प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी से 4 करोड़ रुपये की नकली कोविड वैक्सीन बरामद!

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द लीडर | वाराणसी में बड़े पैमाने पर नकली कोविड वैक्सीन पकड़ी गई हैं. स्पेशल टास्क फोर्स की एक बड़ी कार्रवाई में यहां से नकली कोविशील्ड और Zycovid के साथ नकली कोविड टेस्टिंग किट बरामद हुई हैं. लंका थाना क्षेत्र के रोहित नगर में हुई कार्रवाई से इस फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ हुआ है. एसटीएफ ने मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार भी किया है.

गौरतलब है की देश के प्रधानमंत्री की लोक सभा सीट भी वाराणसी है और प्रधानमंत्री मोदी ने बीते कुछ महीनों में कोरोना वैक्सीन पर ख़ास जोर दिया है. बीते 17 सितंबर को जिस दिन प्रधानमंत्री का जन्मदिन भी होता है, उस दिन देश में कोरोना वैक्सीन के रिकॉर्ड डोस लगे थे जो की 2 करोड़ से अधिक थे. ऐसे में वाराणसी से 4 करोड़ से ज्यादा की नकली कोरोना वैक्सीन ज़प्त किये जाने से कई लोगों पर सवाल खड़े हो गए हैं.


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आरोपियों के पास से क्या मिला ?

आरोपियों के कब्जे से भारी मात्रा में नकली कोविड टेस्टिंग किट, नकली कोविशील्ड वैक्सीन, नकली जाइकोव डी वैक्सीन, पैकिंग मशीन, खाली वायल, स्वाब स्टिक आदि बरामद किया है. जिसकी अनुमानित कीमत चार करोड़ रुपये आंकी गई है. यहां से बनकर तैयार दवाएं और किट विभिन्न राज्यों में सप्लाई होती थी. एसटीएफ वाराणसी इकाई के डिप्टी एसपी विनोद कुमार के अनुसार नकली कोविड किट और वैक्सीन के बारे में लगातार सूचनाएं फील्ड यूनिट टीम को मिल रही थी. उसके आधार पर लंका थाना के रोहित नगर कॉलोनी स्थित एक फ्लैट में छापा मारा गया.

4 करोड़ रुपये की है इन दवाओं की कीमत

अभियुक्तगण से पूछताछ कर उनके गिरोह के बारे में जानकारी एकत्र करते हुए अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है. बरामद दवाओं की बाजार मूल्य के अनुसार अनुमानित कीमत लगभग 4 करोड़ रुपये है.

गिरोह का कई राज्यों में फैला है नेटवर्क

मौके से सिद्दीगिरी बाग निवासी राकेश थवानी, पठानी टोला चौक निवासी संदीप शर्मा, मालवीय नगर (नई दिल्ली) निवासी लक्ष्य जावा, नागपुर रसड़ा (बलिया)  निवासी  शमशेर और बौलिया लहरतारा निवासी अरुणेश विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ पर राकेश थवानी ने बताया कि वह संदीप शर्मा, अरुणेश विश्वकर्मा व शमशेर के साथ मिलकर नकली वैक्सीन व टेस्टिंग किट बनाता था.

जांच में पता चला कि वाराणसी में पकड़ी गई चार करोड़ की नकली कोविशील्ड वैक्सीन, प्राइवेट अस्पतालों में सप्लाई की जा रही थी. वैश्विक महामारी कोरोना को कुछ अपराधी किस्‍म के लोग इस आपदा को भी अवसर के रूप में भुना रहे हैं. एक ओर जहां सभी सरकारी अस्पतालों, केंद्रों में लोगों को मुफ्त में कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन लगा रही है वहीं दूसरी ओर कुछ प्राइवेट अस्पताल नकली वैक्सीन लगाने से बाज नहीं आए और सिर्फ वाराणसी ही नहीं बल्कि दूसरे राज्‍यों के लिए भी यही वैक्‍सीन आपूर्ति करने का मामला सामने आया है.

कैसे सप्लाई होती थी नकली कोरोना वैक्सीन 

पूछताछ पर राकेश थवानी ने बताया कि वह संदीप शर्मा, अरुणेश विश्वकर्मा व शमशेर के साथ मिलकर नकली वैक्सीन व टेस्टिंग किट बनाता था और लक्ष्य जावा को सप्लाई करता था जो अपने नेटवर्क के द्वारा अलग-अलग राज्यों में सप्लाई करता था. पुलिस ने कहा कि आरोपियों से पूछताछ कर उनके गिरोह के बारे में जानकारी इकट्ठा करते हुए अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है.

करोड़ों का जब्त माल दिलाएगा सजा

यह नकली वैक्सीन और कोरोना जांच किट्स की आपूर्ति गैंग के सदस्य नई दिल्ली निवासी लक्ष्य जावा को कर देते थे. मतलब लक्ष्य जावा की आगे इस जानलेवा नकली वैक्सीन और नकली कोरोना किट को कोरोना पीड़ितों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी थी. लक्ष्य जावा देश के तमाम राज्यों में इस खतरनाक नकली मटीरियल को सप्लाई अपने पहले से तय अड्डों पर करता था.

उत्तर प्रदेश राज्य पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स के प्रमुख आईपीएस अपर पुलिस महानिदेशक अमिताभ यश कहते हैं, “इस बड़े अड्डे को नेस्तनाबूद करने से मौके पर बरामद नकली माल की औसत कीमत 4 करोड़ रूपए है. इस सभी नकली वैक्सीन और कोरोना टेस्ट किट्स को सील कर लिया गया है. जिसे आरोपियों को सजा दिलाने के दौरान कोर्ट में बतौर माल-जब्ती पेश किया जाएगा. ताकि मुलजिमों को मुजरिम करार दिलवाकर उन्हें अधिकतम सजा दिलवाई जा सके.”

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