20 साल बाद: ब्रिटिश आर्मी ने भरी अफगानिस्तान से आखिरी उड़ान

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लगभग 20 वर्षों के बाद अफगानिस्तान में अपना अभियान समाप्त कर पिछले दो हफ्तों में 15 हजार से ज्यादा लोगों को निकालने के बाद ब्रिटेन के सैनिकों ने शनिवार देर रात अफगानिस्तान छोड़ दिया।

शनिवार रात 9 बजकर 25 मिनट पर अंतिम आरएएफ विमान काबुल हवाई अड्डे से सैन्य और अफगान कर्मियों की निकासी को समाप्त कर रवाना हुआ। बीते 14 दिनों में 165 से अधिक उड़ानों में 15 हजार से ज्यादा लोगों को एयरलिफ्ट किया गया।

जैसे ही अंतिम ब्रिटिश सैनिकों ने देश छोड़ा रक्षा मंत्री बेन वालेस ने सैनिकों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने “बेहतर जीवन के लिए आने वालों का स्वागत कर पीछे छूटे लोगों के लिए दुख जताया।” रक्षा मंत्री वालेस ने इससे पहले कहा था कि ब्रिटिश सरकार के लिए काम करने वाले 800 और 1100 अफगानों को एयरलिफ्ट करना संभव नहीं होगा, इसके साथ यह भी कहा कि वे भूमि मार्ग से आ सकते हैं और यूके सरकार उनकी मदद करेगी।

पीएम बोरिस जॉनसन ने आश्वासन दिया था कि उनकी सरकार उन अफगानों के लिए पूरा सहयोग देगी, जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं।

ब्रिटिश पीएम ने कहा, “हम उन्हें बाहर निकालने में मदद को आकाश-पाताल एक कर देंगे, हम दूसरे चरण में जो कुछ भी कर सकते हैं, करेंगे।” ऑपरेशन के आखिरी पलों में फिर भी कुछ ऐसे लोग होंगे जो न आ सकें, जबकि वे इस लायक हों।”

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प्रधानमंत्री जॉनसन ने भी सैनिकों के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हें उन पर गर्व है। इससे पहले उन्होंने जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के साथ अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा की थी। बैठक के दौरान, जॉनसन ने मर्केल से कहा कि तालिबान के लिए “मान्यता और रिश्ते” उन अफगानों के लिए सुरक्षित राह की मंजूरी देने से जुड़ा है जो “मानव अधिकारों के सम्मान” के साथ देश छोड़ना चाहते हैं।

काबुल हवाई अड्डे पर गुरुवार को हुए आत्मघाती हमले के दौरान ब्रिटिश नागरिक मारे गए थे। विदेश मंत्री डॉमिनिक रैब के अनुसार, दो ब्रिटिश नागरिक और एक अन्य ब्रिटिश नागरिक का एक बच्चा मारा गया। इस्लामिक स्टेट से जुड़े आतंकी संगठन के इस हमले में 100 से ज्यादा लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर अफगानी नागरिक हैं। तालिबान ने इस हमले की निंदा की है।

पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर के कार्यकाल के दौरान ब्रिटेन 2001 में संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ अफगानिस्तान में युद्ध में शामिल हुआ था। पिछले दो दशकों में अफगानिस्तान ऑपरेशन में कम से कम 450 ब्रिटिश सैनिक मारे गए।


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