कहां मालदा कहां दिल्ली लेकिन इंदिरा गांधी तक पहुंचती थी ये मिठाई

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श्रीपति त्रिवेदी

कोलकाता। बांग्लादेश की सीमा से लगा मालदा बंगाल का वह जिला है, जो अक्सर सुर्खियों में रहता है। राजनीतिक तौर पर देखा जाए तो मालदा बंगाल में कांग्रेस का गढ़ रहा है। 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां 12 में से 8 सीटों पर कब्जा किया था। 2 सीटें बीजेपी को मिली थी और एक एक सीट कम्युनिस्ट पार्टी और निर्दलीय के खाते में गई थी। ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस का तो यहां सूपड़ा साफ हो गया था। यहां 26 और 29 तारीख को वोट डाले जाएंगे।

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मालदा अपनी मिठास के लिए भी मशहूर है। यहां की मिठाई कनसट पूरी दुनिया में मशहूर है। मालदा की पूर्वी सीमा बांग्लादेश से मिलती है इसलिए शायद कनसट बांग्लादेश के सहिबगंज से भारत में आई।

कनसट छेने से बनने वाली मिठाई है। आपको जानकर हैरानी होगी बंगाल में कांग्रेस के बड़े नेता रहे गनी खान चौधरी ने एकबार मालदा दौरे पर इंदिरा गांधी को यह मिठाई खिलाई थी। इस स्वाद चखते ही इंदिरा गांधी इस मिठाई की मुरीद हो गईं। कम ही लोग जानते होंगे इंदिरा गांधी मिठाइयों की बेहद शौकीन थी। इंदिरा को यह मिठाई इतनी पसंद आई कि चौधरी साहब अपने हर दिल्ली दौरे पर मालदा से यह मिठाई खासतौर पर उनके लिए लेकर जाते थे।

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कनसट के स्वाद का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि उस दौर में सरकार की ओर से कई बार विदेशी मेहमानों के सामने इस मिठाई को पेश किया गया। इतना ही नहीं तोहफे के तौर पर दी गई ये मिठाई उनके साथ सात समंदर पार भी पहुंच गई।

कनसट मिठाई को सबसे पहले महेंद्र कुमार साहा ने अंग्रेजों की शासन काल के दौरान बनाया था।  अब उनके बेटे विजय कुमार साहा पिता से मिली इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। कभी भी मालदा जाएं तो कनसट खाना ना भूलें। छेने का यह व्यंजन शर्तिया आपकी जुबान पर कभी ना भूलने वाली छाप छोड़ेगा।

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