अफगानिस्तान में 20 साल रहकर भले ही ब्रिटिश रायल आर्मी के हाथ कोई सुखद यादगार हासिल न हुई हो, लेकिन वापसी की आखिरी उड़ान ने तोहफा दे दिया। एक ऐसा तोहफा, जिसका रिश्ता अफगानिस्तान और ब्रिटेन से अलग नहीं हो सकता। एक ऐसा रिश्ता जो जमीन पर नहीं बना, बल्कि आसमान में 30 हजार फीट की ऊंचाई पर बना। यह रिश्ता तब बना, जब एक अफगान शरणार्थी महिला ने ब्रिटेन के शहर बर्मिंघम जा रहे विमान में एक बच्ची को जन्म दिया।
टर्किश एयरलाइंस ने कहा कि 26 वर्षीय सोमन नूरी दुबई से बर्मिंघम की उड़ान में थी, जब वह 30 हजार फीट पर यूके जाने वाली निकासी उड़ान से लेबर पेन महसूस करने लगी। फ्लाइट में डॉक्टर न होने से केबिन क्रू के सदस्यों ने बच्चे के प्रसव में मदद की।
लड़की का नाम हव्वा रखा गया, जिसका हिब्रू में अर्थ है “जीवन”। यह दंपति का तीसरा बच्चा था। दंपति नूरी और उनके पति 30 वर्षीय ताज मोहम्मद काबुल हवाईअड्डे से रवाना हुई फ्लाइट में दुबई से ब्रिटेन की यात्रा कर रहे थे।
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टर्किश एयरलाइंस ने कहा कि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। कुवैत हवाई क्षेत्र में पैदा हुई लड़की को लेकर एहतियातन फ्लाइट कुवैत में उतरी थी। यहां से सुचारू उड़ान के बाद फ्लाइट सुबह 11:45 बजे बर्मिंघम पहुंची।
इससे पहले इसी तरह की एक घटना में पिछले हफ्ते एक बच्ची का जन्म एक विमान में हो चुका है। तब विमान जर्मनी में उतरा था और चिकित्साकर्मियों ने महिला को प्रसव में मदद की थी। काबुल हवाईअड्डे से सी-17 यूएस कार्गो प्लेन में सफर कर रही महिला ने बच्ची को जन्म दिया। विमान के कोड नाम रीच 828 था, इसलिए बच्ची का नाम “रीच” रख दिया गया।
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ब्रिटेन ने शनिवार की देर रात अपना निकासी अभियान समाप्त कर अफगानिस्तान से आखिरी उड़ान भरी थी। काबुल पर 15 अगस्त को तालिबान के कब्जे के बाद से ब्रिटेन ने दो हफ्तों में लगभग 15,000 लोगों को अफगानिस्तान से निकाला है, जिसमें ब्रिटिश नागरिक, सैनिक और अफगान शरणार्थी हैं।