द लीडर : फिलिस्तीनियों पर इजरायल का जुल्म जारी है. अलविदा के रोज भड़की हिंसा अल-अक्सा मस्जिद के अंदर तक पहुंच गई. यहां नमाज अदा करने आए करीब 180 फिलिस्तीनी नागरिक इजरायली सैनिकों की कार्रवाई में घायल हुए हैं. जिसमें 18 गंभीर रूप से जख्मी हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. द फिलिस्तीन रेड क्रिसेंट इमरजेंसी सर्विस ने भी अपने नागरिकों के घायल होने की पुष्टि की है.
अल अक्सा मुसलमानों की ऐतिहासिक मस्जिद है. यहां शुक्रवार की शाम को नमाज से पहले विवाद हुआ, जो बाद में मस्जिद तक पहुंच गया. इजरायली सैनिकों ने मस्जिद के अंदर मौजूद फिलिस्तीनियों पर आंसू गैस, रबड़ बुलेट दागे. जिसमें कईयों के आंख, चेहरे पर चोटें पहुंची हैं. अल अक्सा के अंदर झड़प के कुछ वीडियो भी सामने आए हैं.
Israeli forces attack worshippers inside al-Masjid al-Qibli in al-Aqsa Mosque with stun grenades, effectively trapping hundreds of people inside, including many children#Jerusalem #Palestine #AlAqsa #Israel pic.twitter.com/lcv0ZSEtB2
— Middle East Eye (@MiddleEastEye) May 7, 2021
एसोसिएट प्रेस के मुताबिक हिंसा में इजरायल सेना के छह सैनिक भी घायल हुए हैं. विवाद की शुरुआत शेख जर्राह से हुई्. ये येरुशलम का पूर्वी हिस्सा है. यहां इजरायली और फिलीस्तीनी नागरिकों में झड़प हो गई. यही विवाद क्षेत्र के अन्य हिस्सों तक जा पहुंचा.
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दरअसल, येरुशलम विवादित क्षेत्र है, जो इजरायल के कब्जे में है और फिलिस्तीन अपना हक जता रहा है. इसी हिस्से को लेकर अब तक हजारों बेकसूर लोग मारे जा चुके हैं और जो आए दिन हिंसा का सबब भी बनता रहता है. बहरहाल घटना पर संयुक्त राष्ट्र संघ के अलावा दुनिया के अन्य देशों ने भी संज्ञान लिया और इजरायल व फिलिस्तीन से शांति बनाए रखने की अपील की है.
Watch: Palestinian Muslims attacked with tear gas and stun grenades while praying in Al Aqsa mosque in Jerusalem #SaveSheikhJarrah #Palestine🇵🇸 pic.twitter.com/IBTvsA7esr
— Palestine in the UK (@PalMissionUK) May 7, 2021
मिस्र के विदेश मंत्रालय ने मस्जिद के अंदर हिंसा की कड़ी निंदा की है. और उन्होंने इजरायल से फिलिस्तीनी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा किए जाने की अपील की है. मंत्रालय के प्रवक्ता अहमद हफीज ने कहा कि फिलिस्तीन के अधिकार क्षेत्र वाले क्षेत्र में अवैध रूप धमकी दी जा रही है. जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करता है और दो राज्यों के समाधान तक पहुंचने को रोकता है. उन्होंने क्षेत्र की सुरक्षा और स्थितरता के प्रति खतरे का अंदेशा भी जताया है.
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अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार को फिर से हिंसा भड़कने की आशंका है. इसलिए क्योंकि ये तारीख इस्लामिक कैलेंडर की महत्वपूर्ण रात है, जिसे डेस्टिनी ऑफ नाइट के रूप में जाना जाता है. इस दिन फिलिस्तीनी नागरिक अल अक्सा मस्जिद में एकत्र होंगे और नमाज अदा करेंगे. ये येरुशलम दिवस की शुरुआत भी है. इसी दिन इजरायल में राष्ट्रीय अवकाश भी है.
फिलिस्तीनियों पर इजरायली सेना की बबर्रता को लेकर दुनिया भर के मुस्लिम जगत से विरोध दर्ज कराया जा रहा है. और कूटनीतिक स्तर पर भी शांति व्यवस्था बनाए रखने की कोशिशें चल रही हैं.