिहाई की टाइमिंग ऐसी है, जिस पर गुजरात सरकार विपक्ष के निशाने पर है. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी नेता सीके राजौली भी उस पैनल का हिस्सा थे, जिसने इन दोषियों की रिहाई का फ़ैसला लिया है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत और दूसरे विपक्षी दलों ने सरकार के इस फ़ैसले की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने महिलाओं का अपमान किया है.

लेकिन इस मामले में समाज में आक्रोश या चिंता नज़र नहीं आती है, जो निर्भया से लेकर हाथरस कांड तक दिखाई दी थी. न ही राजनीतिक दलों में सड़क पर आकर इसकी आलोचना करने का साहस दिखाई पड़ रहा है. दिल्ली में चंद लड़कियों ने ज़रूर ये साहस दिखाया है. जंतर-मंतर पर खड़े होकर उन्होंने बिलकिस बानो को इंसाफ़ दिलाने की आवाज़ उठाई है.

वरिष्ठ पत्रकार आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने कहा-बिलकिस बानो के साथ दो बार ज़्यादती हुई है. एक बार 2002 में और दूसरी बार 2022 में. बिलकीस बानो के पति ने कहा-इन बीस सालों में जैसे तैसे हम लोग जीने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन अब नहीं पता कि आगे क्या होगा?

ये भी पढ़े

लखीमपुर खीरी में फिर जुटे किसान, क्या फिर से किसान आंदोलन का होगा आग़ाज़