जोशीमठ से मनमीत
पापा मेरे लिए जोशीमठ बाजार से खिलौने कब लाएंगे! पांच साल की सृष्टि अपनी मां से लगातार पूछ रही है। उसके पिता संदीप कंडियाल इस आपदा के बाद से लापता है।
संदीप बांध परियोजना की कंपनी में कार्यरत थे। उनको तलाशने उनके भाई हरेंद्र रैणी गांव पहुंचे हैं। मलबे के ढेर में काम कर रहे जेसीबी को वो भीगी आंखों से बड़ी उम्मीद से देख रहे हैं।
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‘द लीडर’ से बातचीत में उन्होंने बताया, ‘छोटे भाई की दो बेटियां हैं। बड़ी पांच साल की सृष्टि है और छोटी मिस्टी। संदीप ने बेटी को छह फरवरी को फोन किया था कि वो छुट्टी लेकर नंदप्रयाग घर आ रहे हैं। बेटी ने खिलौने की फरमाइश की तो संदीप ने जोशीमठ से लेने को बोला था।’
”अब घर पर वो बच्चों और भाई की पत्नी को क्या बोलेंगे”, यह कहकर वह फफक पड़े।
ऐसे दर्जनों लोग मलबे के किनारे लापता हो चुके अपनो को तलाशने रैणी गांव आए हुए हैं।
रैणी गांव के मनजीत भी लापता हैं। उनके पिता विकलांग हैं। मनजीत के दो और भाई हैं। एक मानसिक रूप से अस्वस्थ है, जबकि दूसरा बहुत छोटा है। घर की अजीविका मनजीत की मेहनत पर निर्भर थी। हादसे के सदमे से उनकी मां बेसुध हैं।
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जय प्रसाद भी अपने भाई को तलाशने आए हुए हैं। बांध परियोजना के प्रभारी कमल चैहान सड़क के एक तरफ बदहवास होकर रो रहे हैं। पूछने पर इतना ही बता पाए कि उनके 53 लोग लापता हैं। किसी तरह वह और उनके तीन साथी ही बच पाए। उन्होंने कहा, सभी लोग परिवार की तरह थे।
अस्सी साल के बचन सिंह राणा बताते हैं कि उनके गांव रैणी में कई के मकान और खेत बह गए। कई परिवार सड़क पर आ गए हैं।
सीमांत 30 गांव का संपर्क देश से कटा
रैणी गांव में पुल टूटने से चीन सीमा की ओर पड़ने वाले तीस गांवों का संपर्क शेष भारत से कट गया है। इससे सामरिक दृष्टि से अहम सेना की पोस्ट तक रसद और साजोसामान पहुंचाने में दिक्कत होने लगी है।
सरकार ने इन गांवों में किसी के बीमार होने पर हेलीकॉप्टर से मदद के निर्देश दिए हैं। वहीं रसद आपूर्ति भी अगले कुछ दिनों तक इसी तरह होगी।
आईटीबीपी के एडीजी मनोज सिंह ने बताया कि पुल के बह जाने से बड़ा संकट हो गया है। तत्काल बीआरओ से बनवाने के लिये कहा गया है। तीस गांव और सीमा की रक्षा के लिए यह पुल अतिआवश्यक है।